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विश्वनाथ मंदिर की शिकायतों की जांच करने गमछा बांध गुपचुप ऐसे पहुंचे कमिश्नर, फिर हुआ ये - Vishwanath Corridor

काशी विश्वनाथ मंदिर की शिकायतों की जांच करने के लिए कमिश्नर मुंह पर गमछा बांधकर गुपचुप मंदिर पहुंच गए. फिर क्या हुआ, चलिए जानते हैं.

विश्वनाथ मंदिर.
विश्वनाथ मंदिर.
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Published : May 13, 2022, 6:25 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में दूसरी बार सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अपने मंत्री और विधायकों के साथ अधिकारियों को जनता के बीच जाकर ज्यादा से ज्यादा समस्याएं हल करने के लिए कह रहे हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर से मिल रही शिकायतों की जांच करने के लिए कमिश्नर दीपक अग्रवाल मुंह पर गमछा बांधकर मंदिर पहुंच गए.

दरअसल, कमिश्नर के पास कई दिनों से विश्वनाथ धाम में सेवादारों और पुलिसकर्मियों के गलत व्यवहार की शिकायतें आ रहीं थीं. इसके अलावा भी कई और शिकायतें आई थीं. इन्हें गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए कमिश्नर खुद ही आम भक्त बनकर मंदिर पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने देखा कि दिव्यांग और बुजुर्ग भक्तों के लिए उपलब्ध व्हीलचेयर के लिए सेवादार पैसे की डिमांड कर रहे हैं. उन्हें सहायता केंद्र पर भी अव्यवस्था मिली.

वह एक घंटे तक मंदिर में रहे. इस दौरान सेवादारों द्वारा दान का पैसा दानपात्र में न डालकर खुद ही रखने, पुलिस द्वारा आम भक्तों से अच्छा व्यवहार न किए जाने समेत कई अव्यवस्थाएं उन्हें नजर आईं. इस संबंध में उन्होंने विश्वनाथ धाम प्रशासन संबंधित व्यक्तियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगने के लिए कहा है.

कमिश्नर ने कहा कि भक्तों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के साथ अच्छा व्यवहार भी जरूरी है. इसी की जांच करने वह गए थे. जो भी खामियां सामने आईं हैं उन्हें जल्द दूर किया जाएगा. जो भी लोग मंदिर प्रशासन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें माफ नहीं किया जाएगा. एक नोटिस देकर उनको सुधरने का मौका दिया जाएगा. अगली शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी.

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वाराणसी: उत्तर प्रदेश में दूसरी बार सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अपने मंत्री और विधायकों के साथ अधिकारियों को जनता के बीच जाकर ज्यादा से ज्यादा समस्याएं हल करने के लिए कह रहे हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर से मिल रही शिकायतों की जांच करने के लिए कमिश्नर दीपक अग्रवाल मुंह पर गमछा बांधकर मंदिर पहुंच गए.

दरअसल, कमिश्नर के पास कई दिनों से विश्वनाथ धाम में सेवादारों और पुलिसकर्मियों के गलत व्यवहार की शिकायतें आ रहीं थीं. इसके अलावा भी कई और शिकायतें आई थीं. इन्हें गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए कमिश्नर खुद ही आम भक्त बनकर मंदिर पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने देखा कि दिव्यांग और बुजुर्ग भक्तों के लिए उपलब्ध व्हीलचेयर के लिए सेवादार पैसे की डिमांड कर रहे हैं. उन्हें सहायता केंद्र पर भी अव्यवस्था मिली.

वह एक घंटे तक मंदिर में रहे. इस दौरान सेवादारों द्वारा दान का पैसा दानपात्र में न डालकर खुद ही रखने, पुलिस द्वारा आम भक्तों से अच्छा व्यवहार न किए जाने समेत कई अव्यवस्थाएं उन्हें नजर आईं. इस संबंध में उन्होंने विश्वनाथ धाम प्रशासन संबंधित व्यक्तियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगने के लिए कहा है.

कमिश्नर ने कहा कि भक्तों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के साथ अच्छा व्यवहार भी जरूरी है. इसी की जांच करने वह गए थे. जो भी खामियां सामने आईं हैं उन्हें जल्द दूर किया जाएगा. जो भी लोग मंदिर प्रशासन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें माफ नहीं किया जाएगा. एक नोटिस देकर उनको सुधरने का मौका दिया जाएगा. अगली शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी.

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