वाराणसीः शहर के नगर निगम चुनाव में पहली बार 100 सीटों पर पार्षदी का चुनाव होने जा रहा है. इसमें से 34 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं. इस बार चुनाव में महिलाओं की ज्यादा हिस्सेदारी महिलाओं को भी काफी प्रोत्साहित कर रही है, जिसकी तस्वीर बाजारों में भी नजर आ रही है. चुनाव के बीच वाराणसी के बाजार में एक अनोखी साड़ी छाई हुई है, जिसका इस्तेमाल महिलाएं खूब कर रही हैं. आप सोच रहे होंगे चुनाव में साड़ी का क्या कनेक्शन?
अशोक बुनकर ने तैयार की है खास साड़ी
दरअसल, वाराणसी में इस बार 100 सीटों पर नगर निगम के चुनाव होने है. 34 सीटों पर महिला पार्षद चुनाव लड़ेंगी. इससे भी खास बात यह है भारतीय जनता पार्टी ने भी महिलाओं को टिकट दिए हैं. ऐसे में पीएम मोदी की प्रस्तावक रहे अशोक कुमार बुनकर ने एक खास साड़ी तैयार की है. उन्होंने कमल के फूल की डिजाइन वाली साड़ी बनाई है. बनारस की परंपरागत साड़ी पैठिनी की तस्वीर दिखा रही हैं. इनकी डिमांड भी बाजार में देखी जा रही है.
पीएम मोदी से एक बार फिर जुड़ने का प्रयास
बुनकर अशोक कुमार ने इस पर विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि वह साल 2014 में पीएम मोदी के प्रस्तावक बने थे. इसके बाद अब एक बार फिर उनसे जुड़ने का प्रयास किया है. जैसा कि सभी को पता है कि वाराणसी नगर निगम चुनाव में महिलाओं को भी अधिक मात्रा में टिकट दिए गए हैं तो उनको ध्यान में रखते हुए अनोखा प्रयास किया है. शुद्ध सिल्क की साड़ियों पर कमल के फूल का डिजाइन तैयार किया है.
चुनाव प्रचार के लिए पसंद की जा रहीं साड़ियां
उन्होंने बताया कि इन साड़ियों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि शुद्ध धागे की बनी है. इसको बनाने में बारीक कारीगरी की गई है. इसकी डिजाइन में कमल का फूल तैयार किया गया है. यह साड़ी सभी साड़ियों से अलग तैयार की गई है. उनका कहना है कि इस बार महिलाओं को ज्यादा टिकट मिला है और ऐसे में महिलाएं चुनाव प्रचार के लिए इस तरीके की साड़ियों को पसंद कर रहे हैं.
भाजपा ने महिलाओं को कई टिकट दिए
इस बारे मे व्यापारी सर्वेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस समय नगर निगम चुनाव चल रहा है. खास बात यह है कि इस बार भाजपा ने बहुत सारी महिलाओं को टिकट दिया है. लगभग 35 फीसदी टिकट महिलाओं को मिले हैं. हमारे साथ बुनकर अशोक कुमार भी जुड़े हैं जो साल 2014 में पीएम मोदी के प्रस्तावक थे. इन्होंने ही साड़ियों में बुनकरी की कला को दिखाया है.
10 हजार से 50 हजार में बिक रहीं साड़ियां
सर्वेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि साड़ियों पर कमल के फूल पहले भी बनाए जाते थे, लेकिन इनका संयोजन इस तरह से किया गया है कि पहले की अपेक्षा यह अलग है. या यूं कि कहें कि ये आर्ट वर्क आउट ऑफ ट्रेंड हो गया था, लेकिन एक बार फिर से वाराणसी के बाजारों में ट्रेंड में आ गया है. इन साड़ियों के दाम लगभग 10 हजार से 50 हजार तक के हैं. ये सारी कला अशोक कुमार की ही है, जोकि ट्रस्ट के प्राइम मेंबर भी हैं.