वाराणसीः भारतीय आवाम पार्टी (Bharatiya Awam Party) के सुभाष यादव ने कार्यकर्ताओं के साथ मुंशी प्रेमचंद स्मृति द्वार लमही पर फारूक अब्दुल्ला का पुतला (effigy of Farooq Abdullah) फूंककर उनकी गिरफ्तारी की मांग की. वहीं इस संबंध में बात करते हुए कहा कि भारतीय आवाम पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नजमा परवीन ने कहा कि ये दूसरों को गलतफहमी है कि फारूक कश्मीर का नेता है. भारतीय आवाम पार्टी जानती है कि पाकिस्तान का राग लापने वाला फारूक कभी देशहित की बात नहीं सोच सकता है.
बता दें कि आतंकवादी कश्मीर में मजदूरों की हत्या कर रहे हैं. इस हिंसा और अपराध को छिपाने और जायज ठहराने के लिए नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर में हत्या होती रहेगी. उनके इस बयान से भारतीय आवाम पार्टी (Bharatiya Awam Party) ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है. भारतीय अवाम पार्टी ने फारूक पर प्रतिबंध लगाने के साथ गिरफ्तारी की मांग की. फारूक के बयानों से आतंकियों का मनोबल बढ़ा है. इससे हत्याओं में तेजी आई है. वहीं, उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकियों के आकाओं को गिरफ्तार कर जेल में ठूंस दिया जाएगा तो स्वतः ही आतंकवाद खत्म हो जाएगा.
वहीं, भारतीय आवाम पार्टी (Bharatiya Awam Party) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ज्ञानप्रकाश ने कहा कि कश्मीर में दलितों को खोजकर मारा जा रहा है. कश्मीर को अपने खून-पसीने से सींचने वाले दलित समुदाय के लोगों की बाहरी कहकर हत्या कराई जा रही है. फारूक और महबूबा आतंकियों के प्रवक्ता बने हैं. कश्मीर में आतंकियों का समर्थन और बाहर अहिंसा की बात करते हैं. कश्मीरी नेताओं का दोहरा चरित्र पाकिस्तान को लाभ पहुंचाने वाला है. हम खामोश नहीं बैठेंगे.
भारतीय आवाम पार्टी (Bharatiya Awam Party) के जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि देश के गद्दारों के साथ कोई समझौता नहीं होगा. मजदूरों की हत्या करवाकर ये डर फैलाना चाहते हैं ताकि कोई कश्मीर न जाये और ये आतंक फैला सकें. इन सब को भारत में रहने का अधिकार नहीं है. उत्तर प्रदेश के मजदूरों की हत्या पर पार्टी शांत नहीं रहेगी.
आतंकी विरोधी मार्च में मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह, प्रदेश महासचिव अजय कुमार सिंह, जिला उपाध्यक्ष राजकुमार राजू, पीयूष पाण्डेय, सुनीता श्रीवास्तव, सरोज देवी, गीता देवी, रमता श्रीवास्तव, इली भारतवंशी, खुशी भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, जगदीश कन्नौजिया व अन्य मौजूद थे.
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