वाराणसी: कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने विकास कार्यों को लेकर एक समीक्षा बैठक की. दीपक अग्रवाल ने आयुष्मान भारत के अंतर्गत मण्डल भर के समस्त पात्र परिवारों के गोल्डेन कार्ड बनाये जाने के निर्देश दिए. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावा गांव स्तर पर विभागों के माध्यम से टीम बनाकर कैम्प का आयोजन करने की बात कही. बता दें कि अब तक 66 हजार 712 गोल्डेन कार्ड बनाये जा चुके हैं, जिसके तहत 62 हजार 967 लोग प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में इलाज करा चुके हैं.
एम्बुलेंस सेवा की हर कॉल अटेंड हो
कमिश्नर ने गांवों में पहले से ही संचालित हुए 362 हेल्थ और वैलनेस सेंटरों पर चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का लोड कम करने के लिए इन सेंटरों पर सुव्यवस्थित ढंग से शुगर, ब्लड प्रेशर और छोटी-मोटी मौसमी बीमारियों के परीक्षण और दवाइयों की उचित व्यवस्था की जाए. इसके अलावा 102 और 108 एम्बुलेंस सेवा की हर कॉल को अटेंड करने के निर्देश दिए. बैठक में शामिल मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वैक्सीन के स्टोरेज के लिए कोल्ड चैन, स्टोरेज और प्रथम चरण में लगने वाले मेडिको और पैरामेडिकल की सूची तैयार की जा चुकी है.
रोजगार सृजन पर समीक्षा
बैठक में दीपक अग्रवाल ने जानकारी दी कि जिले में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन, ग्रामोद्योग रोजगार सृजन और ओडीओपी योजनाओं के तहत 797 इकाइयों को स्थापित किया जा रहा है, जिसमें लाभार्थियों के लिए 19.22 करोड़ रुपये मार्जिन मनी उपलब्ध कराया जाएगा.
किसानों से सीधा खरीदा जाए धान
उन्होंने किसानों को उनकी फसल का सीधा लाभ देने के लिए धान खरीद पर जोर देते हुए सीधा किसान से धान क्रय करने के निर्देश दिए गए. किसानों को सरकारी समर्थन मूल्य का लाभ देने के लिए दीपक अग्रवाल ने रजिस्टर्ड किसानों से सम्पर्क साधने की बात कही और लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की चेतावनी दी. उन्होंने मंडल के सभी जिलाधिकारी को अपने-अपने जनपदों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बातचीत कर धान खरीद की व्यवस्था को बेहतर बनाने की बात कही.
पंचायत चुनावों के लेकर हुई चर्चा
गांवों के विकास में सम्बन्ध में बात करते हुए मंडलायुक्त ने उपलब्ध सभी निधियों की मदद से विकास कार्यों को गति देने के निर्देश दिए. आगामी पंचायत चुनाव पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के कारण विकास कार्य प्रभावित नहीं होने चाहिए. इसके लिए प्राप्त धनराशि का सदुपयोग और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने की बात कही.