वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता मिशन को आगे बढ़ाने के लिए हर रोज नए-नए प्रयास कर रहे हैं. कभी सड़कों को चमका रहे हैं तो कभी एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन की सफाई कर इसे स्वच्छ करने की हिदायत दे रहे हैं. लेकिन इन सब से शायद कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है. यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन की हाल में आई स्वच्छता सर्वेक्षण में आई रैंकिंग बयां कर रही है.
क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से देशभर के रेलवे स्टेशन पर स्वच्छता को लेकर सर्वे कराया गया, जिसमें वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन बीते साल के मुकाबले 17 पायदान पीछे खिसक कर 69 से 86 नंबर पर पहुंच गया है. इसके बाद यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर जिस रेलवे स्टेशन की साफ-सफाई और स्वच्छता में लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं वह सर्वेक्षण में पीछे कैसे रह सकता है.
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर ईटीवी भारत ने यात्रियों से स्वच्छता की हकीकत जानने की कोशिश की. यात्रियों ने ईटीवी भारत के सवालों का जवाब देते हुए साफ कहा कि अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है. सिर्फ दिखावे की सफाई करना ही काफी नहीं है. इतने लोग जहां पर रोज आते-जाते हैं. वहां पर हर मिनट सफाई के लिए प्रॉपर सफाई कर्मियों का होना जरूरी है, लेकिन स्थिति सही नहीं है. वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर अलग-अलग शिफ्ट में काम करने के लिए 100 से ज्यादा सफाई कर्मियों की तैनाती की गई है. सफाई रहे इसका ध्यान रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों के जरिए उच्च अधिकारी इसकी निगरानी भी करते हैं. हर प्लेटफार्म और परिसर में लगभग 200 से ज्यादा डस्टबिन लगाए गए हैं, लेकिन इन सबके बाद भी स्वच्छता सर्वेक्षण में बनारस कैंट रेलवे स्टेशन का पीछे जाना कई सवाल खड़े कर रहा है.
दरअसल कैंट स्टेशन को 1000 अंक में से 822.50 अंक मिले हैं. रैंकिंग यात्रियों के फीडबैक के आधार पर नीचे गई है. यात्रियों के फीडबैक में कैंट स्टेशन को 286.50 अंक ही मिले हैं. वहीं शहर के दूसरे रेलवे स्टेशनों में शामिल मंडुवाडीह स्टेशन का कायाकल्प हाल ही में हुआ. उसकी रैंकिंग आजमगढ़ स्टेशन से भी कम आई है. मंडुवाडीह स्टेशन की रैंकिंग 272 नंबर है और आजमगढ़ 203 नंबर पर है. इसके अलावा वाराणसी सिटी स्टेशन की रैंकिंग 396 है, जबकि बलिया जैसे छोटे रेलवे स्टेशन की रैंकिंग 394 आई है यानी कुल मिलाकर वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन और अन्य रेलवे स्टेशन जो शहर में है. उनकी साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए रेलवे को अभी काफी कड़ी मेहनत करने की जरूरत है.