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बीएचयू में छात्र अब पढ़ सकेंगे भूत विद्या, छात्रों में उत्सुकता

काशी विश्वविद्यालय में छात्र अब जल्द ही भूत विद्या यानी साइंस ऑफ पैरानॉर्मल की पढ़ाई कर सकेंगे. अंधविश्‍वास को दूर करने के लिए बीएचयू में अष्‍टांग आयुर्वेद की आठ शाखाओं में से एक गृह चिकित्‍सा यानी भूत विद्या का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होगा.

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बीएचयू में छात्र अब पढ़ सकेंगे भूत कोर्स.
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Published : Dec 26, 2019, 3:00 PM IST

वाराणसी: सर्व विद्या की राजधानी काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नए कोर्स में इस बार भूत कोर्स को शुरू करने की कवायद है. बीएचयू के आयुर्वेद विभाग में शुरू होने वाले भूत कोर्स को लेकर विश्वविद्यालय की तरफ से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. यह कोर्स आयुर्वेद विभाग में पढ़ाया जाएगा. आयुर्वेद विभाग में छात्र 6 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स करेंगे जिसमें भूत पर रिसर्च किया जाएगा.

बीएचयू में छात्र अब पढ़ सकेंगे भूत कोर्स.


बीएचयू में होगी साइंस ऑफ पैरानॉर्मल की पढ़ाई

इस कोर्स को लेकर विश्वविद्यालय की तरफ से कहा जा रहा है कि जिस तरह से समाज में भूतों को लेकर असमंजस की स्थिति है उसको दूर किया जाएगा. मेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस के आयुर्वेद संकाय में भूत विद्या यानी साइंस ऑफ पैरानॉर्मल की पढ़ाई होगी. छह महीने का यह सर्टिफिकेट कोर्स नए साल के जनवरी महीने से शुरू होगा.

अंधविश्‍वास होगा दूर

सायकोसोमैटिक अर्थात मानसिक बीमारी को भूत प्रेत का असर मान लेते हैं. अंधविश्‍वास को दूर करने के लिए बीएचयू में अष्‍टांग आयुर्वेद की आठ शाखाओं में से एक गृह चिकित्‍सा यानी भूत विद्या का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होगा. यहां से सर्टिफिकेट प्राप्‍त छात्र समाज में प्रैक्टिस कर आमजन के मन में भूत, ग्रह आदि के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करने के साथ प्राचीन चिकित्‍सा पद्धति को विज्ञान से जोड़ते हुए ऐसे मरीजों का इलाज करेंगे.

ये होगा कोर्स

नए कोर्स में भूत विद्या की अवधारणा और भूत विद्या उपचारात्‍मक पहलू नामक दो पेपर होंगे. भूत विद्या की अवधारणा में परिभाषा, अनेक अर्थ, ऐतिहासक महत्‍व, जनता में सामान्‍य समझ और आयुर्वेद में भूत विद्या की भूमिका के पाठ पढ़ाए जाएंगे. उपचारात्‍मक पहलू में चिकित्‍सा के प्रकार, ग्रह की प्रकृति, उपसर्ग की चिकित्‍सा पाठ होंगे.

इसे भी पढ़ें:-अटल जी की प्रतिमा अनावरण का कल्याण सिंह को नहीं मिला आमंत्रण, उठ रहे सवाल

साइंस ऑफ पैरानार्मल का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने वाला यह पहला संकाय हैं. संकाय में भू‍त विद्या की स्‍वतंत्र इकाई होगी. भूत विद्या पर शोध कर चुके प्रो. वीके द्विवेदी के नेतृत्‍व में इसका सिलेबस तैयार किया गया है. जनवरी से इसकी पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी.
यामिनी भूषण,विभागाध्यक्ष ,आयुर्वेद विभाग

वाराणसी: सर्व विद्या की राजधानी काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नए कोर्स में इस बार भूत कोर्स को शुरू करने की कवायद है. बीएचयू के आयुर्वेद विभाग में शुरू होने वाले भूत कोर्स को लेकर विश्वविद्यालय की तरफ से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. यह कोर्स आयुर्वेद विभाग में पढ़ाया जाएगा. आयुर्वेद विभाग में छात्र 6 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स करेंगे जिसमें भूत पर रिसर्च किया जाएगा.

बीएचयू में छात्र अब पढ़ सकेंगे भूत कोर्स.


बीएचयू में होगी साइंस ऑफ पैरानॉर्मल की पढ़ाई

इस कोर्स को लेकर विश्वविद्यालय की तरफ से कहा जा रहा है कि जिस तरह से समाज में भूतों को लेकर असमंजस की स्थिति है उसको दूर किया जाएगा. मेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस के आयुर्वेद संकाय में भूत विद्या यानी साइंस ऑफ पैरानॉर्मल की पढ़ाई होगी. छह महीने का यह सर्टिफिकेट कोर्स नए साल के जनवरी महीने से शुरू होगा.

अंधविश्‍वास होगा दूर

सायकोसोमैटिक अर्थात मानसिक बीमारी को भूत प्रेत का असर मान लेते हैं. अंधविश्‍वास को दूर करने के लिए बीएचयू में अष्‍टांग आयुर्वेद की आठ शाखाओं में से एक गृह चिकित्‍सा यानी भूत विद्या का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होगा. यहां से सर्टिफिकेट प्राप्‍त छात्र समाज में प्रैक्टिस कर आमजन के मन में भूत, ग्रह आदि के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करने के साथ प्राचीन चिकित्‍सा पद्धति को विज्ञान से जोड़ते हुए ऐसे मरीजों का इलाज करेंगे.

ये होगा कोर्स

नए कोर्स में भूत विद्या की अवधारणा और भूत विद्या उपचारात्‍मक पहलू नामक दो पेपर होंगे. भूत विद्या की अवधारणा में परिभाषा, अनेक अर्थ, ऐतिहासक महत्‍व, जनता में सामान्‍य समझ और आयुर्वेद में भूत विद्या की भूमिका के पाठ पढ़ाए जाएंगे. उपचारात्‍मक पहलू में चिकित्‍सा के प्रकार, ग्रह की प्रकृति, उपसर्ग की चिकित्‍सा पाठ होंगे.

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साइंस ऑफ पैरानार्मल का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने वाला यह पहला संकाय हैं. संकाय में भू‍त विद्या की स्‍वतंत्र इकाई होगी. भूत विद्या पर शोध कर चुके प्रो. वीके द्विवेदी के नेतृत्‍व में इसका सिलेबस तैयार किया गया है. जनवरी से इसकी पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी.
यामिनी भूषण,विभागाध्यक्ष ,आयुर्वेद विभाग

Intro:भूत का नाम आते ही एक डरावना चेहरा हमारे सामने आता है और अंधविश्वास सा लगता है लेकिन आपको यह सुनकर हैरानी होगी कि वाराणसी में सर्व विद्या की राजधानी काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नए कोर्स में इस बार भूत कोर्स को शुरू करने की कवायत है। बीएचयू के आयुर्वेद विभाग में शुरू होने वाले भूत कोर्स को लेकर विश्वविद्यालय की तरफ से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। यह कोर्स आयुर्वेद विभाग में पढ़ाया जाएगा। आयुर्वेद विभाग में छात्र 6 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स करेंगे जिसमें भूत पर रिसर्च किया जाएगा। इस कोर्स को लेकर विश्वविद्यालय की तरफ से कहा जा रहा है कि जिस तरह से समाज में भूतों को लेकर असमंजस की स्थिति है उसको दूर किया जाएगा। क्या है इस कोर्स की खासियत देखी हमारी इस स्पेशल रिपोर्ट में


Body:मेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस के आयुर्वेद संकाय में भूत विद्या यानी साइंस ऑफ पैरानॉर्मल की पढ़ाई होगी। छह महीने का यह सर्टिफिकेट कोर्स नए साल के जनवरी महीने से शुरू होगा। सायकोसोमैटिक अर्थात मानसिक बीमारी को भूत प्रेत का असर मान लेते हैं। अंधविश्‍वास को दूर करने के लिए बीएचयू में अष्‍टांग आयुर्वेद की आठ शाखाओं में से एक गृह चिकित्‍सा यानी भूत विद्या का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होगा। यहां से सर्टिफिकेट प्राप्‍त छात्र समाज में प्रैक्टिस कर आमजन के मन में भूत, ग्रह आदि के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करने के साथ प्राचीन चिकित्‍सा पद्धति को विज्ञान से जोड़ते हुए ऐसे मरीजों का इलाज करेंगे।



Conclusion:बीएचयू के आयुर्वेद संकाय प्रमुख प्रो. यामिनी भूषण त्रिपाठी ने बताया कि साइंस ऑफ पैरानार्मल का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने वाला यह पहला संकाय हैं। संकाय में भू‍त विद्या की स्‍वतंत्र इकाई होगी। भूत विद्या पर शोध कर चुके प्रो. वीके द्विवेदी के नेतृत्‍व में इसका सिलेबस तैयार किया गया है। जनवरी से इसकी पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी।नए कोर्स में भूत विद्या की अवधारणा और भूत विद्या उपचारात्‍मक पहलू नामक दो पेपर होंगे। भूत विद्या की अवधारणा में परिभाषा, अनेक अर्थ, ऐतिहासक महत्‍व, जनता में सामान्‍य समझ और आयुर्वेद में भूत विद्या की भूमिका के पाठ पढ़ाए जाएंगे। उपचारात्‍मक पहलू में चिकित्‍सा के प्रकार, ग्रह की प्रकृति, उपसर्ग की चिकित्‍सा पाठ होंगे।

Byte :--- यामिनी भूषण , विभागाध्यक्ष - आयुर्वेद विभाग (बीएचयू)


एक तरह से देखा जाए तो यह कोर्स शुरू होने के बाद समाज में फैली भूतों के प्रति को दूर करेगा। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में भूत विद्या को लेकर फैले अंधविश्वास को भी दूर करने में काफी सफल होगा। कुल मिलाकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शुरू होने वाले इस कोर्स को लेकर छात्रों में काफी उत्सुकता का माहौल देखने को मिल रहा है जिससे समाज में फैली असमंजस की स्थिति को दूर किया जा सकता है।

आशुतोष उपाध्याय, वाराणासी
7007459303

नोट खबर स्पेशल जाएगा ऑफिस से बोला गया है एडिट करते समय भूत की कुछ फोटो लगा ली जाए

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