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विपक्ष को हताश होने की जरूरत नहीं, मर्यादित ढंग में हो विरोध: केएन गोविंदाचार्य

संघ के स्वयंसेवक व बीजेपी नेता केएन गोविंदाचार्य इन दिनों वाराणसी के दौरे पर हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कृषि बिल पर विपक्ष के विरोध करने पर कहा कि विपक्ष हताश न हों, विरोध करने के और भी तरीके हैं.

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Published : Sep 21, 2020, 8:21 PM IST

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के.एन. गोविंदाचार्य

वाराणसी: अध्ययन प्रवास के दौरान संघ के स्वयंसेवक व बीजेपी नेता केएन गोविंदाचार्य वाराणसी आए हुए हैं. भेलूपुर थाना अंतर्गत एक होटल में पत्रकार वार्ता के दौरान गोविंदाचार्य ने बहुत ही साधारण तरीके से 20 साल के अपने अध्ययन अवकाश के बारे में सबको अवगत कराया. वाराणसी में आते ही उन्होंने मां गंगा का पूजा किया और बाबा के दर्शन किए. मंगलवार को बक्सर के लिए रवाना हो जाएंगे.

मीडिया से बात करते केएन गोविंदाचार्य.

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि आज से 20 साल पहले 9 सितंबर सन 2000 को अध्ययन अवकाश लिया था, जिसके बाद मैं अपने जीवन के तीन कार्य किए अवलोकन, विमर्श, क्रियान्वयन. पत्रकार वार्ता के दौरान राजनीति के सवालों से बचते हुए केएन गोविंदाचार्य ने बताया कि विपक्ष को हताश नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष को विरोध के दूसरे रास्ते देखने चाहिए. मर्यादा का पालन करते हुए किसी भी विधेयक का विरोध करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि भारत में एक वैकल्पिक अर्थव्यवस्था खड़ी करने की संभावना है, जो भारत के लोगों और भारत के संसाधनों से ही निकलती हो तथा स्वावलंबन की रचना करती हो. इस व्यवस्था को समझने में मैंने पहले 3 साल लगाएं फिर उसके बाद कुछ छोटे-छोटे प्रयोग किए हैं.

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के सवाल पर केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि कई घटना सुनाई पड़ती हैं. इसमें इतना ज्यादा राजनीति का भी मंथन होने लगता है, इसलिए क्लियर पिक्चर उभरती नहीं है. इस मुद्दे पर मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं.

वाराणसी: अध्ययन प्रवास के दौरान संघ के स्वयंसेवक व बीजेपी नेता केएन गोविंदाचार्य वाराणसी आए हुए हैं. भेलूपुर थाना अंतर्गत एक होटल में पत्रकार वार्ता के दौरान गोविंदाचार्य ने बहुत ही साधारण तरीके से 20 साल के अपने अध्ययन अवकाश के बारे में सबको अवगत कराया. वाराणसी में आते ही उन्होंने मां गंगा का पूजा किया और बाबा के दर्शन किए. मंगलवार को बक्सर के लिए रवाना हो जाएंगे.

मीडिया से बात करते केएन गोविंदाचार्य.

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि आज से 20 साल पहले 9 सितंबर सन 2000 को अध्ययन अवकाश लिया था, जिसके बाद मैं अपने जीवन के तीन कार्य किए अवलोकन, विमर्श, क्रियान्वयन. पत्रकार वार्ता के दौरान राजनीति के सवालों से बचते हुए केएन गोविंदाचार्य ने बताया कि विपक्ष को हताश नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष को विरोध के दूसरे रास्ते देखने चाहिए. मर्यादा का पालन करते हुए किसी भी विधेयक का विरोध करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि भारत में एक वैकल्पिक अर्थव्यवस्था खड़ी करने की संभावना है, जो भारत के लोगों और भारत के संसाधनों से ही निकलती हो तथा स्वावलंबन की रचना करती हो. इस व्यवस्था को समझने में मैंने पहले 3 साल लगाएं फिर उसके बाद कुछ छोटे-छोटे प्रयोग किए हैं.

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के सवाल पर केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि कई घटना सुनाई पड़ती हैं. इसमें इतना ज्यादा राजनीति का भी मंथन होने लगता है, इसलिए क्लियर पिक्चर उभरती नहीं है. इस मुद्दे पर मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं.

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