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काशी हिंदू विश्वविद्यालय: विभिन्न प्रकार के फूलों से महक उठी महामना की बगिया बीएचयू - बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर पीके शुक्ला

25 दिसंबर को मनाई गई काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक व भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी की 160 वीं जयंती. मालवीय पुष्प प्रदर्शनी में देखने पहुंची भीड़ ने ली जमकर सेल्फी. महामना की बगिया बीएचयू में किए गए कई सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन.

महामना की बगिया बीएचयू
महामना की बगिया बीएचयू
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Published : Dec 26, 2021, 12:06 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक व भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी की 25 दिसंबर को 160 वीं जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. विश्वविद्यालय में यह जयंती प्रत्येक वर्ष हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जाते हैं. गीता पाठ और विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजन भी होते हैं.

बीएचयू में स्थित मालवीय भवन में जहां पर मालवीय जी निवास करते थे, वहां पर मालवीय पुष्प प्रदर्शनी लगाई जाती है. जिसको देखने के लिए पूरे शहर ही नहीं बल्कि पूर्वांचल और बिहार से भी लोग आते हैं. महामना की बगिया विभिन्न प्रकार के पुष्पों के सुगंध से महक उठा है. बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर पीके शुक्ला ने मालवीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया.

पंडित मदन मोहन मालवीय
पंडित मदन मोहन मालवीय

यह भी पढ़ें- जयंती विशेषः बीएचयू के शिल्पकार पंडित मदन मोहन मालवीय ऐसे बने महामना


महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1916 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की महामना को प्रकृति से बहुत प्रेम था अगर यह आपको देखना है तो काशी हिंदू विश्वविद्यालय जरूर आइएगा. यही मालवीय भवन है जहां पर मदन मोहन मालवीय ने अंतिम सांस ली थी. कहा जाता है कि बीएचयू के निर्माण के दौरान एक बाउंड्री दीवार उठाई जा रही थी. रास्ते में पेड़ आया तभी उन्होंने कहा था कि दीवाल टेढ़ी हो जाए मगर पेड़ का नुकसान नहीं होना चाहिए.

पंडित मदन मोहन मालवीय
पंडित मदन मोहन मालवीय
प्रत्येक वर्ष लगने वाली यह पुष्प प्रदर्शनी कई मायनों में खास होती है. 25 दिसंबर से लेकर 27 दिसंबर तक यह पुष्प प्रदर्शनी लगी रहेगी. वैश्विक महामारी के कारण पिछले वर्ष पुष्प प्रदर्शनी लगाया गया था, लेकिन किसी को अंदर आने की इजाजत नहीं थी. 20 दिसंबर से 27 दिसंबर तक प्रत्येक वर्ष मालवीय जी के जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय विभिन्न प्रकार के आयोजन करता है उसमें से यह पुस्तक प्रदर्शनी विशेष कार्यक्रम है.गुलाब के विभिन्न प्रकार के अलग-अलग रंग के फूल दिखे. प्रदर्शनी में मुख्य तौर पर बड़े फूल वाली गुलदवावर्दी व गुलाब के कटे फूल, कोलियस, लिलियम, जरबेरा कार्नेशन, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, बर्ड आफ पैराडाइज, गेंदा आदि के गमले बड़े ही बेहतर ढंग से सजाए गए थे. ऐसे में प्रदर्शनी देखने पहुंचे लोग खुद को रोक नहीं पाए और गमलों के बीच में जाकर जमकर सेल्फी लिया.

फूलों के गेट और फूल के पंडाल बनाए. बीएचयू कृषि विज्ञान संस्थान द्वारा अलग-अलग प्रकार की उगाए गए फल सब्जी के भी प्रदर्शनी लगाए गए. विभिन्न प्रकार के अनाज और फूल से पंडित मदन मोहन मालवीय की आकृति बनाई गई.


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वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक व भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी की 25 दिसंबर को 160 वीं जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. विश्वविद्यालय में यह जयंती प्रत्येक वर्ष हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जाते हैं. गीता पाठ और विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजन भी होते हैं.

बीएचयू में स्थित मालवीय भवन में जहां पर मालवीय जी निवास करते थे, वहां पर मालवीय पुष्प प्रदर्शनी लगाई जाती है. जिसको देखने के लिए पूरे शहर ही नहीं बल्कि पूर्वांचल और बिहार से भी लोग आते हैं. महामना की बगिया विभिन्न प्रकार के पुष्पों के सुगंध से महक उठा है. बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर पीके शुक्ला ने मालवीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया.

पंडित मदन मोहन मालवीय
पंडित मदन मोहन मालवीय

यह भी पढ़ें- जयंती विशेषः बीएचयू के शिल्पकार पंडित मदन मोहन मालवीय ऐसे बने महामना


महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1916 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की महामना को प्रकृति से बहुत प्रेम था अगर यह आपको देखना है तो काशी हिंदू विश्वविद्यालय जरूर आइएगा. यही मालवीय भवन है जहां पर मदन मोहन मालवीय ने अंतिम सांस ली थी. कहा जाता है कि बीएचयू के निर्माण के दौरान एक बाउंड्री दीवार उठाई जा रही थी. रास्ते में पेड़ आया तभी उन्होंने कहा था कि दीवाल टेढ़ी हो जाए मगर पेड़ का नुकसान नहीं होना चाहिए.

पंडित मदन मोहन मालवीय
पंडित मदन मोहन मालवीय
प्रत्येक वर्ष लगने वाली यह पुष्प प्रदर्शनी कई मायनों में खास होती है. 25 दिसंबर से लेकर 27 दिसंबर तक यह पुष्प प्रदर्शनी लगी रहेगी. वैश्विक महामारी के कारण पिछले वर्ष पुष्प प्रदर्शनी लगाया गया था, लेकिन किसी को अंदर आने की इजाजत नहीं थी. 20 दिसंबर से 27 दिसंबर तक प्रत्येक वर्ष मालवीय जी के जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय विभिन्न प्रकार के आयोजन करता है उसमें से यह पुस्तक प्रदर्शनी विशेष कार्यक्रम है.गुलाब के विभिन्न प्रकार के अलग-अलग रंग के फूल दिखे. प्रदर्शनी में मुख्य तौर पर बड़े फूल वाली गुलदवावर्दी व गुलाब के कटे फूल, कोलियस, लिलियम, जरबेरा कार्नेशन, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, बर्ड आफ पैराडाइज, गेंदा आदि के गमले बड़े ही बेहतर ढंग से सजाए गए थे. ऐसे में प्रदर्शनी देखने पहुंचे लोग खुद को रोक नहीं पाए और गमलों के बीच में जाकर जमकर सेल्फी लिया.

फूलों के गेट और फूल के पंडाल बनाए. बीएचयू कृषि विज्ञान संस्थान द्वारा अलग-अलग प्रकार की उगाए गए फल सब्जी के भी प्रदर्शनी लगाए गए. विभिन्न प्रकार के अनाज और फूल से पंडित मदन मोहन मालवीय की आकृति बनाई गई.


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