वाराणसी: 15 अगस्त यानी कि स्वतंत्रता दिवस. भारत देश की आजादी का दिन. पूरा देश आज आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. लेकिन क्या सिर्फ बाजार जाने से घूमने से, दुकानों से तिरंगा खरीदने से क्या भारत माता के प्रति हमारा दायित्व पूरा हो जाता है? हम भूल गए कि देश का एकामात्र भारत माता मंदिर आज के दिन सूना पड़ा है. क्यों, आइए विस्तार से समझते हैं.
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वाराणसी में 8 विधानसभा क्षेत्र, सभी में भाजपा के विधायक
साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में वाराणसी की जनता ने एक बार फिर सभी 8 विधानसभाओं में भाजपा के प्रत्याशियों को जीत दिलाई है. जहां भारत माता मंदिर स्थित है. वह कैंट विधानसभा क्षेत्र में आता है. यहां के विधायक हैं सौरभ श्रीवास्तव. आपको कैंट स्थित रेलवे स्टेशन तो आजादी के जश्न में डूबा नजर आएगा, लेकिन वहां से कुछ ही दूरी पर स्थित भारत माता मंदिर को अनदेखा कर दिया गया है.
सभी संगठनों ने यहां से निकाली तिरंगा यात्रा
आजादी के अमृत महोत्सव पर सभी राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने भारत माता मंदिर से ही तिरंगा यात्रा की शुरुआत की है. इस दौरान शहर भर के कई बड़े नेता और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आना हुआ. मंदिर से निकलकर आजादी के नारे तो लगाए गए, लेकिन किसी ने भारत माता को पलटकर नहीं देखा.
केयर टेकर ने खुद के पैसे से सजाया तिरंगा
काशी विद्यापीठ स्थित भारत माता मंदिर के केयर टेकर राजीव कुमार ने बताया कि, मंदिर से कई संगठनों ने आज सुबह से ही कई कार्यक्रमों की शुरुआत की. कई लोग आए यहां, लेकिन किसी ने भी यहां तिरंगा नहीं सजाया. जब मैंने देखा कि अब कोई यहां सजावट करने नहीं आ रहा है तो मैंने खुद के पैसे से तिरंगा खरीदा और यहां पर लगा दिया. किसी ने भी इसके बारे में बात नहीं की.
'सिर्फ नाम के लिए न मनाएं आजादी का अमृत महोत्सव'
वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता हरीश मिश्रा ने कहा कि, सरकार को सिर्फ नाम के लिए आजादी का अमृत महोत्सव नहीं मनाना चाहिए. जहां पर खुद भारत माता का मंदिर उस जगह को ही कैसे भूला जा सकता है. यह बहुत ही दुखद है. इस तरफ सरकार और यहां के जनप्रतिनिधियों को तुरंत ध्यान देना चाहिए.
पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा हुआ है. वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र है, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी लगातार आते रहते हैं. ऐसे में भारत माता मंदिर में सूनापन आजादी के अमृत महोत्सव पर सवाल खड़ा करता है. यह इतनी बड़ी चूक कैसे हुई है और किसकी जिम्मेदारी बनती है.
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