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Girls Protest In BHU: खाने को लेकर सड़क पर बैठीं छात्राएं, कहा-पीरियड में भी मिलता है अनहाइजिनीक भोजन - BHU girl students protest ़

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शोध की छात्राएं अनहाइजीनिक खाने और बेसिक सुविधाओं की मांग के साथ धरना प्रदर्शन कर रही है. सोमवार रात नौ बजे से अब तक छात्राएं वीसी ऑफिस के बाहर बैठी हुई हैं.

प्रदर्शन करती छात्राएं
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Published : Jan 17, 2023, 7:29 PM IST

प्रदर्शन करती छात्राएं

वाराणसी: महामना की बगिया काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक बार फिर से विवादों की जद में है. इस बार विवाद की वजह विश्वविद्यालय की अव्यवस्था और वहां मेस में परोसे जाने वाले खाने को लेकर है. जिससे परिसर की छात्राएं काफी आहत हैं. विश्वविद्यालय की छात्राओं ने इस अव्यवस्था को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है. सोमवार रात से अब तक छात्रांए अपनी मांगों से वीसी आवास के सामने डटी हुई हैं.छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया है कि हॉस्टल के नाम पर हर साल उनसे हजारों रुपए तो ले लिए जाते हैं लेकिन सुविधाओं के नाम पर शून्य है. शुद्ध पेयजल से लेकर के खाने तक की समस्या है. यहां तक कि पीरियड के समय भी उन्हें अनहाइजीनिक खाना दिया जाता है.

खाने को लेकर सड़कों पर BHU की शोध छात्राएं: सोमवार की रात से बीएचयू की न्यू पीएचडी गर्ल्स हॉस्टल की लगभग 200 छात्राएं कुलपति आवास के बाहर भोजन की थाली लेकर धरने पर बैठी हुई हैं. छात्राओं ने कुलपति से मिलने की जिद ठान ली है. सोमवार रात से अब तक छात्राओं का धरना चल रहा है. छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन के ऊपर शुद्ध पेयजल व शुद्ध खाना न मुहैया कराए जाने का आरोप लगाया है.

वीसी ऑफिस के बाहर बैठी छात्राएं
वीसी ऑफिस के बाहर बैठी छात्राएं
हमें नहीं है राइट टू ईट का अधिकार: प्रदर्शन कर रही छात्रा मैथिली वर्मा ने कहा कि हमसे हॉस्टल के नाम पर हर साल 20 हजार रुपये लिया जाता है. इसके बावजूद भी यहां पर राइट टू ईट और राइट टू वॉटर का अधिकार नहीं है. मेस में हर दिन 200 बच्चे भोजन करने के लिए लंबी कतार में लगते हैं. जिससे दिक्कतों के साथ समय का भी नुकसान होता है. लेकिन, इस पर किसी ने भी आज तक ध्यान नहीं दिया.पीरियड में भी मिलता है अनहाइजिनिक खाना: छात्रा मैथिली वर्मा ने कहा कि महीने में 5 दिन पीरियड की वजह से हमें काफी दिक्कतें होती हैं. लेकिन उस समय भी हमारे खाने-पीने का ध्यान नहीं रखा जाता. हमे हेल्थी फ़ूड देने के बजाय ऑयली (ज्यादा तेल वाला) आधा कच्चा और अनहाइजीनिक खाना दिया जाता है. जिससे हमारी समस्याएं और भी ज्यादा जटिल हो जाती हैं.

कुलपति से मिलने के बाद ही खत्म करेंगी धरना: छात्राओं ने कहा कि क्या हम शोध छात्राओं को इस तरीके का घटिया भोजन मिलना चाहिए. यह सवाल हम कुलपति साहब से पूछना चाहते हैं. लेकिन अब तक उन्होंने हमारी बातें नहीं सुनी. न ही आकर के हम सबसे कोई बातचीत करने की कोशिश की है. उनका कहना है कि जब तक कुलपति नहीं मिलेंगे तब तक वो रास्ता बंद करके सड़कों पर ही पड़ी रहेंगी. छात्रा मैथिली वर्मा ने कहा कि हमें यहां पर सिर्फ मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है. जब भी हम अपनी बातों को कहते हैं हमें निष्कासन की धमकी देकर चुप करा दिया जाता है. लेकिन अब हम अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे और इसीलिए हम धरने पर बैठे हुए हैं.

ये है मांगे: छात्राओं ने पीने के पानी, साफ सफाई, वाईफाई की सुविधा, मेंस में न्यूट्रिशन वाले भोजन की सुविधा व अन्य बेसिक सुविधाओं को लेकर के अपनी आवाज बुलंद की है. इन्ही समस्याओं को लेकर छात्राएं वीसी से मिलने की जिद पर अड़ी हुई हैं.

यह भी पढ़ें: पूर्वांचल के किसानों की मेहनत लाई रंग, फ्लॉवर शो से महकी महामना की बगिया

प्रदर्शन करती छात्राएं

वाराणसी: महामना की बगिया काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक बार फिर से विवादों की जद में है. इस बार विवाद की वजह विश्वविद्यालय की अव्यवस्था और वहां मेस में परोसे जाने वाले खाने को लेकर है. जिससे परिसर की छात्राएं काफी आहत हैं. विश्वविद्यालय की छात्राओं ने इस अव्यवस्था को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है. सोमवार रात से अब तक छात्रांए अपनी मांगों से वीसी आवास के सामने डटी हुई हैं.छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया है कि हॉस्टल के नाम पर हर साल उनसे हजारों रुपए तो ले लिए जाते हैं लेकिन सुविधाओं के नाम पर शून्य है. शुद्ध पेयजल से लेकर के खाने तक की समस्या है. यहां तक कि पीरियड के समय भी उन्हें अनहाइजीनिक खाना दिया जाता है.

खाने को लेकर सड़कों पर BHU की शोध छात्राएं: सोमवार की रात से बीएचयू की न्यू पीएचडी गर्ल्स हॉस्टल की लगभग 200 छात्राएं कुलपति आवास के बाहर भोजन की थाली लेकर धरने पर बैठी हुई हैं. छात्राओं ने कुलपति से मिलने की जिद ठान ली है. सोमवार रात से अब तक छात्राओं का धरना चल रहा है. छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन के ऊपर शुद्ध पेयजल व शुद्ध खाना न मुहैया कराए जाने का आरोप लगाया है.

वीसी ऑफिस के बाहर बैठी छात्राएं
वीसी ऑफिस के बाहर बैठी छात्राएं
हमें नहीं है राइट टू ईट का अधिकार: प्रदर्शन कर रही छात्रा मैथिली वर्मा ने कहा कि हमसे हॉस्टल के नाम पर हर साल 20 हजार रुपये लिया जाता है. इसके बावजूद भी यहां पर राइट टू ईट और राइट टू वॉटर का अधिकार नहीं है. मेस में हर दिन 200 बच्चे भोजन करने के लिए लंबी कतार में लगते हैं. जिससे दिक्कतों के साथ समय का भी नुकसान होता है. लेकिन, इस पर किसी ने भी आज तक ध्यान नहीं दिया.पीरियड में भी मिलता है अनहाइजिनिक खाना: छात्रा मैथिली वर्मा ने कहा कि महीने में 5 दिन पीरियड की वजह से हमें काफी दिक्कतें होती हैं. लेकिन उस समय भी हमारे खाने-पीने का ध्यान नहीं रखा जाता. हमे हेल्थी फ़ूड देने के बजाय ऑयली (ज्यादा तेल वाला) आधा कच्चा और अनहाइजीनिक खाना दिया जाता है. जिससे हमारी समस्याएं और भी ज्यादा जटिल हो जाती हैं.

कुलपति से मिलने के बाद ही खत्म करेंगी धरना: छात्राओं ने कहा कि क्या हम शोध छात्राओं को इस तरीके का घटिया भोजन मिलना चाहिए. यह सवाल हम कुलपति साहब से पूछना चाहते हैं. लेकिन अब तक उन्होंने हमारी बातें नहीं सुनी. न ही आकर के हम सबसे कोई बातचीत करने की कोशिश की है. उनका कहना है कि जब तक कुलपति नहीं मिलेंगे तब तक वो रास्ता बंद करके सड़कों पर ही पड़ी रहेंगी. छात्रा मैथिली वर्मा ने कहा कि हमें यहां पर सिर्फ मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है. जब भी हम अपनी बातों को कहते हैं हमें निष्कासन की धमकी देकर चुप करा दिया जाता है. लेकिन अब हम अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे और इसीलिए हम धरने पर बैठे हुए हैं.

ये है मांगे: छात्राओं ने पीने के पानी, साफ सफाई, वाईफाई की सुविधा, मेंस में न्यूट्रिशन वाले भोजन की सुविधा व अन्य बेसिक सुविधाओं को लेकर के अपनी आवाज बुलंद की है. इन्ही समस्याओं को लेकर छात्राएं वीसी से मिलने की जिद पर अड़ी हुई हैं.

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