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बीएचयू ट्रॉमा सेंटर का आर्थोपेडिक विभाग बंद - वाराणसी खबर

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के बीएचयू ट्रॉमा सेंटर के आर्थोपेडिक विभाग में एक डॉक्टर के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद आर्थोपेडिक विभाग को बंद कर दिया गया है, वहीं मरीजों की भर्ती पर भी रोक लगा दी गई है.

बीएचयू ट्रॉमा सेंटर का आर्थोपेडिक विभाग बंद
बीएचयू ट्रॉमा सेंटर का आर्थोपेडिक विभाग बंद
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Published : Jul 1, 2020, 10:35 PM IST

वाराणसी: बीएचयू ट्रॉमा सेंटर का आर्थोपेडिक विभाग मरीजों के लिए बंद कर दिया गया है. अस्थि रोग विभाग के जूनियर डॉक्टर में कोरोना की पुष्टि होने के बाद यह फैसला लिया गया है. अस्पताल में काम रहे 13 अन्य जूनियर डॉक्टरों को क्वारंटीन कराया गया है. इमरजेंसी मरीजों को आपातकाल रूम में देखा जाएगा. उसके बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाएगा.

बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में कोरोना सम्बन्धित सभी तैयारियां हैं और संक्रमण से बचने के लिए पिछले दो माह से सभी उपाय किए जा रहे हैं. ट्रॉमा सेंटर में केवल इमरजेन्सी (दुर्घटनाग्रस्त) मरीजों का इलाज किया जा रहा है. ट्रॉमा सेंटर में आने वाले मरीजों को स्क्रीनिंग क्षेत्र से गुजरना पड़ता है, जहां पर यह सुनिश्चित किया जाता है कि उनके मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप उपलब्ध है या नहीं. आने-जाने वाले लोगों से कोरोना के संभावित संक्रमण के विषय में कुछ सवाल पूछे जाते है और एक प्रारूप में भरे जाते हैं. यदि कोरोना से संक्रमण की संभावना रहती है तो उस मरीज को होल्डिंग एरिया में रखा जाता है और उसकी कोरोना जांच की जाती है. कोरोना जांच पॉजिटिव आने पर उसको सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में स्थानांतरित कर दिया जाता है. मरीज को ट्रॉमा सेंटर के वार्ड में तभी स्थानांतरित किया जाता है, जब उसकी कोरोना की जांच निगेटिव होती है.

ट्रॉमा सेंटर अस्थि रोग विभाग के जिस कनिष्ठ चिकित्सक (जूनियर रेजिडेन्ट) में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है, उसको कहां से संक्रमण हुआ है इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पाई है, क्योंकि आर्थोपेडिक वार्ड में भर्ती मरीजों में से किसी में भी जांच के उपरान्त कोरोना संक्रमण नहीं पाया गया है. यह कनिष्ठ चिकित्सक श्रुशुत छात्रावास में रहता है, इसलिए इसके संम्पर्क में आने वाले अन्य कनिष्ठ चिकित्सकों को भी एहतियात के तौर पर क्वारंटाइन कर दिया गया है. एक साथ अस्थि रोग विभाग के लगभग 13 कनिष्ठ चिकित्सकों को क्वारंटइन में भेजने के कारण अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष की संस्तुति पर अस्थायी रूप से आर्थोपेडिक इमरजेंसी के मरीजों की भर्ती एवं ऑपरेशन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है.

ट्रॉमा सेंटर में आने वाले इस तरह के मरीजों को आपातकालीन कक्ष में प्राथमिक उपचार करके उनको जिला अस्पताल में रेफर कर दिया जा रहा है. शेष दुर्घटनागस्त मरीज जो ट्रॉमा सेंटर में आ रहे हैं. उनका न्यूरोसर्जरी, जनरल सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी का इलाज पूर्व की भांति चल रहा है. इन विभागों में इमरजेन्सी मरीज भर्ती किए जा रहे हैं औऱ उनका ऑपरेशन भी हो रहा है. यह लेटर आचार्य प्रभारी चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू नाम से प्रषित किया गया है. यह जानकारी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी ने मेल के माध्यम से दी.

वाराणसी: बीएचयू ट्रॉमा सेंटर का आर्थोपेडिक विभाग मरीजों के लिए बंद कर दिया गया है. अस्थि रोग विभाग के जूनियर डॉक्टर में कोरोना की पुष्टि होने के बाद यह फैसला लिया गया है. अस्पताल में काम रहे 13 अन्य जूनियर डॉक्टरों को क्वारंटीन कराया गया है. इमरजेंसी मरीजों को आपातकाल रूम में देखा जाएगा. उसके बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाएगा.

बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में कोरोना सम्बन्धित सभी तैयारियां हैं और संक्रमण से बचने के लिए पिछले दो माह से सभी उपाय किए जा रहे हैं. ट्रॉमा सेंटर में केवल इमरजेन्सी (दुर्घटनाग्रस्त) मरीजों का इलाज किया जा रहा है. ट्रॉमा सेंटर में आने वाले मरीजों को स्क्रीनिंग क्षेत्र से गुजरना पड़ता है, जहां पर यह सुनिश्चित किया जाता है कि उनके मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप उपलब्ध है या नहीं. आने-जाने वाले लोगों से कोरोना के संभावित संक्रमण के विषय में कुछ सवाल पूछे जाते है और एक प्रारूप में भरे जाते हैं. यदि कोरोना से संक्रमण की संभावना रहती है तो उस मरीज को होल्डिंग एरिया में रखा जाता है और उसकी कोरोना जांच की जाती है. कोरोना जांच पॉजिटिव आने पर उसको सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में स्थानांतरित कर दिया जाता है. मरीज को ट्रॉमा सेंटर के वार्ड में तभी स्थानांतरित किया जाता है, जब उसकी कोरोना की जांच निगेटिव होती है.

ट्रॉमा सेंटर अस्थि रोग विभाग के जिस कनिष्ठ चिकित्सक (जूनियर रेजिडेन्ट) में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है, उसको कहां से संक्रमण हुआ है इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पाई है, क्योंकि आर्थोपेडिक वार्ड में भर्ती मरीजों में से किसी में भी जांच के उपरान्त कोरोना संक्रमण नहीं पाया गया है. यह कनिष्ठ चिकित्सक श्रुशुत छात्रावास में रहता है, इसलिए इसके संम्पर्क में आने वाले अन्य कनिष्ठ चिकित्सकों को भी एहतियात के तौर पर क्वारंटाइन कर दिया गया है. एक साथ अस्थि रोग विभाग के लगभग 13 कनिष्ठ चिकित्सकों को क्वारंटइन में भेजने के कारण अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष की संस्तुति पर अस्थायी रूप से आर्थोपेडिक इमरजेंसी के मरीजों की भर्ती एवं ऑपरेशन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है.

ट्रॉमा सेंटर में आने वाले इस तरह के मरीजों को आपातकालीन कक्ष में प्राथमिक उपचार करके उनको जिला अस्पताल में रेफर कर दिया जा रहा है. शेष दुर्घटनागस्त मरीज जो ट्रॉमा सेंटर में आ रहे हैं. उनका न्यूरोसर्जरी, जनरल सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी का इलाज पूर्व की भांति चल रहा है. इन विभागों में इमरजेन्सी मरीज भर्ती किए जा रहे हैं औऱ उनका ऑपरेशन भी हो रहा है. यह लेटर आचार्य प्रभारी चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू नाम से प्रषित किया गया है. यह जानकारी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी ने मेल के माध्यम से दी.

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