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Nagar Nikay Chunav Result : आखिर चल ही गया 'बाबा' का जादू, काशी ने फिर दोहराया अपना रिकॉर्ड

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Published : May 13, 2023, 10:18 PM IST

यूपी नगर निकाय चुनाव में विपक्ष की करारी हार हुई है. इस बार का रिजल्ट देखने के बाद ये कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का जादू चला है. आइए जानते हैं इसके पीछे की पूरी वजह..

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सीएम योगी आदित्यनाथ

वाराणसीः उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव का रिजल्ट इस बार विपक्ष की आंखें खोल देने वाला है. भाजपा ने लगभग सभी मोर्चों पर बढ़ता हासिल की है. एक तरफ जहां नगर पालिका में बढ़त बनाए हुए है. वहीं, नगर निगम में विपक्ष की हालत खराब कर दी है. इस बार का रिजल्ट देखने के बाद ये कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का जादू चला है.

वाराणसी नगर निगम उन निगमों में से एक था, जिन पर सभी की निगाहें टिकी थी. उत्तर प्रदेश में नगर निगम चुनाव के आने वाले परिणामों ने बता दिया कि ये तो कुछ भी नहीं अभी और भी चुनाव करा लो, आएगी तो बीजेपी ही. यहां के राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं. उत्तर प्रदेश के 17 निगमों में भाजपा ने जीत हासिल कर ली है. इसमें से एक था वाराणसी नगर निगम. इसको जीतना भाजपा के लिए बेहज जरूरी था.

योगी ने जो कहा वह कर दिखाया
आपको याद होगा कि चुनाव प्रचार के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि इस बार निकाय चुनाव की मॉनिटरिंग वह खुद कर रहे हैं. ऐसे में सभी सीटों पर जीत सुनिश्चित हो इसके लिए वह प्रयास करेंगे. अब निगमों और पंचायतों के आ रहे परिणामों ने बता दिया है कि योगी आदित्यनाथ ने जो प्रण लिया था वह पूरा हो रहा है. इसे ऐसे भी देखा जा सकता है कि सीएम योगी ने जो कहा वह कर दिखाया है.

भाजपा के बागियों ने दिखाया अपने होने का असर
वाराणसी नगर निगम में बीजेपी ने अशोक तिवारी पर भरोसा जताया था. अशोक ने उस पर खरा उतरते हुए जीत का परचम लहराया है. इस बार वाराणसी में भाजपा से अशोक तिवारी, सपा से ओपी सिंह, कांग्रेस से अनिल श्रीवास्तव और बसपा से सुभाष चंद मांझी चुनाव मैदान में थे. ये लड़ाई काफी कठिन मानी जा रही थी. भाजपा ने कई बागियों का पत्ता पार्टी से साफ कर दिया था. ऐसे में कुछ ने निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा के ही वोटबैंक में सेंध लगा दी. कुछ वार्डों में भाजपा के बागियों ने जीत दर्ज की है.

पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण दबाव
वाराणसी में बीजेपी की बढ़त लगातार जारी रही. लगातार आगे बने रहने के बाद बीजेपी मेयर प्रत्याशी अशोक तिवारी काल भैरव मंदिर पहुंचे. अशोक ने मंदिर में बाबा काल की अष्टांग योग पूजा की. उन्होंने कहा कि चुनाव में बाबा और जनता का आशीर्वाद मिल रहा है. पीएम मोदी ने वाराणसी में विकास किया है. विकास के इस रथ को और आगे बढ़ाऊंगा. बता दें कि वाराणसी सीट पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है. ऐसे में पार्टी पर इसे जीतने का काफी दबाव था. हालांकि वाराणसी के लोगों ने अपना भरोसा भाजपा पर ही जताया.

सीएम योगी ने पीएम मोदी की कमी की पूरी
वाराणसी से सांसद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाईं. वहीं, उन्हें लागू करने की जिम्मेदारी सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने कंधों पर ली. सीएम योगी ने करीब 150 से अधिक बार वाराणसी का दौरा किया. जितनी बार सीएम का दौरा रहा उतनी ही बार उन्होंने परियोजनाओं पर चर्चा की. इस बीच वह जनता से भी संवाद बनाने में कामयाब रहे. उन्होंने पीएम मोदी की कमी को पूरा करते हुए काशी के लोगों की जरूरतों का ध्यान रखा. लोगों के बीच बने रहे.

वाराणसी में चल गया 'बाबा' का जादू
सीएम योगी का वाराणसी में लगातार बने रहना ही वाराणसी की जीत का एक कारण माना जा सकता है. सीएम योगी ने चुनाव प्रचार के दौरान एक बार कहा भी था कि पार्टी के प्रत्याशी को बाबा काशी विश्वनाथ का आशीर्वाद प्राप्त है. ठीक ऐसा होता दिखाई भी दिया. प्रत्याशी अशोक तिवारी ने बंपर बढ़ते के साथ जीत हासिल की. वहीं, प्रत्याशी पर एक और बाबा का जादू चला है. वो हैं गोरखपुर वाले बाबा यानी योगी आदित्यनाथ. सीएम योगी के प्रचार और उनके लगातार विकास कार्यों को देखते हुए काशी ने फिर से भाजपा को चुना है.

पढ़ेंः गोरखपुर में लहराया भगवा, बीजेपी के डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव बने महापौर

वाराणसीः उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव का रिजल्ट इस बार विपक्ष की आंखें खोल देने वाला है. भाजपा ने लगभग सभी मोर्चों पर बढ़ता हासिल की है. एक तरफ जहां नगर पालिका में बढ़त बनाए हुए है. वहीं, नगर निगम में विपक्ष की हालत खराब कर दी है. इस बार का रिजल्ट देखने के बाद ये कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का जादू चला है.

वाराणसी नगर निगम उन निगमों में से एक था, जिन पर सभी की निगाहें टिकी थी. उत्तर प्रदेश में नगर निगम चुनाव के आने वाले परिणामों ने बता दिया कि ये तो कुछ भी नहीं अभी और भी चुनाव करा लो, आएगी तो बीजेपी ही. यहां के राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं. उत्तर प्रदेश के 17 निगमों में भाजपा ने जीत हासिल कर ली है. इसमें से एक था वाराणसी नगर निगम. इसको जीतना भाजपा के लिए बेहज जरूरी था.

योगी ने जो कहा वह कर दिखाया
आपको याद होगा कि चुनाव प्रचार के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि इस बार निकाय चुनाव की मॉनिटरिंग वह खुद कर रहे हैं. ऐसे में सभी सीटों पर जीत सुनिश्चित हो इसके लिए वह प्रयास करेंगे. अब निगमों और पंचायतों के आ रहे परिणामों ने बता दिया है कि योगी आदित्यनाथ ने जो प्रण लिया था वह पूरा हो रहा है. इसे ऐसे भी देखा जा सकता है कि सीएम योगी ने जो कहा वह कर दिखाया है.

भाजपा के बागियों ने दिखाया अपने होने का असर
वाराणसी नगर निगम में बीजेपी ने अशोक तिवारी पर भरोसा जताया था. अशोक ने उस पर खरा उतरते हुए जीत का परचम लहराया है. इस बार वाराणसी में भाजपा से अशोक तिवारी, सपा से ओपी सिंह, कांग्रेस से अनिल श्रीवास्तव और बसपा से सुभाष चंद मांझी चुनाव मैदान में थे. ये लड़ाई काफी कठिन मानी जा रही थी. भाजपा ने कई बागियों का पत्ता पार्टी से साफ कर दिया था. ऐसे में कुछ ने निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा के ही वोटबैंक में सेंध लगा दी. कुछ वार्डों में भाजपा के बागियों ने जीत दर्ज की है.

पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण दबाव
वाराणसी में बीजेपी की बढ़त लगातार जारी रही. लगातार आगे बने रहने के बाद बीजेपी मेयर प्रत्याशी अशोक तिवारी काल भैरव मंदिर पहुंचे. अशोक ने मंदिर में बाबा काल की अष्टांग योग पूजा की. उन्होंने कहा कि चुनाव में बाबा और जनता का आशीर्वाद मिल रहा है. पीएम मोदी ने वाराणसी में विकास किया है. विकास के इस रथ को और आगे बढ़ाऊंगा. बता दें कि वाराणसी सीट पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है. ऐसे में पार्टी पर इसे जीतने का काफी दबाव था. हालांकि वाराणसी के लोगों ने अपना भरोसा भाजपा पर ही जताया.

सीएम योगी ने पीएम मोदी की कमी की पूरी
वाराणसी से सांसद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाईं. वहीं, उन्हें लागू करने की जिम्मेदारी सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने कंधों पर ली. सीएम योगी ने करीब 150 से अधिक बार वाराणसी का दौरा किया. जितनी बार सीएम का दौरा रहा उतनी ही बार उन्होंने परियोजनाओं पर चर्चा की. इस बीच वह जनता से भी संवाद बनाने में कामयाब रहे. उन्होंने पीएम मोदी की कमी को पूरा करते हुए काशी के लोगों की जरूरतों का ध्यान रखा. लोगों के बीच बने रहे.

वाराणसी में चल गया 'बाबा' का जादू
सीएम योगी का वाराणसी में लगातार बने रहना ही वाराणसी की जीत का एक कारण माना जा सकता है. सीएम योगी ने चुनाव प्रचार के दौरान एक बार कहा भी था कि पार्टी के प्रत्याशी को बाबा काशी विश्वनाथ का आशीर्वाद प्राप्त है. ठीक ऐसा होता दिखाई भी दिया. प्रत्याशी अशोक तिवारी ने बंपर बढ़ते के साथ जीत हासिल की. वहीं, प्रत्याशी पर एक और बाबा का जादू चला है. वो हैं गोरखपुर वाले बाबा यानी योगी आदित्यनाथ. सीएम योगी के प्रचार और उनके लगातार विकास कार्यों को देखते हुए काशी ने फिर से भाजपा को चुना है.

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