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बरेका ने बनाया कीर्तिमान, 26 कार्य दिवस में तैयार किए 33 विद्युत रेल इंजन

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Published : Jun 30, 2021, 7:48 PM IST

बनारस रेल इंजन कारखाने (बरेका) ने एक कारनामा कर दिखाया है. कारखाने ने 26 कार्य दिवस में 33 विद्युत रेल इंजन बनाने का कीर्तिमान बनाया है. पहले इसे डीजल लोकोमोटिव वर्कशॉप के नाम से पहचाना जाता था.

विद्युत रेल इंजन.
विद्युत रेल इंजन.

वाराणसी: कोविड-19 की दूसरी लहर ने बहुत सी चीजों पर प्रभाव डाला, लेकिन जिनके हौसले मजबूत हैं, उन्होंने इस मुसीबत की घड़ी में भी कई कीर्तिमान स्थापित कर डालें. ऐसा ही कारनामा बनारस रेल इंजन कारखाने ने कर दिखाया है. पहले डीजल लोकोमोटिव वर्कशॉप के नाम से पहचान रखने वाले इस रेल इंजन कारखाने में अब विद्युत रेल इंजन का निर्माण हो रहा है. इस साल कोविड-19 दूसरी लहर में जब बड़े-बड़े कल कारखाने ठप हो गए थे. तब महज 26 दिनों के कार्य दिवस में बनारस रेल इंजन कारखाने ने 33 विद्युत रेल इंजन का निर्माण किया है जो अपने आप में कीर्तिमान हैं.

मोजाम्बिक भी गया है इंजन

बरेका की महाप्रबंधक अंजली गोयल के नेतृत्‍व में बनारस रेल इंजन कारखाना द्वारा अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कड़ी मेहनत एवं लगन से जून माह में मोजाम्बिक निर्यात हेतु 01 केप गेज रेल इंजन, जिसे दिनांक 19 जून को मोजाम्बिक को निर्यात किया जा चुका है. इस प्रकार जून माह में कुल 33 रेल इंजनों का निर्माण किया गया. जिसमें WAG9HC के 25 विद्युत रेल इंजन, WAP7 के 07 विद्युत रेल इंजन हैं.

इसे भी पढ़ें- साल के अंतिम दिन बरेका ने 200वें रेल इंजन को दिखाई हरी झंडी

अभी भी काम जारी

बरेका ने कोविड-19 की कठिनाईयों के बावजूद जून महीने में 33 रेल इंजनों का निर्माण कर एक कीर्तिमान स्‍थापित किया है. यह उपलब्धि केवल 26 दिनों के कार्य दिवस एवं कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करते हुए कोविड प्रतिबंधों एवं सामाजिक दूरी के बावजूद हासिल की गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि अभी कई दूसरे देशों से बनारस रेल इंजन कारखाने को उत्तम क्वालिटी के रेल इंजन बनाने के ऑर्डर भी मिले हैं, जिसे लेकर कारखाने में तेजी से काम जारी है और आने वाले दिनों में कई और कीर्तिमान स्थापित करने की भी तैयारी की जा रही है.

वाराणसी: कोविड-19 की दूसरी लहर ने बहुत सी चीजों पर प्रभाव डाला, लेकिन जिनके हौसले मजबूत हैं, उन्होंने इस मुसीबत की घड़ी में भी कई कीर्तिमान स्थापित कर डालें. ऐसा ही कारनामा बनारस रेल इंजन कारखाने ने कर दिखाया है. पहले डीजल लोकोमोटिव वर्कशॉप के नाम से पहचान रखने वाले इस रेल इंजन कारखाने में अब विद्युत रेल इंजन का निर्माण हो रहा है. इस साल कोविड-19 दूसरी लहर में जब बड़े-बड़े कल कारखाने ठप हो गए थे. तब महज 26 दिनों के कार्य दिवस में बनारस रेल इंजन कारखाने ने 33 विद्युत रेल इंजन का निर्माण किया है जो अपने आप में कीर्तिमान हैं.

मोजाम्बिक भी गया है इंजन

बरेका की महाप्रबंधक अंजली गोयल के नेतृत्‍व में बनारस रेल इंजन कारखाना द्वारा अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कड़ी मेहनत एवं लगन से जून माह में मोजाम्बिक निर्यात हेतु 01 केप गेज रेल इंजन, जिसे दिनांक 19 जून को मोजाम्बिक को निर्यात किया जा चुका है. इस प्रकार जून माह में कुल 33 रेल इंजनों का निर्माण किया गया. जिसमें WAG9HC के 25 विद्युत रेल इंजन, WAP7 के 07 विद्युत रेल इंजन हैं.

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अभी भी काम जारी

बरेका ने कोविड-19 की कठिनाईयों के बावजूद जून महीने में 33 रेल इंजनों का निर्माण कर एक कीर्तिमान स्‍थापित किया है. यह उपलब्धि केवल 26 दिनों के कार्य दिवस एवं कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करते हुए कोविड प्रतिबंधों एवं सामाजिक दूरी के बावजूद हासिल की गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि अभी कई दूसरे देशों से बनारस रेल इंजन कारखाने को उत्तम क्वालिटी के रेल इंजन बनाने के ऑर्डर भी मिले हैं, जिसे लेकर कारखाने में तेजी से काम जारी है और आने वाले दिनों में कई और कीर्तिमान स्थापित करने की भी तैयारी की जा रही है.

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