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HRD मिनिस्टर के शहर पहुंचने से पहले बीएचयू छात्रों ने फिर लगाया हिंदी भाषी का अपमान क्यों का होर्डिंग - हिंदी की उपेक्षा को लेकर लगे होर्डिंग

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी भाषी छात्रों की उपेक्षा का मामला, एक बार फिर तूल पकड़ लिया है. 16 फरवरी को वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री के आने से पहले शहर के प्रमुख चौराहों पर, हिंदी भाषी छात्रों का अपमान क्यों के नाम से होर्डिंग लगे थे. एक बार फिर एचआरडी मिनिस्टर के वाराणसी पहुंचने से पहले शहर के प्रमुख चौराहों पर होर्डिंग लगा है.

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वाराणसी: चौराहों पर लगे होर्डिंग
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Published : Feb 27, 2020, 2:46 PM IST

Updated : Feb 27, 2020, 4:03 PM IST

वाराणसी: एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक के आने से पहले, छात्रों ने शहर के प्रमुख चौराहों पर होर्डिंग लगा दिया है. होर्डिंग में राजभाषा हिंदी की उपेक्षा, अपमान क्यों जैसे स्लोगन का प्रयोग किया गया. साथ ही नरेंद्र मोदी, अमित शाह, रमेश पोखरियाल निशंक के हिंदी पर दिए गए विचारों का वर्णन भी किया गया है.

वाराणसी: चौराहों पर लगे होर्डिंग

'हिंदी भाषी छात्रों के साथ भेद-भाव क्यों'

छात्रों ने होर्डिंग में प्रश्न पूछा है, कि बीएचयू के कुलपति के द्वारा राज्य भाषा हिंदी की उपेक्षा और अपमान क्यों, बीएचयू में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में हिंदीभाषी अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव और उनके अधिकारों का हनन क्यों. साथ ही बीएचयू के कुलपति को तत्काल बर्खास्त कर सभी नियुक्तियों की न्यायिक जांच की मांग की गयी है.

'हिंदी भाषा की उपेक्षा का विरोध कर रहे छात्र'

कर्ण कुमार ने बताया, कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एचआरडी मिनिस्टर आ रहे हैं. उनका कहना था कि वो शुरू से ही हिंदी भाषा की उपेक्षा को लेकर विरोध कर रहे हैं. इस मुद्दे पर हिंदी भाषी सभी छात्र उनके साथ हैं. उनका कहना था, कि रमेश पोखरियाल निशंक की नजर में डालने के लिए उन लोगों ने बैनर लगाया है.

आगे उन्होंने कहा, कि एचआरडी मिनिस्टर का वह वक्तव्य उन्होंने लिखा है, जिसमे उन्होंने 2 दिन पहले कहा था, कि हिंदी एक विचार है, जो आगे बढ़ने को प्रेरित करती है. वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री ने भी कहा है, कि भाषा वह माध्यम है जिसके जरिए हम आगे आने वाली पीढ़ी में संस्कार सभ्यता को प्रेषित कर सकते हैं.

आप को बता दें, कि वाराणसी में यह होडिंग लंका, रविंद्रपुरी, मलदहिया, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, डीएलडब्ल्यू और चौका घाट पर लगाया गया है.

वाराणसी: एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक के आने से पहले, छात्रों ने शहर के प्रमुख चौराहों पर होर्डिंग लगा दिया है. होर्डिंग में राजभाषा हिंदी की उपेक्षा, अपमान क्यों जैसे स्लोगन का प्रयोग किया गया. साथ ही नरेंद्र मोदी, अमित शाह, रमेश पोखरियाल निशंक के हिंदी पर दिए गए विचारों का वर्णन भी किया गया है.

वाराणसी: चौराहों पर लगे होर्डिंग

'हिंदी भाषी छात्रों के साथ भेद-भाव क्यों'

छात्रों ने होर्डिंग में प्रश्न पूछा है, कि बीएचयू के कुलपति के द्वारा राज्य भाषा हिंदी की उपेक्षा और अपमान क्यों, बीएचयू में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में हिंदीभाषी अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव और उनके अधिकारों का हनन क्यों. साथ ही बीएचयू के कुलपति को तत्काल बर्खास्त कर सभी नियुक्तियों की न्यायिक जांच की मांग की गयी है.

'हिंदी भाषा की उपेक्षा का विरोध कर रहे छात्र'

कर्ण कुमार ने बताया, कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एचआरडी मिनिस्टर आ रहे हैं. उनका कहना था कि वो शुरू से ही हिंदी भाषा की उपेक्षा को लेकर विरोध कर रहे हैं. इस मुद्दे पर हिंदी भाषी सभी छात्र उनके साथ हैं. उनका कहना था, कि रमेश पोखरियाल निशंक की नजर में डालने के लिए उन लोगों ने बैनर लगाया है.

आगे उन्होंने कहा, कि एचआरडी मिनिस्टर का वह वक्तव्य उन्होंने लिखा है, जिसमे उन्होंने 2 दिन पहले कहा था, कि हिंदी एक विचार है, जो आगे बढ़ने को प्रेरित करती है. वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री ने भी कहा है, कि भाषा वह माध्यम है जिसके जरिए हम आगे आने वाली पीढ़ी में संस्कार सभ्यता को प्रेषित कर सकते हैं.

आप को बता दें, कि वाराणसी में यह होडिंग लंका, रविंद्रपुरी, मलदहिया, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, डीएलडब्ल्यू और चौका घाट पर लगाया गया है.

Last Updated : Feb 27, 2020, 4:03 PM IST
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