वाराणसीः नए मोबाइल का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को मोबाइल में होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह ने नए निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने एक मामले की सुनवाई करते हुए मोबाइल कंपनी, सर्विस सेंटर व मोबाइल डिलीवरी करने वाली कंपनी को मोबाइल की कीमत और उपभोक्ता के आर्थिक, शारीरिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में हर्जाना देने के निर्देश दिए हैं.
2 महीने में ही खराब हुआ टच स्क्रीन
दरअसल, चौक थाना क्षेत्र के ब्रह्मनाल निवासी गोपाल गुप्ता ने स्मार्ट कंपनी का एक मोबाइल फोन ऑनलाइन बुक कर मंगाया था, जिसकी कीमत 7999 रुपये थी. 19 फरवरी 2018 को गोपाल गुप्ता ने सील पैक मोबाइल प्राप्त किया और उसका भुगतान किया. इस मोबाइल की 1 वर्ष की वारंटी थी और लगभग 2 महीने के बाद मोबाइल के टच स्क्रीन ने काम करना बंद कर दिया. जब गोपाल गुप्ता ने कस्टमर केयर पर इसकी शिकायत की तो उन्हें बताया गया कि कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर में जाकर मोबाइल की त्रुटियों को दूर कराएं. इसके बाद गोपाल गुप्ता सर्विस सेंटर पहुंचे. जहां मोबाइल का पार्ट्स न मिलने के कारण उन्हें बार-बार दौड़ाया गया.
टालमटोल होने पर दर्ज हुआ विवाद
इस संबंध में उपभोक्ता गोपाल गुप्ता ने बताया कि लगभग 6 महीने दौड़ने के बाद भी उनका मोबाइल ठीक नहीं हुआ और सर्विस सेंटर ने कंपनी के पार्ट्स न मिलने का बहाना बनाया और उन्हें दौड़ाते रहे. इसके बाद उन्होंने परेशान होकर मोबाइल कंपनी, सर्विस सेंटर और मोबाइल डिलीवरी करने वाली कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में मुकदमा दायर किया.
उपभोक्ता फोरम ने दिए निर्देश
इस मामले की सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिंह ने मोबाइल कंपनी, सर्विस सेंटर व मोबाइल डिलीवरी करने वाली कंपनी के खिलाफ निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता को मोबाइल की कीमत और आर्थिक क्षति पूर्ति की जाए. सुरेंद्र कुमार सिंह ने उपभोक्ता को मोबाइल की कीमत के 7999 रुपये और परिवाद दाखिल करने की तिथि तक इसको भुगतान होने की तारीख के साथ 7 फीसद वार्षिक ब्याज की दर से देने को कहा. इसके अलावा उन्होंने उपभोक्ता को अतिरिक्त मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति के लिए बतौर 2 हजार रुपए व वाद दाखिल करने में खर्च हुए 2 हजार रुपए अदा करने के निर्देश दिए हैं.