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BHU कुलपति बोले- 'महामना जी कुछ पेड़ रुपयों के लगा जाते तो फ्री में इलाज करते' - वाराणसी बीएचयू की खबरें

यूपी के वाराणसी स्थित बीएचयू में विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. छात्रों से इलाज के नाम पर शुल्क वसूला जा रहा है, जिसे लेकर छात्रों ने वीसी से फोन पर बात की. इस पर बीएचयू के कुलपति ने कहा कि अगर महामना जी कुछ पेड़ रुपयों के भी लगा जाते तो हम इलाज फ्री में कर देते.

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बीएचयू के कुलपति के बातचीत का ऑडियो वायरल.
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Published : Aug 19, 2020, 3:35 PM IST

वाराणसी: जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. कुछ दिन पहले छात्र प्रवेश परीक्षा निरस्त कराने को लेकर सत्याग्रह पर बैठे थे. वहीं अब एक नया मामला सामने आया है, यहांं छात्रों से इलाज के नाम पर शुल्क वसूल किया जा रहा है, जिसे लेकर छात्रों ने वीसी से फोन पर बात की. बीएचयू के कुलपति ने बात के दौरान भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय के खिलाफ विवादित बयान दिया, जो कि अब वायरल हो रहा है.

बीएचयू के कुलपति की बातचीत का ऑडियो वायरल.

जिले में एक 18 मिनट का ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वीसी ने कहा कि महामना जी आम के पेड़ तो लगा गए हैं, साथ ही अगर कुछ पेड़ रुपयों के लगा जाते, तो हम सब कुछ फ्री कर देते. मालवीय के प्रति इस तरह के व्यवहार को देखकर छात्रों में आक्रोश है. छात्रों का कहना है कि यह बात मालवीय जी के मूल्यों के खिलाफ है. यह उनकी तौहीन है.

जानें पूरा मामला
बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में डॉक्टर ऑनलाइन नंबर लगाकर ओपीडी में देख रहे हैं. ऐसे में बीएचयू कर्मचारी छात्रों को भी ऑनलाइन नंबर लगाकर डॉक्टर को दिखाना पड़ रहा है, जिसके लिए छात्रों से शुल्क वसूल किया जा रहा है. छात्रों का कहना है कि उनकी हेल्थ डायरी है, जिसमें यह लिखा है कि छात्रों का इलाज बिल्कुल फ्री है. इसी संबंध में छात्रों ने विश्वविद्यालय को ईमेल और ट्विटर के माध्यम से अवगत कराया था. शुल्क न लिया जाने के संदर्भ में बीएचयू के छात्र अभिषेक कुमार सिंह ने कुलपति से फोन पर बात की, जिसका ऑडियो वायरल हो रहा है.

छात्रों का आरोप
ऑडियो में कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने कहा कि बीएचयू कैंपस और बरकछा कैंपस मिलाकर 66 करोड़ बिजली का बिल आता है. यूजीसी द्वारा हमें 60 करोड़ रुपये ही मिलते हैं. इस वायरल ऑडियो में वीसी कह रहे हैं कि महामना जी आम के पेड़ तो लगा गए हैं, साथ ही अगर कुछ पेड़ रुपयों के लगा जाते, तो हम सब कुछ फ्री कर देते. वीसी ने यह भी कहा कि आप हमको शासन से 60 करोड़ की जगह 70 करोड़ का दिलवा दीजिए, हम छात्रों का इलाज फ्री में करेंगे. फिलहाल इस पूरे मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन कुछ भी बोलने से बच रहा है.

वाराणसी: जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. कुछ दिन पहले छात्र प्रवेश परीक्षा निरस्त कराने को लेकर सत्याग्रह पर बैठे थे. वहीं अब एक नया मामला सामने आया है, यहांं छात्रों से इलाज के नाम पर शुल्क वसूल किया जा रहा है, जिसे लेकर छात्रों ने वीसी से फोन पर बात की. बीएचयू के कुलपति ने बात के दौरान भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय के खिलाफ विवादित बयान दिया, जो कि अब वायरल हो रहा है.

बीएचयू के कुलपति की बातचीत का ऑडियो वायरल.

जिले में एक 18 मिनट का ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वीसी ने कहा कि महामना जी आम के पेड़ तो लगा गए हैं, साथ ही अगर कुछ पेड़ रुपयों के लगा जाते, तो हम सब कुछ फ्री कर देते. मालवीय के प्रति इस तरह के व्यवहार को देखकर छात्रों में आक्रोश है. छात्रों का कहना है कि यह बात मालवीय जी के मूल्यों के खिलाफ है. यह उनकी तौहीन है.

जानें पूरा मामला
बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में डॉक्टर ऑनलाइन नंबर लगाकर ओपीडी में देख रहे हैं. ऐसे में बीएचयू कर्मचारी छात्रों को भी ऑनलाइन नंबर लगाकर डॉक्टर को दिखाना पड़ रहा है, जिसके लिए छात्रों से शुल्क वसूल किया जा रहा है. छात्रों का कहना है कि उनकी हेल्थ डायरी है, जिसमें यह लिखा है कि छात्रों का इलाज बिल्कुल फ्री है. इसी संबंध में छात्रों ने विश्वविद्यालय को ईमेल और ट्विटर के माध्यम से अवगत कराया था. शुल्क न लिया जाने के संदर्भ में बीएचयू के छात्र अभिषेक कुमार सिंह ने कुलपति से फोन पर बात की, जिसका ऑडियो वायरल हो रहा है.

छात्रों का आरोप
ऑडियो में कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने कहा कि बीएचयू कैंपस और बरकछा कैंपस मिलाकर 66 करोड़ बिजली का बिल आता है. यूजीसी द्वारा हमें 60 करोड़ रुपये ही मिलते हैं. इस वायरल ऑडियो में वीसी कह रहे हैं कि महामना जी आम के पेड़ तो लगा गए हैं, साथ ही अगर कुछ पेड़ रुपयों के लगा जाते, तो हम सब कुछ फ्री कर देते. वीसी ने यह भी कहा कि आप हमको शासन से 60 करोड़ की जगह 70 करोड़ का दिलवा दीजिए, हम छात्रों का इलाज फ्री में करेंगे. फिलहाल इस पूरे मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन कुछ भी बोलने से बच रहा है.

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