वाराणसी: शहर में इन दिनों विभिन्न स्थानों पर गैस पाइप लाइन डालने का कार्य किया जा रहा है. यह गैस पाइप लाइन डालने का कार्य गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (GAIL) की तरफ से किया जा रहा है. इसी कार्य योजना के तहत ट्रॉमा सेंटर से भगवानपुर क्षेत्र होते हुए सिरगोवर्धन मार्ग पर भी कंपनी द्वारा गैस पाइप लाइन डालने का कार्य किया जा रहा है. कंपनी द्वारा इस कार्य के दौरान सड़कों पर गड्ढे खोदे गए थे. वहीं अब भी कुछ गड्ढों को खुला ही छोड़ दिया गया है. इस मार्ग पर बने 10 से ज्यादा गड्ढे आम जनता के लिए मौत को दावत दे रहे हैं. इस वजह से सीवर, पेयजल और बीएसएनल की लाइन भी ध्वस्त हो चुकी हैं.
सिरगोवर्धन क्षेत्र के रहने वाले भईया लाल यादव बताते हैं कि यह मार्ग ट्रॉमा सेंटर से सिरगोवर्धन होते हुए जाने वाले नेशनल हाईवे को जोड़ता है. इस मार्ग पर GAIL कम्पनी द्वारा गैस पाइप लाइन डालने का काम किया जा रहा है. कंपनी द्वारा कार्य की धीमी प्रगति और लापरवाही का आलम यह है कि इस मार्ग पर कंपनी द्वारा जगह-जगह गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए हैं. जबकि इस मार्ग पर 24 घंटा आवाजाही रहती है. यह गड्ढे कभी भी बड़ी घटना को दावत दे सकते हैं.
भईया लाल ने बताया कि जेसीबी मशीन से खोदे जा रहे गड्ढे की वजह से सीवर की नाली, पेयजल आपूर्ति के पाइप लाइन सहित बीएसएनल की बिछाई गई केबल भी ध्वस्त हो चुकी है. भईया लाल ने बताया कि हम लोगों ने कुछ दिनों पहले क्षेत्रीय जनता के सहयोग से चंदा लेकर कुछ गड्ढों को दुरस्त करने का काम किया था, लेकिन पैसा अधिक न होने के कारण पूरा काम नहीं हो पाया.
वहीं इस समस्या को लेकर प्रधानपति अमित पटेल ने बताया कि इस मार्ग पर GAIL कंपनी द्वारा लगभग दो महीने पहले से गैस पाइप लाइन डालने का काम किया जा रहा है. लेकिन इस काम के दौरान कंपनी द्वारा ढिलाही बरती जा रही है. उसी का नतीजा है कि भगवानपुर से लेकर सिरगोवर्धन जाने वाली सड़कों पर गड्ढे करके छोड़ दिए गए हैं. इससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
भगवानपुर से सिरगोवर्धन-डाफी मार्ग पहले ही जर्जर अवस्था में था, लेकिन अब तो हालात यह है कि जगह-जगह गड्ढे और नालियां खुली होने के कारण इस पर जान जोखिम में डाल कर चलने के बराबर है. करौंदी, हैदराबाद गेट, छितुपुर सहित भगवानपुर के पास एक तरफ की खुले नाली और दूसरी तरफ खोदे गए गड्ढे जनता के लिए मुसीबत का कारण बन गए हैं. हालांकि कुछ गड्ढे पाट दिए गए हैं, लेकिन वह भी सिर्फ उसी मलवे से जो खोदकर निकाले गए थे.