वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 19 फरवरी को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर आ रहे हैं. पीएम मोदी के आगमन को लेकर वाराणसी में तैयारियां शुरू हो गई हैं. वहीं शुक्रवार को तैयारियों की समीक्षा और स्थलीय निरीक्षण करने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर काशी पहुंचे. यहां सीएम योगी ने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ पीएम मोदी के आगमन को लेकर बैठक करने के बाद रात्रि भ्रमण किया.
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को जौनपुर से सीधे वाराणसी अपने दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं. सीएम योगी ने दौरे के पहले दिन उन परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया, जिन परियोजनाओं का 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकार्पण और शिलान्यास करना है. काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर शुरू होने के बाद पीएम मोदी अपने दौरे पर इसका शिलान्यास करेंगे, जिसको ध्यान में रखते हुए सीएम योगी ने विश्वनाथ मंदिर पहुंचकर दर्शन-पूजन के बाद कॉरिडोर का निरीक्षण किया.
हाईटेक सिटी कंट्रोल रूम का सीएम योगी ने किया निरीक्षण
काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निरीक्षण के दौरान सीएम योगी ने काम में तेजी लाने के निर्देश दिए. इसके बाद सीएम योगी सिगरा पर बन रहे सिटी कमांड सेंटर पहुंचे, जहां पर 125 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा प्रदेश के पहला हाईटेक सिटी कंट्रोल रूम है. यहां से शहर के चौराहों की ट्रैफिक व्यवस्था और सुरक्षा-व्यवस्था को हाईटेक तरीके से वॉच किया जाएगा. यहां पर स्थलीय निरीक्षण करने के बाद सीएम योगी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर से कुछ दूर पर तैयार हो रहे महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर अस्पताल का भी निरीक्षण किया. पीएम मोदी अपने दौरे पर इस अस्पताल को अपने संसदीय क्षेत्र के साथ देश वासियों को भी सौंपेंगे.
खास तकनीक से तैयार की गई कैंसर अस्पताल की बिल्डिंग
बता दें कि बीएचयू में बन रहे इस कैंसर सेंटर में तमाम सुविधाएं हैं. 600 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुए इस कैंसर सेंटर के बारे में बताया जा रहा है कि यह देश का अपने आप में ऐसा एकलौता हॉस्पिटल होगा, जिसका भवन प्रीफैब्रिकेशन तकनीक से निर्मित है. यहां कैंसर के इलाज की पूरी व्यवस्था मौजूद रहेगी. प्रीफैबरीकेटेड बिल्डिंग के अधिकतर भाग को पहले ही फैक्ट्रियों में तैयार किया जाता है, जिसे बाद में कंस्ट्रक्शन साइट पर लाकर असेंबल किया जाता है. इसके अलावा बिल्डिंग की दीवार छत सभी चीजें जरूरत के हिसाब से सीमेंट व फाइबर आदि चीजों से बनाई जाती हैं. इस तरह की बिल्डिंग के निर्माण में कम समय में पूरा काम हो जाता है. इस कैंसर संस्थान के बन जाने के बाद यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. लोगों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए मुंबई दिल्ली या फिर अन्य मेट्रो सिटी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.