वाराणसीः काशी में एनआईए द्वारा शाहिद, वसीम, व रिजवान की गिरफ्तारी के बाद उनके माता पिता कम्युनिस्ट फ्रंट के प्रतिनिधिमंडल मंडल (Communist Front delegation) ने मुलाकात की. वाराणसी में पिछले दो दिनों से एनआईए की ताबड़तोड़ छापेमारी चल रही है. जिसमें तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है.
बता दें कि कम्युनिस्ट फ्रंट (Communist Front delegation) के संयोजक मनीष शनिवार को पीएफआई के गिरफ्तार तीनो सदस्यों के परिजनों से मिलकर बातचीत की. मनीष ने बताया की सामाजिक, राजनीतिक सक्रियता को टटोला गया है. उन्होंने इस गिरफ्तारी पर कहा कि ये अन्याय हो रहा है. इन नौजवानों को देर रात घर से घसीट कर बिना वजह बताए पुलिस गिरफ्तार कर रही है. गिरफ्तार युवकों को कहां रखा गया है, ये भी नहीं बताया जा रहा है.
मनीष ने बताया की प्रतिनिधिमंडल से बात कर परिवार और मुहल्ले के लोगों ने लगभग एक स्वर में कहा कि अब ऐसा लगता है कि इस सरकार के दौर में मुस्लिम होना ही गुनाह हो गया है. सब कुछ बहाना है, असली मकसद हमें निशाना बनाना है.
इस गिरफ्तारी के मामले में शाहिद के पिता ने कहा कि उसका एक और गुनाह ये था कि वह समाज और देश की चिंता करता है. डरता नहीं है. लोकतांत्रिक तरिके से सामाजिक मसलों को उठाता है. शायद इसी की सजा दी जा रही है.
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प्रतिनिधिमंडल से पड़ोसियों ने कहा कि जिस तरह से देश भर में गिरफ्तारी की जा रही है. ये इस्लामोफोबिया फैलाने की कोशिश हो रही है. उन्होंने आगे कहा की वाराणसी में हुई गिरफ्तारी भी इसी मकसद से की गई है. प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप कम्युनिस्ट फ्रंट के संयोजक मनीष शर्मा, गांव के लोग पत्रिका के संपादक रामजी यादव, डाo अकबर, इस्तियाक भाई, अपर्णा, शहजादी, फजलुर्रहमान, शाहिद जमाल, आदि शामिल थे.
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