वाराणसी: जिले के सिगरा थाना क्षेत्र एएए एंटरटेनमेंट एवं विश्व भोजपुरी सम्मेलन ने रविवार को सम्मान समारोह का आयोजन किया. इसमें भोजपुरी में फैल रही फूहड़ता और अश्लीलता के खिलाफ आवाज उठाई गई. भोजपुरी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए आंदोलन करने की बात कही गई. कार्यक्रम में भोजपुरी के दो सुपरस्टार दिनेश लाल यादव (निरहुआ) और खेसारी लाल की फिल्मों के अश्लीलता फैलाने पर उनका विरोध किया गया.
सिगरा के मलदहिया स्थित सिंह निकेतन में एएए एंटरटेनमेंट एवं विश्व भोजपुरी सम्मेलन ने भोजपुरी को बढ़ावा देने वाले कलाकारों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया. इसमें मुख्य रूप से भोजपुरी के भीष्म पितामह कहे जाने वाले भरत शर्मा व्यास, आचार्य जनार्दन कृष्ण, मदन राय, गोपाल राय इत्यादि शामिल हुए. प्रोग्राम में अधिकतर लोगों द्वारा भोजपुरी में फैल रही अश्लीलता और फूहड़ता को दूर करने के लिए अच्छे गाने, फिल्म और संगीत बनाने के विचार सभी लोगों ने रखे.
17 देशों में बोली जाती है भोजपुरी
विश्व भोजपुरी सम्मेलन के महासचिव डॉ. अशोक सिंह ने कहा कि जिन्होंने अश्लीलता को कभी बढ़ावा नहीं दिया, वो आज भोजपुरी में लोगों को नकार रहे हैं. समस्याओं को दूर करने के लिए सभी कलाकारों को सम्मानित किया जा रहा है. यह लोग पुराने कलाकार हैं, जो पुरानी शैली के माध्यम से साफ-सुथरे गीतों को परोसने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस पर जीवनदीप पब्लिक स्कूल शिक्षक समूह में विश्व भोजपुरी सम्मेलन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक होगी. इसमें भोजपुरी को सम्मान दिलाने के लिए इस तरह के प्रस्ताव पर सुझाव लिए जाएंगे. डॉ. अशोक ने बताया कि भोजपुरी 17 देशों में बोली जाती है. 17 करोड़ से ऊपर लोग इस भाषा को बोलते हैं. 8-9 विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई भी हो रही है.
निरहुआ-खेसारी पर साधा निशाना
विश्व भोजपुरी सम्मेलन के महासचिव डॉ. अशोक ने कहा कि भोजपुरी दो वर्गों में बटा हुआ है. इसमें दो वर्ग के लोग हैं, जो अश्लीलता पर काम करते है. इसमें निरहुआ, खेसारी लाल और अन्य लोग हैं, जो भोजपुरी को बदनाम कर रहे हैं. डॉ. अशोक ने कहा कि यह लोग पैसा कमाने के लिए किसी भी स्तर पर आ रहे हैं. समाज में गंदगी करने का काम कर रहे हैं. इसका विरोध सरकारी स्तर के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर किया जा रहा है. फरवरी में होने वाली बैठक में हम ग्राउंड लेवल पर चर्चा कर इसे दूर करने का काम करेंगे. लोग नहीं माने तो पोस्टर, बैनर का विरोध करेंगे और पिक्चर चलने नहीं देंगे.