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BHU बवाल: नहीं शांत हो रहा विश्वविद्यालय का माहौल, छात्रों का बढ़ता जा रहा आक्रोश

यूपी के वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शुरू हुआ बवाल रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जिसके चलते भारी संख्या में छात्र बीएचयू के मुख्य द्वार पर इकट्ठे होकर वाइस चांसलर और पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

छात्रों का बढ़ता जा रहा आक्रोश
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Published : Nov 15, 2019, 4:56 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बिरला छात्रावास और लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के छात्रों के बीच हुई मारपीट के बाद विश्वविद्यालय का माहौल लगातार बिगड़ता ही जा रहा है. पुलिस प्रशासन के साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ भी छात्र बीएचयू के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर वाइस चांसलर और पुलिस प्रशासन के खिलाफ पोस्टर चस्पा किए.

छात्रों का बढ़ता जा रहा आक्रोश.
बीएचयू प्रशासन भी नहीं दे रहा छात्रों का साथ
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच हुई मारपीट अब पुलिस और छात्रों के बीच की लड़ाई बन चुकी है. पुलिस प्रशासन द्वारा धरने पर बैठे छात्रों पर लाठियों का प्रयोग करने के बाद छात्रों के अंदर गुस्सा और आक्रोश भरा हुआ है, तो वहीं छात्रों का यह भी आरोप है कि बीएचयू प्रशासन भी छात्रों का साथ नहीं दे रहा है. छात्रावास के बाहर निकलकर छात्र अब बीएचयू के मुख्य गेट पर प्रदर्शन कर रहे हैं. बताते चलें कि बीएचयू में बिरला छात्रावास और लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के छात्रों में जमकर मारपीट हुई थी और दोनों ही तरफ से पत्थर और पेट्रोल बम भी चलाए गए थे. इसी दौरान मौके पर पहुंची पुलिस ने उपद्रवी छात्रों को बलपूर्वक छात्रावास के अंदर किया था.

खाली कराया गया लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास
देर शाम छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं बीएचयू मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन ने सीआरपीएफ, पीएसी सहित पुलिस और दर्जनभर थानों की फोर्स के साथ लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास को खाली कराया. जिसके बाद से छात्रों का आक्रोश लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

300 छात्रों को बाहर कर छात्रावास किया सीज
छात्रों का कहना है कि उपद्रव कुछ लोगों ने किया था जो हर बार ऐसा करते हैं और दंड सबको मिलता है. इतनी रात को छात्रावास खाली कराने के बाद पुलिस ने यह भी नहीं सोचा है कि हम कहां जाएंगे. एक महीने बाद हमारी परीक्षा है जिसको देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को इस समय हमारा साथ देना चाहिए था. बताते चलें कि लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास में कला संकाय और विभिन्न विभागों के कुल 300 छात्र रहते हैं, जिनको देर रात पुलिस ने बाहर निकालकर छात्रावास सीज कर दिया है.

धरने पर बैठे छात्रों पर पुलिस ने चलाई लाठी
छात्रों का यह भी आरोप है कि पुलिस ने धरने पर बैठे छात्रों को लाठियों से मारा है और बल प्रयोग किया है, जिसकी कोई जरूरत नहीं थी. छात्रों की तरफ से कोई भी अभद्रता पुलिस प्रशासन के साथ नहीं की गई थी. इसके बावजूद कुछ छात्रों को जबरदस्ती गिरफ्तार कर विश्वविद्यालय से ले जाया गया और अब तक उन छात्रों की कोई खबर नहीं है. पुलिस प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन से नाराज होकर छात्र काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर इकट्ठे होकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बिरला छात्रावास और लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के छात्रों के बीच हुई मारपीट के बाद विश्वविद्यालय का माहौल लगातार बिगड़ता ही जा रहा है. पुलिस प्रशासन के साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ भी छात्र बीएचयू के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर वाइस चांसलर और पुलिस प्रशासन के खिलाफ पोस्टर चस्पा किए.

छात्रों का बढ़ता जा रहा आक्रोश.
बीएचयू प्रशासन भी नहीं दे रहा छात्रों का साथ
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच हुई मारपीट अब पुलिस और छात्रों के बीच की लड़ाई बन चुकी है. पुलिस प्रशासन द्वारा धरने पर बैठे छात्रों पर लाठियों का प्रयोग करने के बाद छात्रों के अंदर गुस्सा और आक्रोश भरा हुआ है, तो वहीं छात्रों का यह भी आरोप है कि बीएचयू प्रशासन भी छात्रों का साथ नहीं दे रहा है. छात्रावास के बाहर निकलकर छात्र अब बीएचयू के मुख्य गेट पर प्रदर्शन कर रहे हैं. बताते चलें कि बीएचयू में बिरला छात्रावास और लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के छात्रों में जमकर मारपीट हुई थी और दोनों ही तरफ से पत्थर और पेट्रोल बम भी चलाए गए थे. इसी दौरान मौके पर पहुंची पुलिस ने उपद्रवी छात्रों को बलपूर्वक छात्रावास के अंदर किया था.

खाली कराया गया लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास
देर शाम छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं बीएचयू मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन ने सीआरपीएफ, पीएसी सहित पुलिस और दर्जनभर थानों की फोर्स के साथ लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास को खाली कराया. जिसके बाद से छात्रों का आक्रोश लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

300 छात्रों को बाहर कर छात्रावास किया सीज
छात्रों का कहना है कि उपद्रव कुछ लोगों ने किया था जो हर बार ऐसा करते हैं और दंड सबको मिलता है. इतनी रात को छात्रावास खाली कराने के बाद पुलिस ने यह भी नहीं सोचा है कि हम कहां जाएंगे. एक महीने बाद हमारी परीक्षा है जिसको देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को इस समय हमारा साथ देना चाहिए था. बताते चलें कि लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास में कला संकाय और विभिन्न विभागों के कुल 300 छात्र रहते हैं, जिनको देर रात पुलिस ने बाहर निकालकर छात्रावास सीज कर दिया है.

धरने पर बैठे छात्रों पर पुलिस ने चलाई लाठी
छात्रों का यह भी आरोप है कि पुलिस ने धरने पर बैठे छात्रों को लाठियों से मारा है और बल प्रयोग किया है, जिसकी कोई जरूरत नहीं थी. छात्रों की तरफ से कोई भी अभद्रता पुलिस प्रशासन के साथ नहीं की गई थी. इसके बावजूद कुछ छात्रों को जबरदस्ती गिरफ्तार कर विश्वविद्यालय से ले जाया गया और अब तक उन छात्रों की कोई खबर नहीं है. पुलिस प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन से नाराज होकर छात्र काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर इकट्ठे होकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

Intro:वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शुरू हुआ बवाल अब गोरिल्ला युद्ध जैसा माहौल बना रहा है। बिरला छात्रावास और लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के छात्रों के बीच हुई मारपीट के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय का माहौल लगातार बिगड़ता ही जा रहा है। छात्रों में आक्रोश बढ़ता हुआ नजर आ रहा है तो वही पुलिस प्रशासन के साथ-साथ विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ भी छात्र बीएचयू के मेन गेट पर प्रदर्शन करते नजर आए हैं। विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर बीएचयू के वाइस चांसलर और पुलिस प्रशासन के खिलाफ पोस्टर चस्पा किए गए तो वहीं सभी छात्र एक साथ धरने प्रदर्शन पर बैठकर वाराणसी पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते भी नजर आए।


Body:VO1: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच हुई मारपीट अब पुलिस और छात्रों के बीच की लड़ाई बन चुकी है। पुलिस प्रशासन ने धरने पर बैठे छात्रों पर लाठियों का प्रयोग करने के बाद छात्रों के अंदर गुस्सा और आक्रोश भरा हुआ है, तो वहीं किछात्रों का ये भी आरोप है कि बीएचयू प्रशासन भी छात्रों का साथ नहीं दे रहा है। छात्रावास के बाहर निकलकर छात्र अब बीएचयू के मुख्य गेट पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बताते चलें कि बीएचयू में बिरला छात्रावास और लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के छात्रों में जमकर मारपीट हुई और दोनों ही तरफ से पत्थर और पेट्रोल बम भी चलाए गए। इसी दौरान मौके पर पहुंची पुलिस ने उपद्रवी छात्रों को बलपूर्वक छात्रावास के अंदर किया था। छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने धरने पर बैठे छात्रों को लाठियों से मारा है और उनके ऊपर बल प्रयोग किया है, जिसकी कोई जरूरत नहीं थी। छात्रों की तरफ से कोई भी अभद्रता पुलिस प्रशासन के साथ नहीं की गई थी पर फिर भी कुछ छात्रों को जबरदस्ती गिरफ्तार कर विश्वविद्यालय से ले जाया गया और अब तक उन छात्रों की कोई खबर नहीं है। पुलिस प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन से नाराज होकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर इकट्ठे हुए हैं और इसके साथ ही वाइस चांसलर और पुलिस प्रशासन के खिलाफ पोस्टर भी चस्पा किए गए हैं।

बाइट: शंखोदीप सेन गुप्ता, छात्र,(लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास) काशी हिन्दू विश्वविद्यालय


Conclusion:VO2: गौरतलब है कि देर शाम छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं बीएचयू मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए। वही विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन ने सीआरपीएफ पीएसी सहित पुलिस और दर्जनभर थानों की फोर्स के साथ लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास को खाली कराया जिसके बाद से छात्रों का आक्रोश लगातार बढ़ता ही हुआ नजर आया। छात्रों का कहना है कि उपद्रव कुछ लोगों ने किया था जो हर बार ऐसा करते हैं और दंड सबको मिल जाता है। इतनी रात को छात्रावास खाली कराने के बाद पुलिस ने यह भी नहीं सोचा है कि छात्र कहां जाएंगे। एक महीने बाद हमारी परीक्षा है विश्वविद्यालय प्रशासन को इस समय हमारा साथ देना चाहिए था। बताते चलें कि लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास में कला संकाय और विभिन्न विभाग के कुल 300 छात्र रहते हैं जिनको देर रात पुलिस ने छात्रावास से बाहर निकालकर छात्रावास सीज कर दिया है।

Regards
Arnima Dwivedi
Varanasi
7523863236
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