ETV Bharat / state

बनारस रेल इंजन कारखाने का रिकॉर्ड, 1 साल में बने 367 इंजन - बरेका डीजल रेल इंजन

बनारस रेल इंजन कारखाना (Banaras Rail Engine Factory) द्वारा 365 दिन यानी 1 साल में 367 रेल इंजनों को तैयार कर एक कीर्तिमान स्थापित किया गया है. वर्तमान में बरेका में 8 हजार से ज्यादा इंजनों का निर्माण किया जा चुका है. गौरतलब है कि यहां के बनाए हुए इंजन विदेशों में भेजे जा रहे हैं.

बरेका रेल कारखाने ने एक साल में बनाए 367 रेल इंजन.
बरेका रेल कारखाने ने एक साल में बनाए 367 रेल इंजन.
author img

By

Published : Nov 15, 2022, 7:24 PM IST

Updated : Nov 15, 2022, 8:16 PM IST

वाराणसीः देश में रेल को गति प्रदान करने वाले बनारस रेल इंजन कारखाने (Banaras Rail Engine Factory) ने एक बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया है. इस कीर्तिमान में बरेका के इतिहास में पहली बार हुआ है कि जब 365 दिनों में कारखाने में 367 रेल इंजनों को तैयार किया गया है. बड़ी बात यह है कि बरेका में यह अब तक का सर्वाधिक निर्माण है. जहां 5 हजार कर्मचारियों ने अपनी मेहनत और लगन से इस रिकॉर्ड को हासिल किया है.

जानकारी देते जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार.
1961 अगस्त में डीजल व विद्युत रेल इंजन कारखाने की स्थापना की गई थी. जनवरी 1964 में बरेका ने पहले रेल इंजन का निर्माण कर देश को समर्पित किया था. 1976 में पहले रेल इंजन तंजानिया को निर्यात किया गया. इसके बाद निर्यात का यह कारवां शुरू हो गया. बड़ी बात यह थी कि, निर्यात के बावजूद भी इंजन को तैयार करने के लिए बरेका को अमेरिकी तकनीक के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी जैसे विदेशों पर उपकरणों व इंजन के पार्ट्स के लिए निर्भर होना पड़ता था. लेकिन 2014 के बाद मेकिंग इंडिया के विचार से भारत में ही ज्यादातर उपकरणों को तैयार किया जा रहा है. वर्तमान में बरेका में 8 हजार से ज्यादा इंजनों का निर्माण किया जा चुका है. यहां के बनाए हुए इंजन 11 देशों में भेजे जा रहे हैं. यही नहीं इस वित्तिय वर्ष में कुल 367 इंजनों का निर्माण बरेका में हुआ है.
बरेका रेल कारखाने ने एक साल में बनाए 367 रेल इंजन.
बरेका रेल कारखाने ने एक साल में बनाए 367 रेल इंजन.

365 दिन में 367 रेल इंजन तैयार
इस बारे में जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार (Public Relations Officer Rajesh Kumar) ने बताया कि, बनारस रेल इंजन कारखान ने वित्तिय वर्ष 2021-22 में एक नया रिकॉर्ड तैयार किया है. इस नए रिकॉर्ड के तहत लोकोमोटिव कारखाने में इस वर्ष कुल 367 रेल इंजनों का निर्माण किया गया है. उन्होंने बताया कि इन इंजनों को तैयार करने में लगभग 5 हजार कर्मचारी लगे हुए हैं. ये अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड है. जो बरेका ने बनाया है.

8300 इंजनों का हुआ है निर्माण
उन्होंने बताया कि 1964 में पहला हमारा डीजल लोकोमोटिव (diesel locomotive) बनकर तैयार हुआ था. जिसका फ्लैग ऑफ करके प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने देश को समर्पित किया था. 1964 से शुरू हुई यात्रा में 2017 तक हम लोगों ने 83 हजार डीजल इंजनों का निर्माण किया. उन्होंने बताया कि एक बड़ा परिवर्तन 2017 के बाद आया और उसके बाद डीजल रेल इंजन के साथ हमने विद्युत रेल इंजन (bereka electric locomotive) का भी निर्माण शुरू किया. अब तक 1,276 विद्युत रेल इंजनों का निर्माण भी किया जा चुका है.

etv bharat
बनारस रेल इंजन कारखाना

172 इंजनों का हुआ है निर्यात
इन सब इंजनों के निर्माण के साथ इस बीच बरेका ने लगभग 172 इंजनों का निर्यात भी अलग-अलग देशों में किया गया. इसमें तंजानिया को 15, वियतनाम को 25, बांग्लादेश 49, श्रीलंका 30, मलेशिया 1, सूडान 8, अंगोला 3, म्यंमार 29, सेंगल 04, मोजांबिक यू को 8, इंजन भेजे गए है.

बरेका रेल कारखाने ने एक साल में बनाए 367 रेल इंजन.
बरेका रेल कारखाने ने एक साल में बनाए 367 रेल इंजन.

बरेका बना सामानों का आत्मनिर्भर
जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि 98 फीसदी से ज्यादा सामान स्वदेशी हो चुके हैं. भारत में इन सामानो का उत्पादन हो रहा है. इन सामानो के जरिये रेल इंजन को तैयार किया जाता है. उन्होंने बताया कि रेल इंजन के सामानों में ऑयल रेडिएटर, सर्जररेस्टर, ट्रांसफॉर्मर, प्रपल्सर सिस्टम, कंप्रेसर, बैटरी बॉक्स, कंट्रोल पैनल, ट्रांसफार्मर, बोगी इत्यादि कई सामानों के उत्पादन किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में महज सिर्फ दो ऐसे सामान हैं. जिनके लिए हमें विदेशों पर निर्भर होना पड़ता है. उन सामानों में एक पैंटोग्राफ और दूसरा वेक्यूम सर्किट ब्रेकर है. ये आज भी विदेशों से आते हैं.

यह भी पढ़ें-योगी कैबिनेट की बैठक कल लोक भवन में सुबह 11 बजे, हो सकते हैं कई अहम फैसले

वाराणसीः देश में रेल को गति प्रदान करने वाले बनारस रेल इंजन कारखाने (Banaras Rail Engine Factory) ने एक बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया है. इस कीर्तिमान में बरेका के इतिहास में पहली बार हुआ है कि जब 365 दिनों में कारखाने में 367 रेल इंजनों को तैयार किया गया है. बड़ी बात यह है कि बरेका में यह अब तक का सर्वाधिक निर्माण है. जहां 5 हजार कर्मचारियों ने अपनी मेहनत और लगन से इस रिकॉर्ड को हासिल किया है.

जानकारी देते जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार.
1961 अगस्त में डीजल व विद्युत रेल इंजन कारखाने की स्थापना की गई थी. जनवरी 1964 में बरेका ने पहले रेल इंजन का निर्माण कर देश को समर्पित किया था. 1976 में पहले रेल इंजन तंजानिया को निर्यात किया गया. इसके बाद निर्यात का यह कारवां शुरू हो गया. बड़ी बात यह थी कि, निर्यात के बावजूद भी इंजन को तैयार करने के लिए बरेका को अमेरिकी तकनीक के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी जैसे विदेशों पर उपकरणों व इंजन के पार्ट्स के लिए निर्भर होना पड़ता था. लेकिन 2014 के बाद मेकिंग इंडिया के विचार से भारत में ही ज्यादातर उपकरणों को तैयार किया जा रहा है. वर्तमान में बरेका में 8 हजार से ज्यादा इंजनों का निर्माण किया जा चुका है. यहां के बनाए हुए इंजन 11 देशों में भेजे जा रहे हैं. यही नहीं इस वित्तिय वर्ष में कुल 367 इंजनों का निर्माण बरेका में हुआ है.
बरेका रेल कारखाने ने एक साल में बनाए 367 रेल इंजन.
बरेका रेल कारखाने ने एक साल में बनाए 367 रेल इंजन.

365 दिन में 367 रेल इंजन तैयार
इस बारे में जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार (Public Relations Officer Rajesh Kumar) ने बताया कि, बनारस रेल इंजन कारखान ने वित्तिय वर्ष 2021-22 में एक नया रिकॉर्ड तैयार किया है. इस नए रिकॉर्ड के तहत लोकोमोटिव कारखाने में इस वर्ष कुल 367 रेल इंजनों का निर्माण किया गया है. उन्होंने बताया कि इन इंजनों को तैयार करने में लगभग 5 हजार कर्मचारी लगे हुए हैं. ये अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड है. जो बरेका ने बनाया है.

8300 इंजनों का हुआ है निर्माण
उन्होंने बताया कि 1964 में पहला हमारा डीजल लोकोमोटिव (diesel locomotive) बनकर तैयार हुआ था. जिसका फ्लैग ऑफ करके प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने देश को समर्पित किया था. 1964 से शुरू हुई यात्रा में 2017 तक हम लोगों ने 83 हजार डीजल इंजनों का निर्माण किया. उन्होंने बताया कि एक बड़ा परिवर्तन 2017 के बाद आया और उसके बाद डीजल रेल इंजन के साथ हमने विद्युत रेल इंजन (bereka electric locomotive) का भी निर्माण शुरू किया. अब तक 1,276 विद्युत रेल इंजनों का निर्माण भी किया जा चुका है.

etv bharat
बनारस रेल इंजन कारखाना

172 इंजनों का हुआ है निर्यात
इन सब इंजनों के निर्माण के साथ इस बीच बरेका ने लगभग 172 इंजनों का निर्यात भी अलग-अलग देशों में किया गया. इसमें तंजानिया को 15, वियतनाम को 25, बांग्लादेश 49, श्रीलंका 30, मलेशिया 1, सूडान 8, अंगोला 3, म्यंमार 29, सेंगल 04, मोजांबिक यू को 8, इंजन भेजे गए है.

बरेका रेल कारखाने ने एक साल में बनाए 367 रेल इंजन.
बरेका रेल कारखाने ने एक साल में बनाए 367 रेल इंजन.

बरेका बना सामानों का आत्मनिर्भर
जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि 98 फीसदी से ज्यादा सामान स्वदेशी हो चुके हैं. भारत में इन सामानो का उत्पादन हो रहा है. इन सामानो के जरिये रेल इंजन को तैयार किया जाता है. उन्होंने बताया कि रेल इंजन के सामानों में ऑयल रेडिएटर, सर्जररेस्टर, ट्रांसफॉर्मर, प्रपल्सर सिस्टम, कंप्रेसर, बैटरी बॉक्स, कंट्रोल पैनल, ट्रांसफार्मर, बोगी इत्यादि कई सामानों के उत्पादन किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में महज सिर्फ दो ऐसे सामान हैं. जिनके लिए हमें विदेशों पर निर्भर होना पड़ता है. उन सामानों में एक पैंटोग्राफ और दूसरा वेक्यूम सर्किट ब्रेकर है. ये आज भी विदेशों से आते हैं.

यह भी पढ़ें-योगी कैबिनेट की बैठक कल लोक भवन में सुबह 11 बजे, हो सकते हैं कई अहम फैसले

Last Updated : Nov 15, 2022, 8:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.