वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे. वाराणसी दौरे के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 को लेकर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. जिस वक्त मुख्यमंत्री बीएचयू के सेंट्रल ऑफिस में कोविड-19 की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे, उसी समय मुख्यमंत्री से अपने बेटे के अच्छे इलाज के लिए गुहार लगाने एक कोरोना संक्रमित युवक की मां सेंट्रल ऑफिस पहुंची. इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उस महिला को मुख्यमंत्री से मिलने से रोक दिया.
पीड़ित महिला ने बताया कि मैं यहां पर सीएम साहब से यह गुहार लगाने आई हूं कि मेरे बच्चे को छोड़ दिया जाए. मैं उसे होम क्वारंटाइन करके काढ़ा पिला कर स्वस्थ कर लूंगी. गुहार लगाते हुए पीड़िता ने कहा कि अगर उसके बेटे को इस जेल जैसे अस्पताल से बाहर नहीं निकाला गया तो मेरे बेटे की हालत और खराब हो जाएगी. उन्होंने बताया कि बेटे के साथ हो रहे इस बर्ताव की शिकायत मैंने यहां के एमएस माथुर से की, तो उन्होंने भी कोई कार्रवाई नहीं की.
बीएचयू के कोविड-19 वार्ड पर पहले भी लगे हैं आरोप
कोरोना संक्रमित मरीजों को लेकर बीएचयू में लगातार लापरवाही का मामले पहले भी सामने आए हैं. यहां कुछ दिन पहले एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को बीएचयू में एडमिट बताया और यहां के खराब व्यवस्था को बयां किया था, कुछ दिन बाद उसकी मौत भी हो गई. वहीं कुछ दिन पहले बीएचयू का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें तीन एंबुलेंस खड़ी थी और घंटों से मरीज एंबुलेंस में पड़े थे. उसके बाद अब इस महिला ने बीएचयू पर बड़ा आरोप लगाया है.