वाराणसी: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल का विरोध पूरे देश में किया जा रहा है. ऐसे में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के समाजवादी छात्र सभा इकाई के कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर गए. केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. छात्र सभा के कार्यकर्ता और बीएचयू के छात्र विरोध प्रदर्शन करते हुए मार्च निकालना चाहते थे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें मौके पर ही रोक दिया. इसके चलते पुलिसकर्मियों से उनकी झड़प भी हुई.
बीएचयू के मुख्य द्वार के सामने बैठकर छात्रों ने कृषि विधेयक पर विरोध जताया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मौजूदा छात्र नेताओं ने सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की. इस दौरान संसद में पारित हुए तीनों विधेयकों का जमकर विरोध किया गया. कृषि बिल के साथ निजीकरण के मुद्दे पर भी छात्र विरोध करते नजर आए. प्रदर्शन को संबोधित करते हुए छात्रों ने कहा कि यह सरकार पूरी तरीके से गरीब और किसान विरोधी सरकार है. जब तक सरकार तानाशाही रवैया अपनाएगी, हम सड़क से लेकर संसद तक लड़ने का काम करेंगे.
आज हम लोग किसान बिल का विरोध कर रहे हैं. केंद्र की सरकार को छात्रों, नौजवानों, युवाओं और किसानों से द्वेष है.सरकार को निजीकरण से प्रेम है. सरकार का जो कृषि बिल है, वह किसान विरोधी है. यह किसानों पर अत्याचार करेंगे. सरकार किसानों को, नौजवानों को और छात्रों को गुलाम बनाना चाहती है.
-अजीत यादव, बीएचयू छात्र व छात्र सभा के कार्यकर्ता