वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आजादी के 75 गौरवशाली वर्षों को रेखांकित करने के लिए साल 2022 तक एक नया आत्मनिर्भर भारत बनाने के अपने विजन को अक्सर साझा किया है. इसी विजन के तहत काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने 'भारत खिलौना मेला 2021' के लिए बहुत खूबसूरत कलात्मक ज्ञानवर्धक खिलौनों का निर्माण किया है, जो वर्चुअल रूप से इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं.
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'बच्चों में लोकल खिलौनों के प्रति बढ़ेगी जागरूकता'
प्राचार्य डॉ दिवाकर सिंह का कहना है कि इस तरह के कार्यक्रम से बच्चों में लोकल खिलौनों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी. वो इसका प्रयोग अपने पठन-पाठन में उपयोगी ढंग से कर सकते हैं. सभी खिलौने तैयार करने में विद्यालय के कला शिक्षक कौशलेश कुमार का विशेष योगदान है. जिन्होंने दिन रात बच्चों के साथ लगकर उनको हर तरफ से प्रेरित करते हुए इस बड़े आयोजन में शामिल होने के लिए तैयार किया.
'भारतीय खिलौनों के लिए साथ मिलकर करेंगे काम'
विद्यालय की उप प्राचार्य विनीता सिंह का कहना है कि भारत का स्थानीय खिलौना और खेल उद्योग इन आकांक्षाओं को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है. भारत को अपने समृद्ध और विविध खिलौना उत्पादन में सबसे हटकर खड़ा होने का समय आ चुका है. अब भारतीय खिलौनों के लिए साथ मिलकर काम किया जाएगा.
इन लोगों ने दिया सहयोग
अर्चिता मिश्रा, अगस्त्य, प्राप्ति, अनुत्तरा गुप्ता, दीपांजलि शर्मा, प्रियंका जाना, आस्था, राशि सिंह समिता, प्रियांशी, शुभांगी , अदिति, अनुज कुमार, महिमा कुमारी, कुशाग्री सिंह, अदिति गुप्ता, अमन कुमार, साक्षी शर्मा एवं अंकिता गौतम इत्यादि छात्रों ने खिलौने तैयार किए हैं. इसमें अपने बनारस की संस्कृति धरोहर लकड़ी उद्योग खिलौनों को बहुत ही कुशलता के साथ छात्रों ने दर्शाया है. इसके साथ कुछ डिजिटल खिलौने भी बनाए गए हैं.