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तीन तलाक पर कानून बन सकता है तो राम मंदिर पर क्यों नहीं- चक्रपाणि महाराज

उत्तर प्रदेश के अयोध्या राम मंदिर विवाद पर चर्चा फिर से गरम है, इस विवाद में मध्यस्थता की कोशिश फेल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट 6 अगस्त से फैसला आने तक रोजाना सुनवाई करेगा. इस फैसले से मंदिर और मस्जिद पक्षकारों में नाराजगी देखने को मिल रही है.

चक्रपाणि महाराज अध्यक्ष हिंदू महासभा.
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Published : Aug 2, 2019, 7:25 PM IST

वाराणसी: शुक्रवार को श्री रामजन्म भूमि के मध्यस्थता समाप्त होने पर हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज का बयान आया है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर श्वेत पत्र जारी होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुलझाने के लिए ऐतिहासिक मौका दिया था. लेकिन इस मौके को जिन लोगों ने विफल किया है, उन्हें इस पर कारण बताना चाहिए.

मंदिर विवाद पर बोलते चक्रपाणि महाराज.


क्या बोले चक्रपाणि महाराज

  • सरकार तीन तलाक और एससी एसटी जैसे मामलों पर यदि कानून बना सकती है तो राम जन्मभूमि पर क्यों नहीं.
  • अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने से कोई भी ताकत नहीं रोक सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता कमेटी को किया भंग

  • श्री रामजन्म भूमि को लेकर बनाई गई मध्यस्थता कमेटी द्वारा किसी भी निर्णय पर न पहुंचने पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसे भंग कर दिया.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता कमेटी द्वारा इस पूरे मामले पर कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सका.
  • मध्यस्थता कमेटी के भंग होने के बाद हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरुओं में नाराजगी देखने को मिल रही है.
  • माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी मध्यस्थता कमेटी द्वारा मामला सुलझाया जा सकता था.
  • मध्यस्थता कमेटी तीने महीने के बाद भी किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंच सकी, जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को भंग कर दिया.

हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज का कहना है इन सब मामलों पर अब राजनीति बहुत हो चुकी है. अब यह बंद होनी चाहिए और राम मंदिर पर कानून बनाकर भव्य मंदिर का निर्माण कराना चाहिए.

कुछ लोग नहीं चाहते कि यह विवाद खत्म हो, मध्यस्थता बहुत ही अच्छी चल रही थी. दोनों पक्षों को लेकर आपसी रजामंदी पर तैयारी हो रही थी, लेकिन कुछ लोगों की वजह से सफल नहीं हो पाई. इसीलिए वह लोग कौन हैं, यह देश के सामने आना चाहिए.
-चक्रपाणि महाराज, अध्यक्ष, हिंदू महासभा

वाराणसी: शुक्रवार को श्री रामजन्म भूमि के मध्यस्थता समाप्त होने पर हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज का बयान आया है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर श्वेत पत्र जारी होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुलझाने के लिए ऐतिहासिक मौका दिया था. लेकिन इस मौके को जिन लोगों ने विफल किया है, उन्हें इस पर कारण बताना चाहिए.

मंदिर विवाद पर बोलते चक्रपाणि महाराज.


क्या बोले चक्रपाणि महाराज

  • सरकार तीन तलाक और एससी एसटी जैसे मामलों पर यदि कानून बना सकती है तो राम जन्मभूमि पर क्यों नहीं.
  • अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने से कोई भी ताकत नहीं रोक सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता कमेटी को किया भंग

  • श्री रामजन्म भूमि को लेकर बनाई गई मध्यस्थता कमेटी द्वारा किसी भी निर्णय पर न पहुंचने पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसे भंग कर दिया.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता कमेटी द्वारा इस पूरे मामले पर कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सका.
  • मध्यस्थता कमेटी के भंग होने के बाद हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरुओं में नाराजगी देखने को मिल रही है.
  • माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी मध्यस्थता कमेटी द्वारा मामला सुलझाया जा सकता था.
  • मध्यस्थता कमेटी तीने महीने के बाद भी किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंच सकी, जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को भंग कर दिया.

हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज का कहना है इन सब मामलों पर अब राजनीति बहुत हो चुकी है. अब यह बंद होनी चाहिए और राम मंदिर पर कानून बनाकर भव्य मंदिर का निर्माण कराना चाहिए.

कुछ लोग नहीं चाहते कि यह विवाद खत्म हो, मध्यस्थता बहुत ही अच्छी चल रही थी. दोनों पक्षों को लेकर आपसी रजामंदी पर तैयारी हो रही थी, लेकिन कुछ लोगों की वजह से सफल नहीं हो पाई. इसीलिए वह लोग कौन हैं, यह देश के सामने आना चाहिए.
-चक्रपाणि महाराज, अध्यक्ष, हिंदू महासभा

Intro:वाराणसी शुक्रवार श्री राम जन्म भूमि के मजदा समाप्त होने पर हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज का बयान माता की असफलता पर जारी होना चाहिए श्वेत पत्र सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक मौका दिया था जो लोग इसे विफल किए उन्हें कारण बताना चाहिए। सरकार तीन तलाक sc-st ऐसे मामलों पर यदि कानून बना सकती है तो राम जन्मभूमि पर क्यों नहीं। पानी महाराज ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने से कोई भी ताकत नहीं रोक सकती है।


Body:श्री राम जन्म भूमि को लेकर बनाई गई मध्यस्था कमेटी के द्वारा किसी भी निर्णय पर ना पहुंचने पर आज सुप्रीम कोर्ट ने उसे भंग कर दिया सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यह कहा गया कि मस्ता कमेटी के द्वारा इस पूरे मामले पर कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सका इसकी वजह से इस कमेटी को आज भंग किया जा रहा है मरता कमेटी के भंग होने के बाद हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरु में नाराजगी देखने को मिल रहा है माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी मरता कमेटी के तरह मामला सुलझाया जा सकता था लेकिन 3 महीने के अंतराल के बाद भी किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने आज इस कमेटी को भंग कर दिया।


Conclusion:हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज का कहना है कि कुछ लोग नहीं चाहते कि यह विवाद खत्म हो। चक्रपाणि महाराज का कहना है कि मध्यस्था बहुत ही अच्छा चल रहा था दोनों पक्षों को लेकर आपसी रजामंदी पर तैयारी हो रही थी। लेकिन कुछ लोगों की वजह से सफल नहीं हो पाया। इसीलिए वह लोग कौन है यह देश के सामने आना चाहिए।इसके लिए मदरस्ता कमेटी को श्वेत पत्र जारी करने उन लोगों का नाम देश के सामने रखना चाहिए। जहां तक सरकार की बात है तो वह तीन तलाक पर कानून बना सकती है। एससी एसटी एक्ट पर कानून बना सकती है। लेकिन राम जन्मभूमि और गौ रक्षा पर कानून क्यों नहीं बना सकती। इन सब मामलों पर अब राजनीति बहुत हो चुका अब यह बंद होना चाहिए और राम मंदिर पर कानून बनाकर भव्य मंदिर निर्माण कराना चाहिए।



आशुतोष

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