वाराणसी: काशी में 25 कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया है. हालांकि पहले निजी मुचलके पर सभी कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया था, लेकिन फिर से उन सभी कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है, जिससे कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है.
क्या है मामला
किसान यूनियन द्वारा किए गए भारत बंद का समर्थन करते हुए कांग्रेस पार्टी सड़कों पर उतरी थी. इसको लेकर जिला प्रशासन के द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसके बाद निजी मुचलके पर सभी को रिहा कर दिया गया था. वहीं बीते दिनों पुन: कार्रवाई करते हुए जिलाध्यक्ष संग 25 कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज कर किया गया है, जिससे कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता व नेताओं में काफी आक्रोश है. उन्होंने सरकार पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाते हुए सरकार व प्रशासन की कड़ी निंदा की हैं.
सरकार के इशारे पर कार्यकर्ताओं को किया जा रहा प्रताड़ित
इस बाबत पार्टी के स्टार प्रचारक व पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि कांग्रेसियों पर यह फर्जी मुकदमा अवैध अलोकतांत्रिक व निंदनीय है. पूरे प्रदेश में योगी सरकार के इशारे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दमन किया जा रहा है और फर्जी मुकदमों में उनको फंसाया जा रहा है. कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. भाजपा सरकार यूपी पुलिस को दमन का औजार बनाकर दूसरी पार्टियों को आवाज उठाने से रोक सकती है, हमारी पार्टी को नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया दमनकारी और आलोकतांत्रिक है. कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव से भाजपा सरकार बौखला गई है. यह योगी आदित्यनाथ की सरकार का राजनीतिक द्वेषपूर्ण और कायरता भरा कदम है. सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है.
सरकार अपना रही तानाशाही पूर्ण रवैया
इसी क्रम में महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि सरकार का यह रवैया तानाशाही पूर्ण है. कार्यक्रम स्थल पर एसपी सिटी, एसपी ट्रैफिक, एसीएम की मौजूदगी में कांग्रेसियों को निजी मुचलके पर रिहा किया गया था. आखिर फिर किस आधार और किस संवैधानिक नियम के तहत दोबारा उसी प्रकरण में मुकदमा किया गया. उन्होंने सरकार व प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि हम मुकदमों से न कभी डरे हैं न ही डरेंगे. बदले की राजनीति करना सरकार बंद करे. कोई संवैधानिक अधिकार व कानून नहीं है कि निजी मुचलके के रिहा होने बाद दोबारा मुकदमा लिखा जाए.