वाराणसी: कोविड-19 की दूसरी लहर थमने के साथ ही प्रदेश में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाए जाने की तैयारी की जा रही है. इन सबके बीच पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लगभग 39 परियोजनाओं के लोकार्पण की तैयारी शुरू हो गई है. आठ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कि इन परियोजनाओं का लोकार्पण जुलाई के अंतिम सप्ताह या फिर अगस्त के पहले सप्ताह में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं. इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज शाम अब वाराणसी पहुंचेंगे और पूर्ण हो चुके विकास कार्यों की समीक्षा बैठक और स्थलीय निरीक्षण करेंगे.
जिला प्रशासन को देर रात मिले मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार की शाम लगभग 5:00 बजे के बाद वाराणसी पहुंचेंगे. यहां आने के बाद मुख्यमंत्री सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ विकास कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे. इसके अलावा कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर की जा रही तैयारियों की भी समीक्षा करेंगे. मुख्यमंत्री रात में ही श्री काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन पूजन के लिए भी जा सकते हैं और यहां पर चल रहे निर्माणाधीन विश्वनाथ कॉरिडोर के कार्यों का भी स्थलीय निरीक्षण कर सकते हैं.
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मल्टी लेवल पार्किंग और प्राइमरी स्कूल का करेंगे उद्घाटन
प्रभारी जिलाधिकारी मधुसूदन हुलगी ने बताया कि सीएम के प्रस्तावित दौरे को देखते हुए सभी विभागों को तैयारियों करने का निर्देश दे दिया गया है. अपने दौरे के दौरान सीएम सभी परियोजनाओ की जानकारी लेने के साथ-साथ गोदौलिया मल्टी लेवल पार्किंग और मछोदरी प्राइमरी स्कूल का उद्घाटन करेंगे. इसके साथ ही राजघाट नगर निगम स्कूल को लेकर चलने वाले अपग्रेडेशन योजना का भी शिलान्यास करेंगे.
तैयारियों में जुटे अधिकारी
सीएम दौरे के मद्देनजर सभी विभाग के अधिकारी तैयारियों में जुटे हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्र पर होने वाले कार्यों का ब्यौरा जुटाने में लगा हुआ है. जिससे मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेंटेशन के जरिए व्यवस्थाओं को बताया जा सके.
पिछले एक्शन से अधिकारियों में डर
मुख्यमंत्री का यह दौरा इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि लगभग 2 सप्ताह पहले ही सीएम योगी वाराणसी आए थे. उन्होंने समीक्षा बैठक के दौरान पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी को सस्पेंड कर दिया था. इस दौरान उन्होंने कई अधिकारियों को दो टूक निर्देश दिए थे कि विकास कार्यों में लापरवाही को लेकर यह अंतिम चेतावनी है. ऐसे में अब लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज भी गिर सकती है.