वाराणसी: 24 मार्च को बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में माता पार्वती और बाबा विश्वनाथ के साथ भक्त होली खेलेंगे. इसकी शुरुआत 21 मार्च से होने जा रही है. इसको लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. महंत आवास पर जिस रजत सिंहासन पर भगवान भोलेनाथ माता पार्वती संग विराजे उसकी साफ-सफाई और उसको सही किया जा चुका है. आज से लोकाचार की शुरुआत हो जाएगी.
हर दिन होगा एक आयोजन
महाशिवरात्रि पर महादेव और महामाया के विवाह के उपरांत रंगभरी एकादशी पर भगवान शंकर, माता पार्वती का गौना कराते हैं. इस उपक्ष्य में महंत आवास 21 मार्च से 24 मार्च तक के लिए गौरा के मायके में तब्दील हो जाएगा. 24 मार्च को गवना की रस्म से पहले लोकाचार की शुरुआत 21 मार्च से टेढ़ीनीम स्थित नवीन महंत आवास पर होगी. 21 मार्च को गीत गवना, 22 मार्च को गौरा का तेल-हल्दी होगा. 23 मार्च को बाबा का ससुराल आगमन होगा. इस वर्ष होने वाले समस्त धार्मिक अनुष्ठान अंकशास्त्री पं. वाचस्पति तिवारी के संयोजकत्व में महंत परिवार के सदस्यों द्वारा किए जाएंगे.
अन्नपूर्णा एवं मंगलागौरी मंदिर से आएगा गौरा का सिंदूर
24 मार्च को मुख्य अनुष्ठान की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में होगी. भोर में चार बजे 11 ब्राह्मणों द्वारा बाबा का रुद्राभिषेक होगा. गौरा की मांग में सजाने के लिए सिंदूर लाने की रस्म महंत परिवार की महिलाएंं पूरी करेंगी. गौरा के लिए अन्नपूर्णा मंदिर और मंगला गौरी मंदिर में प्रतिष्ठित विग्रहों से सिंदूर लाया जाएगा.
तैयार हैं गौरा शंकर के शाही परिधान
बाबा के लिए खादी के शाही वस्त्र बनकर तैयार हैं. बाबा के परिधानों की सिलाई टेलर मास्टर किशनलाल ने की है. विगत दो दशक से वही बाबा के परिधान सिल रहे हैं. इस बार परिधान निर्माण में उनकी शिष्या इंटर की छात्रा नम्रता टण्डन ने सहयोग करते हुए माता के परिधान पर हाथों से कढ़ाई की है.
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