वाराणसी : बीएचयू परिसर में भगत सिंह मोर्चा के करीब 10 छात्रों ने मनुस्मृति की प्रतीकात्मक प्रतियां जलाईं. इस दौरान ब्राह्मण समाज और हिन्दुत्व को लेकर आपत्तिजनक नारेबाजी की गई. छात्रों ने कुछ पन्नों पर मनुस्मृति के श्लोक लिखे इसके बाद इसे जला दिया. इसका वीडियो भी सामने आया है. हालांकि ईटीवी भारत वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है. करीब तीन दिनों से आपत्तिजनक टिप्पणी की जा रही है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी बवाल मचा हुआ है. कई पुराने और नए वीडियो शेयर किए जा रहे हैं. इससे पहले एक युवती ने किताब को जलाकर उससे सिगरेट पीते हुए अपना वीडियो पोस्ट किया था. यह वायरल भी हो चुका है.
फेसबुक पेज पर पोस्ट किया वीडियो : भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा के फेसबुक पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है. यह वीडियो करीब 12 मिनट 27 सेकेंड का है. इसमें मनुस्मृति को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उसकी प्रतियों को जलाया जा रहा है. छात्र वीडियो में कहते सुनाई दे रहे हैं कि 25 दिसंबर को बाबा साहेब आंबेडकर ने जिन सामाजिक बुराइयों को देखते हुए मनुस्मृति की प्रतियां जलाई थीं. वे समस्याएं अभी भी बनी हुईं हैं. महिलाओं और शूद्रों के साथ भेदभाव अभी भी समाज में बरकरार है. हिंदू धर्म की खामियों पर बाबा साहेब काफी चोट करते थे.
ब्राह्मण समाज पर कही आपत्तिजनक बात : वीडियो में बीएचयू में मनुस्मृति की प्रतियां जला रहे छात्रों ने कहा कि, बाबा साहब आंबेडकर का मानना था कि हिंदू धर्म मैं पैदा हुआ हूं, लेकिन इस धर्म में मरूंगा नहीं. उन्होंने बौद्ध अपना लिया था. हिंदू धर्म समानता, स्वतंत्रता विरोधी है. बाबा साहब हिंदूवाद के विरोध में रहे हैं. इसलिए हम लोग मनुस्मृति को जलाने के लिए यहां पर एकजुट हुए हैं. उन्होंने चार वर्णीय व्यवस्था का विरोध किया था. बता दें कि इस दौरान मोर्चा के छात्रों ने ब्राह्मणवाद और हिंदुत्व पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. ब्राह्मणवाद की छाती पर बिरसा फुले अंबेडकर, ब्राह्मणवाद मुर्दाबाद, मनुवाद मुर्दाबाद और जातिवाद को धवस्त करो जैसे नारे लगाए.
मनुस्मृति पर रिसर्च के लिए फेलोशिप : बता दें कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मनुस्मृति पर रिसर्च के लिए फेलोशिप की शुरुआत हुई है. 31 मार्च 2023 को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय की ओर से मनुस्मृति रिसर्च पर फेलोशिप प्रोग्राम शुरू किया गया था. इसका विषय था 'एप्लीकेबिलकटी ऑफ मनुस्मृति इन इंडियन सोसायटी'. ऐसे में भगत सिंह मोर्चा के छात्रों द्वारा मनुस्मृति की प्रतियां जलाने को लेकर विवाद बढ़ गया है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि महामना की जिस बगिया में मनुस्मृति पर रिसर्च के लिए फेलोशिप की शुरुआत हुई वहीं पर आज ऐसी घटनाएं देखने को मिल रही हैं.
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