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वाराणसी: धरने पर बैठे बीएचयू के छात्र, यूजीसी गाइडलाइन के तहत नियुक्ति की मांग

उत्तर प्रदेश के वाराणसी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए चल रहे इंटरव्यू में जनरल कैटेगरी में ओबीसी, एससी-एसटी के छात्रों को शामिल न किए जाने को लेकर धरना प्रदर्शन किया. वहीं, यूजीसी गाइडलाइन के तहत नियुक्ति की मांग की.

धरने पर बैठे बीएचयू के छात्र
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Published : Oct 21, 2019, 11:39 AM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. जहां कुछ दिन पहले पीएचडी में एडमिशन को लेकर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था. वहीं, अब असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए चल रहे इंटरव्यू में जनरल कैटेगरी में ओबीसी, एससी-एसटी के छात्रों को शामली न किए जाने को लेकर एक बार फिर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय पर जाति विशेष को बढ़वा देने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. वहीं, यूजीसी गाइडलाइन के तहत नियुक्ति की मांग की.

धरने पर बैठे बीएचयू के छात्र

बता दें कि विगत 14 अक्टूबर कक छात्रों ने धरना दिया था. जिसके बाद इंटरव्यू को रोक दिया गया था और यूजीसी के गाइड लाइन पर चयन प्रक्रिया किए जाने का छात्रों को आश्वासन दिया गया. इसके बावजूद आज फिर से इंटरव्यू को पिछली बार की तरह करवाया जाने लगा. इसे लेकर छात्रों में आक्रोश व्याप्त है. छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन से इंटरव्यू को यूजीसी के गाइड लाइन पर करवाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे है.

यह भी पढ़ें: वाराणसी: दो लाख दस हजार की जाली नोट के साथ युवक गिरफ्तार

ये लोग जाति आधारित नियुक्तियां कर रहे हैं. जो बच्चे SC-ST में नेट क्वालीफाई हैं. उनको ये लोग जनरल कैटेगरी में फाइल नहीं करने दे रहे हैं.
चंदन, छात्र, बीएचयू

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. जहां कुछ दिन पहले पीएचडी में एडमिशन को लेकर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था. वहीं, अब असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए चल रहे इंटरव्यू में जनरल कैटेगरी में ओबीसी, एससी-एसटी के छात्रों को शामली न किए जाने को लेकर एक बार फिर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय पर जाति विशेष को बढ़वा देने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. वहीं, यूजीसी गाइडलाइन के तहत नियुक्ति की मांग की.

धरने पर बैठे बीएचयू के छात्र

बता दें कि विगत 14 अक्टूबर कक छात्रों ने धरना दिया था. जिसके बाद इंटरव्यू को रोक दिया गया था और यूजीसी के गाइड लाइन पर चयन प्रक्रिया किए जाने का छात्रों को आश्वासन दिया गया. इसके बावजूद आज फिर से इंटरव्यू को पिछली बार की तरह करवाया जाने लगा. इसे लेकर छात्रों में आक्रोश व्याप्त है. छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन से इंटरव्यू को यूजीसी के गाइड लाइन पर करवाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे है.

यह भी पढ़ें: वाराणसी: दो लाख दस हजार की जाली नोट के साथ युवक गिरफ्तार

ये लोग जाति आधारित नियुक्तियां कर रहे हैं. जो बच्चे SC-ST में नेट क्वालीफाई हैं. उनको ये लोग जनरल कैटेगरी में फाइल नहीं करने दे रहे हैं.
चंदन, छात्र, बीएचयू

Intro:

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है जहां कुछ दिन पहले पीएचडी में एडमिशन को लेकर छात्र विरोध प्रदर्शन किए थे तो वहीं एक असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए चल रहे इंटरव्यू में जनरल कटैगरी में ओबीसी , एससी - एसटी के छात्रों को शामली न किए जाने को लेकर एक बार फिर छात्र धरने पर बैठ गए है। होलकर भवन के बाहर छात्र विश्वविद्यालय पर जाति विशेष को बढ़वा देने का आरोप लगाकर नारेबाजी कर रहे है।

Body:बता दें कि विगत 14 अक्टूबर कक छात्रों ने धरना दिया था , जिसके बाद इंटरव्यू को रोक दिया गया था और यूजीसी के गाइड लाइन पर चयन प्रक्रिया किए जाने का छात्रों को आश्वासन दिया गया। इसके बावजूद आज फिर से इंटरव्यू को पिछली बार की तरह करवाया जाने लगा , इसे लेकर छात्रों में आक्रोश व्याप्त है। छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन से इंटरव्यू को यूजीसी के गाइड लाइन पर करवाने की मांग को लेकर धरना - प्रदर्शन कर रहे है।

Conclusion:चंदन ने बताया कि पिछले दिनों 14 अक्टूबर को भी हम लोग असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में हो रहे धरने को लेकर विरोध में बैठे थे जिसके बाद रजिस्टर महोदय ने हमें कहा कि हम सारी नियुक्तियों को ऑन होल्ड करते हैं लेकिन फिर से नियुक्तियां हो रही है जब तक यूजीसी गाइडलाइन नहीं आ जाती तब तक नियुक्ति कैसे कर रहे है।

बाईट :-- चंदन,छात्र,बीएचयू

आशुतोष उपाध्याय, वाराणासी
9005099684
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