वाराणसीः गंगा में सीएनजी नावों के चलाने की कवायद शुरू हो चुकी है. गंगा को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए शासन एक करोड़ रुपये का बजट जारी करेगा. वाराणसी जिला प्रशासन और सरकार की मदद से इस योजना को धरातल पर उतारा जायेगा.
इन सीएनजी नावों के लिए गेल कंपनी से सीएसआर फंड और वाराणसी प्रशासन की ओर से नाविकों को सब्सिडी देने पर विचार किया गया है. वाराणसी के घाटों पर फिलहाल 200 नावों को सीएनजी के लिए चिन्हित किया गया है.
उम्मीद है कि नवरात्रि से ही चिन्हित नावों को सीएनजी संचालित किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि गंगा की लहरों के बीच डीजल से चलने वाली नावों से काफी प्रदूषण फैलता है. गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार ने काफी बजट दिया है.
वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने इसकी पहल करते हुए नाविक समाज से बात कर ली है. दीपक अग्रवाल की इस पहल से जहां एक ओर गंगा प्रदूषण मुक्त होंगी वहीं दूसरी ओर नाविकों की आय भी बढ़ेगी. नावों को सीएनजी संचालित करने के लिए 60 प्रतिशत खर्च सरकार देगी, जबकि 40 प्रतिशत खर्च नाविकों को वहन करना होगा.
इस योजना के बारे में जब गंगा के घाटों पर घूमने आए और नौकाविहार का आनंद लेने वाले सैलानियों से बात की गई तो उन लोगों ने खुशी जाहिर की. सैलानियों ने इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि सीएनजी नावों के चलने से किराया भी कम होगा और नावों से निकलने वाले शोर से भी छुटकारा मिलेगा.