वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक व भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी की 25 दिसंबर को 160 वीं जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. विश्वविद्यालय में यह जयंती प्रत्येक वर्ष हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जाते हैं. गीता पाठ और विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजन भी होते हैं.
बीएचयू में स्थित मालवीय भवन में जहां पर मालवीय जी निवास करते थे, वहां पर मालवीय पुष्प प्रदर्शनी लगाई जाती है. जिसको देखने के लिए पूरे शहर ही नहीं बल्कि पूर्वांचल और बिहार से भी लोग आते हैं. महामना की बगिया विभिन्न प्रकार के पुष्पों के सुगंध से महक उठा है. बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर पीके शुक्ला ने मालवीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया.
यह भी पढ़ें- जयंती विशेषः बीएचयू के शिल्पकार पंडित मदन मोहन मालवीय ऐसे बने महामना
महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1916 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की महामना को प्रकृति से बहुत प्रेम था अगर यह आपको देखना है तो काशी हिंदू विश्वविद्यालय जरूर आइएगा. यही मालवीय भवन है जहां पर मदन मोहन मालवीय ने अंतिम सांस ली थी. कहा जाता है कि बीएचयू के निर्माण के दौरान एक बाउंड्री दीवार उठाई जा रही थी. रास्ते में पेड़ आया तभी उन्होंने कहा था कि दीवाल टेढ़ी हो जाए मगर पेड़ का नुकसान नहीं होना चाहिए.
फूलों के गेट और फूल के पंडाल बनाए. बीएचयू कृषि विज्ञान संस्थान द्वारा अलग-अलग प्रकार की उगाए गए फल सब्जी के भी प्रदर्शनी लगाए गए. विभिन्न प्रकार के अनाज और फूल से पंडित मदन मोहन मालवीय की आकृति बनाई गई.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप