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वाराणसी में कंप्रेस्ड बायो गैस का शुरू हुआ उत्पादन, 23 करोड़ रुपये की लागत से बना है प्लांट - वाराणसी में कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वाराणसी में कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन शुरू कर दिया है. इसका सफलतापूर्वक परीक्षण भी कर लिया गया है.

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कंप्रेस्ड बायो गैस का शुरू हुआ उत्पादन
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Published : May 6, 2022, 3:33 PM IST

वाराणसीः योगी सरकार ने जिले में कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन शुरू कर दिया है. इसका सफलतापूर्वक परीक्षण भी कर लिया गया है. वाराणसी के शाहंशापुर में करीब सात एकड़ में बायोगैस प्लांट बनाया गया है. इसकी क्षमता 3150 किलो प्रतिदिन सीबीजी का उत्पादन करने की है. ये प्लांट गैस के साथ तरल और ठोस फर्टिलाइजर का भी उत्पादन करेगा. इस योजना में गोपालकों से गोबर खरीदने से उनकी आमदनी बढ़ेगी और लोगों को रोजगार मिलेगा. कंप्रेस्ड बायो गैस के उत्पादन से पर्यावरण को लाभ मिलेगा. इसके साथ ही कच्चे तेल और गैस आयात पर निर्भरता कम होगी और फॉरेन एक्सचेंज की भी बचत होगी.

आपको बता दें कि योगी सरकार ने वाराणसी में सीएनजी से वाहन और गंगा में मोटर बोट चलाने के साथ ही अब कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन भी शुरू कर दिया है. काशी में गोबर गैस प्लांट काम करना शुरू कर दिया है. इसका पहला फेज सीबीजी का उत्पादन सफलतापूर्वक काम करने लगा है. गोबर, प्रेस मड यानि कि चीनी फैक्ट्रियों से निकलने वाला वेस्ट पदार्थ और नेपियर घास से कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन हो रहा है. शहंशाहपुर स्थित कान्हा उपवन परिसर में ये प्लांट सात एकड़ में लगा है.

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कंप्रेस्ड बायो गैस का शुरू हुआ उत्पादन

इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 23 करोड़ रुपये है. सीबीजी के स्थानीय उत्पादन से लोगों की जेब भी बचेगी और शहर भी प्रदूषण से बचेगा. प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में इसके वेस्ट से जैविक खाद बनाया जाएगा. जिसमें ठोस और लिक्विड जैविक खाद बनेगा, जो ऑर्गेनिक खेती के काम आयेगा. इस प्लांट के मुख्यतः लिक्विड और ठोस खाद से कई प्रकार के और खाद बनाये जाएंगे, जो अलग-अलग फसल के उत्पादन में सहायक होंगे. खास बात ये है कि प्लांट में ही किसानों के लिए ट्रेनिंग सेंटर भी है. यहां किसानों को ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जायेगा. जिससे वे अपनी आय बढ़ाने के साथ ही लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक रख सकेंगे.

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कंप्रेस्ड बायो गैस का शुरू हुआ उत्पादन

प्लांट को संचालित करने वाली अडानी टोटल गैस लिमिटेड के डिप्टी मैनेजर विक्रमादित्य शिंदे ने बताया कि कंप्रेस्ड बायोगैस, एलपीजी से काफी सस्ती है. रोजाना 500 से 600 किलो एलपीजी का इस्तेमाल करने वाली औद्योगिक इकाई सीबीजी से चलाना बेहद सस्ता है. उद्यमी इसके इस्तेमाल से करीब 5 फीसदी की बचत कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि सीबीजी से गाड़ी चलाना भी सस्ता है. सीबीजी सीएनजी की ही तरह प्रदूषण रहित और सस्ता ईंधन है.

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कंप्रेस्ड बायो गैस का शुरू हुआ उत्पादन

इसे भी पढ़ें- हाईकोर्ट ने लाउडस्पीकर की मांग वाली याचिका को किया खारिज, कहा- ये मौलिक अधिकार नहीं

विक्रमादित्य शिंदे ने बताया कि 23 करोड़ रुपये की लागत से करीब सात एकड़ बने 3150 किलो गैस उत्पादन क्षमता वाले प्लांट से प्रतिदिन जैविक खाद का भी उत्पादन होगा. इसमें 55 हजार लीटर तरल खाद और 18 हजार ठोस जैविक खाद का उत्पादन होगा. प्रतिदिन 900 क्विंटल गोबर के साथ कंप्रेस्ड की जरूरत होगी.

वाराणसीः योगी सरकार ने जिले में कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन शुरू कर दिया है. इसका सफलतापूर्वक परीक्षण भी कर लिया गया है. वाराणसी के शाहंशापुर में करीब सात एकड़ में बायोगैस प्लांट बनाया गया है. इसकी क्षमता 3150 किलो प्रतिदिन सीबीजी का उत्पादन करने की है. ये प्लांट गैस के साथ तरल और ठोस फर्टिलाइजर का भी उत्पादन करेगा. इस योजना में गोपालकों से गोबर खरीदने से उनकी आमदनी बढ़ेगी और लोगों को रोजगार मिलेगा. कंप्रेस्ड बायो गैस के उत्पादन से पर्यावरण को लाभ मिलेगा. इसके साथ ही कच्चे तेल और गैस आयात पर निर्भरता कम होगी और फॉरेन एक्सचेंज की भी बचत होगी.

आपको बता दें कि योगी सरकार ने वाराणसी में सीएनजी से वाहन और गंगा में मोटर बोट चलाने के साथ ही अब कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन भी शुरू कर दिया है. काशी में गोबर गैस प्लांट काम करना शुरू कर दिया है. इसका पहला फेज सीबीजी का उत्पादन सफलतापूर्वक काम करने लगा है. गोबर, प्रेस मड यानि कि चीनी फैक्ट्रियों से निकलने वाला वेस्ट पदार्थ और नेपियर घास से कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन हो रहा है. शहंशाहपुर स्थित कान्हा उपवन परिसर में ये प्लांट सात एकड़ में लगा है.

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कंप्रेस्ड बायो गैस का शुरू हुआ उत्पादन

इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 23 करोड़ रुपये है. सीबीजी के स्थानीय उत्पादन से लोगों की जेब भी बचेगी और शहर भी प्रदूषण से बचेगा. प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में इसके वेस्ट से जैविक खाद बनाया जाएगा. जिसमें ठोस और लिक्विड जैविक खाद बनेगा, जो ऑर्गेनिक खेती के काम आयेगा. इस प्लांट के मुख्यतः लिक्विड और ठोस खाद से कई प्रकार के और खाद बनाये जाएंगे, जो अलग-अलग फसल के उत्पादन में सहायक होंगे. खास बात ये है कि प्लांट में ही किसानों के लिए ट्रेनिंग सेंटर भी है. यहां किसानों को ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जायेगा. जिससे वे अपनी आय बढ़ाने के साथ ही लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक रख सकेंगे.

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कंप्रेस्ड बायो गैस का शुरू हुआ उत्पादन

प्लांट को संचालित करने वाली अडानी टोटल गैस लिमिटेड के डिप्टी मैनेजर विक्रमादित्य शिंदे ने बताया कि कंप्रेस्ड बायोगैस, एलपीजी से काफी सस्ती है. रोजाना 500 से 600 किलो एलपीजी का इस्तेमाल करने वाली औद्योगिक इकाई सीबीजी से चलाना बेहद सस्ता है. उद्यमी इसके इस्तेमाल से करीब 5 फीसदी की बचत कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि सीबीजी से गाड़ी चलाना भी सस्ता है. सीबीजी सीएनजी की ही तरह प्रदूषण रहित और सस्ता ईंधन है.

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कंप्रेस्ड बायो गैस का शुरू हुआ उत्पादन

इसे भी पढ़ें- हाईकोर्ट ने लाउडस्पीकर की मांग वाली याचिका को किया खारिज, कहा- ये मौलिक अधिकार नहीं

विक्रमादित्य शिंदे ने बताया कि 23 करोड़ रुपये की लागत से करीब सात एकड़ बने 3150 किलो गैस उत्पादन क्षमता वाले प्लांट से प्रतिदिन जैविक खाद का भी उत्पादन होगा. इसमें 55 हजार लीटर तरल खाद और 18 हजार ठोस जैविक खाद का उत्पादन होगा. प्रतिदिन 900 क्विंटल गोबर के साथ कंप्रेस्ड की जरूरत होगी.

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