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वाराणसी के अल्पसंख्यक क्षेत्रों में बीजेपी इस बार खेलेगी बड़ा दांव, ये हो रही तैयारी - बीजेपी की न्यूज हिंदी में

उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को लेकर बिगुल बज चुका है. ऐसे में बीजेपी ने वाराणसी के अल्पसंख्यक क्षेत्रों में इस बार बड़ा दांव खेलने की तैयारी की है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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Published : Dec 3, 2022, 3:42 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव (municipal elections in up) को लेकर बिगुल बज चुका है. वार्डवार आरक्षण सूची जारी होने के बाद आज मेयर और अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की सूची को भी जारी किया जा सकता है. इसके बाद अब राजनीतिक दलों में हलचल तेज होना जायज है. एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इस निकाय चुनाव को अपने प्रतिष्ठा का सवाल बना कर खुद को यूपी में स्थापित करने की कोशिश में जुटेगी तो भारतीय जनता पार्टी इस पूरे चुनाव को अपनी साख का सवाल मानकर चुनावी मैदान में उतरने वाली है. यही वजह है कि बीजेपी इस बार अल्पसंख्यक इलाकों (minority areas of Varanashi) में अपनी बड़ी जीत सुनिश्चित करने की प्लानिंग कर रही है. इसके लिए जिम्मेदारी अल्पसंख्यक मोर्चा को सौंपी गई है और शायद पहला ऐसा मौका होगा, जब भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक इलाकों में अल्पसंख्यक युवा चेहरों के बल पर चुनावी मैदान में उतरने का काम करेगी.

दरअसल, वाराणसी में पहले 90 वार्ड थे, जिनकी संख्या बढ़कर अब 100 हो गई है. 10 नए वार्डो के बनने के साथ बीजेपी के लिए चैलेंज भी बड़ा है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को बनारस में लगभग दो दर्जन से ज्यादा अल्पसंख्यक वर्गों में अपनी पकड़ मजबूत करनी है. इसलिए नई स्ट्रेटजी के साथ चुनावी मैदान में उतरने की प्लानिंग बीजेपी ने की है.

वाराणसी में अल्पसंख्यक इलाकों के लिए बीजेपी ने तैयार किया खास प्लान.

भारतीय जनता पार्टी महानगर के महामंत्री और निकाय चुनावों के लिए बनारस में संयोजक के पद पर तैनात किए गए जगदीश त्रिपाठी का कहना है कि अल्पसंख्यक मोर्चा इस बार बड़ी जिम्मेदारी को निभाएगा. उनके जरिए हम अल्पसंख्यक वर्गों में बीजेपी से जुड़े अल्पसंख्यक नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए उनके चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है और यह कोशिश की जा रही है कि सरकार की रणनीति और सरकार के फैसलों को जन-जन तक पहुंचाने वाले नेताओं को तवज्जो दी जाए और इन वार्डों में वहां के लोकल नेताओं के बल पर जीत हासिल की जाए.

बीजेपी इस नई रणनीति के तहत अल्पसंख्यक मोर्चा की मदद से प्रत्याशियों का चयन करेगी. जगदीश त्रिपाठी का कहना है कि यह बेहद जरूरी है, क्योंकि हम इस बार हर वार्ड जीतने की रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं और इसके लिए अल्पसंख्यक वार्ड जीतना बेहद महत्वपूर्ण हैं. भारतीय जनता पार्टी के लिए यह प्रतिष्ठा का सवाल इसलिए भी है, क्योंकि बनारस में कमालपुरा जमालुद्दीनपुरा, काजी सादुल्लापुरा, कमलगढ़हा, लल्लापुरा, सरैया, पियरी कला, कादीपुरा, मदनपुरा, बागहाड़ा, हड़हासराय समेत तमाम ऐसे इलाके हैं जो पूरी तरह से मुस्लिम बाहुल्य माने जाते हैं. इन सभी इलाकों में पिछले बार समाजवादी पार्टी को बड़ी जीत हासिल हुई थी और बीजेपी चाह कर भी बहुमत की स्थिति में नहीं आ पाई थी और मिनी सदन में बीजेपी को समाजवादी पार्टी के जीते हुए पार्षदों की वजह से लिए जा रहे फैसलों को लागू करने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

यही वजह है कि इस बार अल्पसंख्यक इलाकों पर पैनी नजर रखते हुए बीजेपी इन इलाकों में भी जीत हासिल करने के लिए बदली रणनीति से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है. लगभग ऐसे 30 से ज्यादा वार्ड हैं जहां बीजेपी नई रणनीति के तहत काम करने वाली है इसलिए बीजेपी के लिए इन वार्डों में काफी जद्दोजहद की स्थिति देखने में आई थी और इस बार अल्पसंख्यक मोर्चा के बल पर वहां के लोकल युवा नेताओं को तरजीह देते हुए बीजेपी बड़ा फेरबदल करने की प्लानिंग करके टिकट बंटवारे का काम शुरू करने वाली है.


ये भी पढ़ेंः रामपुर में सपा नेता आजम खान के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव (municipal elections in up) को लेकर बिगुल बज चुका है. वार्डवार आरक्षण सूची जारी होने के बाद आज मेयर और अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की सूची को भी जारी किया जा सकता है. इसके बाद अब राजनीतिक दलों में हलचल तेज होना जायज है. एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इस निकाय चुनाव को अपने प्रतिष्ठा का सवाल बना कर खुद को यूपी में स्थापित करने की कोशिश में जुटेगी तो भारतीय जनता पार्टी इस पूरे चुनाव को अपनी साख का सवाल मानकर चुनावी मैदान में उतरने वाली है. यही वजह है कि बीजेपी इस बार अल्पसंख्यक इलाकों (minority areas of Varanashi) में अपनी बड़ी जीत सुनिश्चित करने की प्लानिंग कर रही है. इसके लिए जिम्मेदारी अल्पसंख्यक मोर्चा को सौंपी गई है और शायद पहला ऐसा मौका होगा, जब भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक इलाकों में अल्पसंख्यक युवा चेहरों के बल पर चुनावी मैदान में उतरने का काम करेगी.

दरअसल, वाराणसी में पहले 90 वार्ड थे, जिनकी संख्या बढ़कर अब 100 हो गई है. 10 नए वार्डो के बनने के साथ बीजेपी के लिए चैलेंज भी बड़ा है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को बनारस में लगभग दो दर्जन से ज्यादा अल्पसंख्यक वर्गों में अपनी पकड़ मजबूत करनी है. इसलिए नई स्ट्रेटजी के साथ चुनावी मैदान में उतरने की प्लानिंग बीजेपी ने की है.

वाराणसी में अल्पसंख्यक इलाकों के लिए बीजेपी ने तैयार किया खास प्लान.

भारतीय जनता पार्टी महानगर के महामंत्री और निकाय चुनावों के लिए बनारस में संयोजक के पद पर तैनात किए गए जगदीश त्रिपाठी का कहना है कि अल्पसंख्यक मोर्चा इस बार बड़ी जिम्मेदारी को निभाएगा. उनके जरिए हम अल्पसंख्यक वर्गों में बीजेपी से जुड़े अल्पसंख्यक नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए उनके चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है और यह कोशिश की जा रही है कि सरकार की रणनीति और सरकार के फैसलों को जन-जन तक पहुंचाने वाले नेताओं को तवज्जो दी जाए और इन वार्डों में वहां के लोकल नेताओं के बल पर जीत हासिल की जाए.

बीजेपी इस नई रणनीति के तहत अल्पसंख्यक मोर्चा की मदद से प्रत्याशियों का चयन करेगी. जगदीश त्रिपाठी का कहना है कि यह बेहद जरूरी है, क्योंकि हम इस बार हर वार्ड जीतने की रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं और इसके लिए अल्पसंख्यक वार्ड जीतना बेहद महत्वपूर्ण हैं. भारतीय जनता पार्टी के लिए यह प्रतिष्ठा का सवाल इसलिए भी है, क्योंकि बनारस में कमालपुरा जमालुद्दीनपुरा, काजी सादुल्लापुरा, कमलगढ़हा, लल्लापुरा, सरैया, पियरी कला, कादीपुरा, मदनपुरा, बागहाड़ा, हड़हासराय समेत तमाम ऐसे इलाके हैं जो पूरी तरह से मुस्लिम बाहुल्य माने जाते हैं. इन सभी इलाकों में पिछले बार समाजवादी पार्टी को बड़ी जीत हासिल हुई थी और बीजेपी चाह कर भी बहुमत की स्थिति में नहीं आ पाई थी और मिनी सदन में बीजेपी को समाजवादी पार्टी के जीते हुए पार्षदों की वजह से लिए जा रहे फैसलों को लागू करने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

यही वजह है कि इस बार अल्पसंख्यक इलाकों पर पैनी नजर रखते हुए बीजेपी इन इलाकों में भी जीत हासिल करने के लिए बदली रणनीति से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है. लगभग ऐसे 30 से ज्यादा वार्ड हैं जहां बीजेपी नई रणनीति के तहत काम करने वाली है इसलिए बीजेपी के लिए इन वार्डों में काफी जद्दोजहद की स्थिति देखने में आई थी और इस बार अल्पसंख्यक मोर्चा के बल पर वहां के लोकल युवा नेताओं को तरजीह देते हुए बीजेपी बड़ा फेरबदल करने की प्लानिंग करके टिकट बंटवारे का काम शुरू करने वाली है.


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