वाराणसीः सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद सरस्वती की 150 वी जयंती की पूर्व संध्या पर 3100 दीप जलाए गए. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और बीएचयू के छात्रों ने महान विचारक, क्रांतिकारी और युवा संन्यासी को नमन किया. कैंपस में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण को दीपों से सजाया गया. मालवीय जी की प्रतिमा को भी फूलों से सजाया गया. छात्र-छात्राओं ने स्वामी विवेकानंद को समर्पित बड़ी सी रंगोली बनाई और दीपकों से उसे सजाया. इस दौरान सभी छात्र-छात्राओं ने स्वामी विवेकानंद को नमन किया.
भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने मंच से स्वामी जी के विचारों को साझा किया. कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को संदेश दिया था कि उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए.. कहा कि स्वामी जी ने ही कहा था कि बस वही लोग जीते हैं, जो दूसरों के जीवन के लिए काम आते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि जो सोचोगे, वही हो जाओगे. यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे. पदाधिकारियों ने कहा कि स्वामी जी जिस तरह के राष्ट्र का निर्माण करना चाहते थे इसके लिए उनके दिखाए मार्ग पर सभी को चलना होगा. इस दौरान स्वामी विवेकानंद अमर रहे के उद्घोष भी गूंजे.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की इकाई मंत्री पुनीत मिश्रा ने बताया कि स्वामी विवेकानंद की पूर्व जयंती पर हम हमेशा उन्हें याद करते हैं. यहां पर ओपन माइक रंगोली और जो पुरुषों का कार्यक्रम किया गया. वहीं, बीएचयू अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की इकाई उपाध्यक्ष पल्लव सिंह ने बताया कि आज हम सबने महान सन्यासी को याद किया जो उस दौर में एक अलग भारत की पहचान के उभरकर सामने आए. उनके ही मार्गों पर चलकर हम राष्ट्र निर्माण की भावना से प्रेरित होते हैं.
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