वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन में स्नातक करने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों के लिए खुश खबरी है. जी हां इस कोर्स के विद्यार्थियों को मान्यता प्राप्त डिग्री देने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने भारत सरकार से सिफारिश की है. ताकि विद्यार्थियों को बीवी एससी एएच कोर्स की मान्यता प्राप्त हो जाए.
दरअसल, भारतीय पशु चिकित्सा परिषद ने इस पाठ्यक्रम को मान्यता देने के लिए 14 मार्च 2023 को परिषद की 71वीं बैठक में भारत सरकार के मत्स्य पालन पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग को अधिनियम के सेक्शन 15 के तहत सिफारिश की है. ताकि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के तहत संचालित किए जाने वाले बीवी एससी एएच कोर्स को मान्यता दे दी जाए, जिससे विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके.
यह पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर में चलाया जाता है. सिफारिश को यदि सरकार मंजूर करती है तो इससे 2017-18 बैच से विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा. संकाय में प्रतिवर्ष 60 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जा सकेगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय देश के उन चुनिंदा संस्थानों में भी शामिल हो जाएगा, जो भी बीवी एससी एएच की डिग्री देने के लिए मान्यता प्राप्त है.
इस बारे में कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन ने कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर यशवंत सिंह को मान्यता के लिए परिषद की सिफारिश पर शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि, यह सिफारिश विश्वविद्यालय के लिए न सिर्फ एक बड़ा गौरव होगा. बल्कि इससे उन विद्यार्थियों को भी लाभ मिलेगा, जो पशुपालन में स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं या इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के इच्छुक हैं.
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