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वाराणसी में जारी है बाढ़ का कहर, आज सीएम योगी करेंगे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा - गंगा एवं वरुणा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी

वाराणसी में बाढ़ का कहर जारी है. कई गांव में लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं. लोगों को कहीं आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. ऐसे में प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए सीएम योगी पहुंच रहे हैं.

वाराणसी में बाढ़.
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Published : Sep 20, 2019, 12:14 PM IST

वाराणसी: गंगा एवं वरुणा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी से शहर से लेकर गांव तक बाढ़ का कहर जारी है. सामने घाट, नगवा, अस्सी, रमना आदि क्षेत्रों में गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. ऐसे में बाढ़ में फंसे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को घर से बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को सामने घाट के इन कॉलोनियों का निरीक्षण करेंगे और बाढ़ में फंसे लोगों का हाल जानेंगे.

वाराणसी में बाढ़ से आम जनजीवन प्रभावित.

बाढ़ से लोगों को रही काफी दिक्कतें
सामने घाट क्षेत्र में 500 से ज्यादा घर ऐसे हैं, जहां लोग घर छोड़कर जा चुके हैं, लेकिन जिन लोगों को किसी मजबूरी में अपने घरों में रहना है, उन्हें बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. इसलिए उन्हें घंटों नाव का इंतजार करना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि चोरी के डर के चलते हम घर छोड़कर नहीं जा सकते. जिला प्रशासन ने दो नाव लगा दी हैं ताकि लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े.

ये भी पढ़ें: LIVE VIDEO: बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री लेकर पहुंचे डीएम दीवार के साथ गिरे

हम तो घर से निकल ही नहीं पा रहे हैं क्योंकि पानी इतना ज्यादा है कि बिना नाव के बाहर निकलना मुश्किल है. सबसे ज्यादा दिक्कत सांप आदि जानवरों से हो रही है, जो पानी में बहकर आए हैं. हमें पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है.
- विकास दुबे, बाढ़ पीड़ित

वाराणसी: गंगा एवं वरुणा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी से शहर से लेकर गांव तक बाढ़ का कहर जारी है. सामने घाट, नगवा, अस्सी, रमना आदि क्षेत्रों में गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. ऐसे में बाढ़ में फंसे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को घर से बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को सामने घाट के इन कॉलोनियों का निरीक्षण करेंगे और बाढ़ में फंसे लोगों का हाल जानेंगे.

वाराणसी में बाढ़ से आम जनजीवन प्रभावित.

बाढ़ से लोगों को रही काफी दिक्कतें
सामने घाट क्षेत्र में 500 से ज्यादा घर ऐसे हैं, जहां लोग घर छोड़कर जा चुके हैं, लेकिन जिन लोगों को किसी मजबूरी में अपने घरों में रहना है, उन्हें बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. इसलिए उन्हें घंटों नाव का इंतजार करना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि चोरी के डर के चलते हम घर छोड़कर नहीं जा सकते. जिला प्रशासन ने दो नाव लगा दी हैं ताकि लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े.

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हम तो घर से निकल ही नहीं पा रहे हैं क्योंकि पानी इतना ज्यादा है कि बिना नाव के बाहर निकलना मुश्किल है. सबसे ज्यादा दिक्कत सांप आदि जानवरों से हो रही है, जो पानी में बहकर आए हैं. हमें पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है.
- विकास दुबे, बाढ़ पीड़ित

Intro:गंगा एवं करुणा में बढ़ाओ के कारण शहर से लेकर गांव तक बाढ़ का कहर जारी है एक और जहां सामने घाट,नगवा, अस्सी, रमना आदि क्षेत्रों में गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। ऐसे में बाढ़ में फंसे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है सामने घाट स्थित मारुति नगर इन दिनों 80% से ज्यादा डूब गया है और वहां का आलम यह है कि लोगों को घर से बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है।


Body:सामने घाट क्षेत्र में लगभग आधा दर्जन कॉलोनी या बाढ़ से प्रभावित हैं जहां पर हम बात करें तो 500 से ज्यादा घर ऐसे हैं जिसे लोग छोड़ कर जा चुके हैं लेकिन जो लोग किसी मजबूरी में अपने घरों में रहना है उन्हें अपने घरों से बाहर निकलने और घरों में जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है इसलिए उन्हें घंटों नाव का इंतजार करना पड़ा है ऐसे में लोगों ने बताया कि हम घर छोड़कर नहीं जा सकते क्योंकि चोरी का भी डर है जिला प्रशासन ने दो नाव लगा दिए हैं कि लोगों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े और ऐसे में हम आपको बता दें सुबह के मुखिया योगी आदित्यनाथ आज सामनेघाट के इन्हीं कॉलोनियों का निरीक्षण करेंगे और बाढ़ में फंसे लोगों का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री के आने की सूचना से लोग थोड़े संतोष हैं कि निरीक्षण के बाद हमारे यहां की व्यवस्था और बनेंगी और नाव भी लगाए जाएंगे जिसे हमें समस्या का समाधान होगा।


Conclusion:विश्वनाथ दुबे ने बताया कि हम तो घर से निकल ही नहीं पा रहे हैं क्योंकि पानी इतना ज्यादा है कि बिना नाव के बाहर निकलना मुश्किल है और सबसे ज्यादा दिक्कत जंगली जानवरों से हो रही है जैसे सांप आदि जानवर घर मे घुस जा रहे है। पानी में बह के आए हैं जो घरों में घुस जा रहे हैं और हमें पीने का पानी भी नहीं मिल रहा। यह तो यहां कोई आ नहीं रहा है और जो भी पुरानी पानी की व्यवस्था है वह पूरी तरह ठप है।

बाईट :-- विश्वनाथ दुबे, बाढ़ पीड़ित

अशुतोष उपाध्याय

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