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Chandra Grahan 2023: ग्रहण के मोक्ष के बाद गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़, डुबकी लगाकर लोगों ने किया दान पुण्य

चंद्र ग्रहण 2023 (Chandra Grahan 2023) की वजह से वाराणसी में मध्य रात्रि से ही मंदिरों के कपाट और अन्य धार्मिक अनुष्ठान रोक दिए गए थे. चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद से लोगों की भीड़ ने घाटों पर गंगा स्नान कर दान पुण्य किया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 29, 2023, 11:21 AM IST

Updated : Oct 29, 2023, 12:17 PM IST

चंद्र ग्रहण के बाद गंगा में स्नान करते श्रद्धालु.

वाराणसी: 28-29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण था. 28 अक्टूबर की रात में चंद्र ग्रहण लगने के बाद मंदिरों के कपाट और अन्य धार्मिक अनुष्ठान रोक दिए गए थे. रात करीब 10 बजकर 30 मिनट पर बाबा विश्वनाथ मंदिर भी नियमित आरती और भोग इत्यादि के बाद बंद कर दिया गया था. रात 1 बजकर 9 मिनट पर शुरू हुआ चंद्र ग्रहण सुबह 2 बजकर 20 पर खत्म हुआ. इसके बाद सारे मंदिरों को फिर से खोलकर साफ-सफाई के बाद पूजन पर शुरू हुआ. वहीं, गंगा घाट पर ग्रहण के मोक्ष के बाद लोगों की भीड़ ने गंगा स्नान कर दान पुण्य किया.

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वाराणसी में आखिरी चंद्र ग्रहण पर घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़.

दरअसल 28-29 अक्टूबर की रात्रि इस वर्ष का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण देखने को मिला. चंद्र ग्रहण रात्रि 1 बजकर 9 मिनट पर शुरू हुआ था. जिसका सूतक लगभग 9 घंटे पहले ही शुरू हो गया था. इसके वजह से वाराणसी में शाम के वक्त होने वाली नियमित गंगा आरती शनिवार दोपहर 2 बजे सम्पन्न करवाई गई थी.

नियम के मुताबिक ग्रहण काल की शुरुआत के लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. इस दौरान मंदिरों में दर्शन पूजन बंद कर दिया जाता है. वाराणसी के विभिन्न मंदिरों में भी दर्शन पूजन बंद करते हुए भगवान के आगे पर्दा गिरा दिया गया था. लेकिन बाबा विश्वनाथ मंदिर में हमेशा की तरह रात्रि चयन आरती के बाद भगवान विश्वनाथ का दर्शन पूजन बंद किया गया था. इस दौरान भगवान भोलेनाथ को नियमित भोग लगने वाले की जगह फलाहार का भोग लगाया गया था.

फिलहाल रात लगभग 2 बजकर 20 मिनट पर हुए ग्रहण के मोक्ष के बाद गंगा स्नान का सिलसिला सुबह तक जारी है. देर रात तक गांव देहात की ड्यूटी भीड़ के बाद रविवार की सुबह सूर्य निकलने के बाद भी गंगा स्नान करने का सिलसिला जारी रहा. इसके अलावा अभी भी दान पुण्य करने के साथ गंगा स्नान करने वालों की जबरदस्त भीड़ वाराणसी के गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान करती रही.

यह भी पढ़ें- चंद्र ग्रहण के कारण दोपहर में हुई काशी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती

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चंद्र ग्रहण के बाद गंगा में स्नान करते श्रद्धालु.

वाराणसी: 28-29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण था. 28 अक्टूबर की रात में चंद्र ग्रहण लगने के बाद मंदिरों के कपाट और अन्य धार्मिक अनुष्ठान रोक दिए गए थे. रात करीब 10 बजकर 30 मिनट पर बाबा विश्वनाथ मंदिर भी नियमित आरती और भोग इत्यादि के बाद बंद कर दिया गया था. रात 1 बजकर 9 मिनट पर शुरू हुआ चंद्र ग्रहण सुबह 2 बजकर 20 पर खत्म हुआ. इसके बाद सारे मंदिरों को फिर से खोलकर साफ-सफाई के बाद पूजन पर शुरू हुआ. वहीं, गंगा घाट पर ग्रहण के मोक्ष के बाद लोगों की भीड़ ने गंगा स्नान कर दान पुण्य किया.

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वाराणसी में आखिरी चंद्र ग्रहण पर घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़.

दरअसल 28-29 अक्टूबर की रात्रि इस वर्ष का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण देखने को मिला. चंद्र ग्रहण रात्रि 1 बजकर 9 मिनट पर शुरू हुआ था. जिसका सूतक लगभग 9 घंटे पहले ही शुरू हो गया था. इसके वजह से वाराणसी में शाम के वक्त होने वाली नियमित गंगा आरती शनिवार दोपहर 2 बजे सम्पन्न करवाई गई थी.

नियम के मुताबिक ग्रहण काल की शुरुआत के लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. इस दौरान मंदिरों में दर्शन पूजन बंद कर दिया जाता है. वाराणसी के विभिन्न मंदिरों में भी दर्शन पूजन बंद करते हुए भगवान के आगे पर्दा गिरा दिया गया था. लेकिन बाबा विश्वनाथ मंदिर में हमेशा की तरह रात्रि चयन आरती के बाद भगवान विश्वनाथ का दर्शन पूजन बंद किया गया था. इस दौरान भगवान भोलेनाथ को नियमित भोग लगने वाले की जगह फलाहार का भोग लगाया गया था.

फिलहाल रात लगभग 2 बजकर 20 मिनट पर हुए ग्रहण के मोक्ष के बाद गंगा स्नान का सिलसिला सुबह तक जारी है. देर रात तक गांव देहात की ड्यूटी भीड़ के बाद रविवार की सुबह सूर्य निकलने के बाद भी गंगा स्नान करने का सिलसिला जारी रहा. इसके अलावा अभी भी दान पुण्य करने के साथ गंगा स्नान करने वालों की जबरदस्त भीड़ वाराणसी के गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान करती रही.

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Last Updated : Oct 29, 2023, 12:17 PM IST
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