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ज्ञानवापी मामलाः अविमुक्तेश्वरानन्द बोले-जब विचाराधीन कैदी को भोजन पहुंचता है तो शिवलिंग को क्यों नहीं?

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Published : Jun 6, 2022, 10:26 PM IST

ज्ञानवापी क्षेत्र में मिले आदि विश्वेश्वर शिवलिंग की पूजा अर्चना से रोके जाने से क्षुब्ध स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज की अन्न जल त्याग तपस्या सोमवार को तीसरे दिन भी जारी है.

ज्ञानवापी मामला.
ज्ञानवापी मामला.

वाराणसीः ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामला न्यायालय में चल रहा है. ऐसे में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का दावा है कि वजू खाने में शिवलिंग मिला है. ज्ञानवापी क्षेत्र में मिले आदि विश्वेर शिवलिंग की पूजा अर्चना से रोके जाने से क्षुब्ध स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज की अन्न जल त्याग तपस्या सोमवार को तीसरे दिन भी जारी है. सोमवार को अपराह्न चिकित्सकों के दल ने स्वामी के हेल्थ जांच की. चिकित्सकों का कहना है कि अविमुक्तेश्वरानंद की सेहत तेजी खराब होती जा रही है. लेकिन स्वामी अपने संकल्प पर अडिग हैं. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक आदि विश्वेर की पूजा अर्चना आरंभ नहीं हो जाती तब तक मैं अपने संकल्प से टलने वाला नहीं.

इसे भी पढ़ें-Gyanvapi Mosque Case: अंजुमन इंतजामिया के खिलाफ मुकदमे की याचिका पर फैसला सुरक्षित

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा भारतीय संविधान में भी प्राणधारी देवता को 3 वर्ष के बालक के समकक्ष समझा जाता है. ऐसे में ज्ञानवापी क्षेत्र में प्रकट हुए भगवान आदि विश्वेर को भी अन्न जल पहुंचना चाहिए. हत्या के अपराधी को भी जब विचाराधीन कैदी के रूप में रखा जाता है तो उसके भी भोजन पानी की व्यवस्था की जाती है. ऐसे में विश्व के नाथ भगवान विश्वेश्वर को अन्न जल न मिल पाने से हृदय आहत है. गौरतलब है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से जिला न्यायालय में एक वाद दाखिल किया गया है, जिस पर कल यानी मंगलवार को सुनवाई होने की सम्भावना है.

वाराणसीः ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामला न्यायालय में चल रहा है. ऐसे में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का दावा है कि वजू खाने में शिवलिंग मिला है. ज्ञानवापी क्षेत्र में मिले आदि विश्वेर शिवलिंग की पूजा अर्चना से रोके जाने से क्षुब्ध स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज की अन्न जल त्याग तपस्या सोमवार को तीसरे दिन भी जारी है. सोमवार को अपराह्न चिकित्सकों के दल ने स्वामी के हेल्थ जांच की. चिकित्सकों का कहना है कि अविमुक्तेश्वरानंद की सेहत तेजी खराब होती जा रही है. लेकिन स्वामी अपने संकल्प पर अडिग हैं. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक आदि विश्वेर की पूजा अर्चना आरंभ नहीं हो जाती तब तक मैं अपने संकल्प से टलने वाला नहीं.

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा भारतीय संविधान में भी प्राणधारी देवता को 3 वर्ष के बालक के समकक्ष समझा जाता है. ऐसे में ज्ञानवापी क्षेत्र में प्रकट हुए भगवान आदि विश्वेर को भी अन्न जल पहुंचना चाहिए. हत्या के अपराधी को भी जब विचाराधीन कैदी के रूप में रखा जाता है तो उसके भी भोजन पानी की व्यवस्था की जाती है. ऐसे में विश्व के नाथ भगवान विश्वेश्वर को अन्न जल न मिल पाने से हृदय आहत है. गौरतलब है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से जिला न्यायालय में एक वाद दाखिल किया गया है, जिस पर कल यानी मंगलवार को सुनवाई होने की सम्भावना है.

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