वाराणसीः बीएचयू हाइड्रोजन एनर्जी सेंटर और एनएचपीसी के बीच हुये समझौते के तहत जल्द ही शहर में ऑटो रिक्शा चलाये जायेंगे. जिले में हाइड्रोजन अनुसंधान के लिये हुये इस समझौते के मुताबिक फिलहाल 50 ऑटो पर परीक्षण किया जायेगा. आपको बता दें कि बीएचयू ने हाइड्राइड कनस्तर भाभा अनुसंधान केंद्र को साल 2019 में प्रदान कर दिया था. इसी क्रम में अब शहर में करीब 50 कनस्तर बनाने के काम को प्रगति देने पर विचार-विमर्श किया गया. दोनों संस्थानों ने मिलकर अनुसंधान और पायलट प्रोजेक्ट को प्रगति देने की योजना बनायी है.
हाइड्राइड बनाने के अनुसंधान पर बनी सहमति
बीएचयू में हुये इस बैठक में नेशनल हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के जीएम डॉक्टर प्रशांत आत्रे और बीएचयू के हाइड्रोजन ऊर्जा केंद्र के प्रमुख प्रोफेसर ओएन श्रीवास्तव ने हाइड्राइड बनाने के अनुसंधान और पायलट प्रोजेक्ट के काम पर सहमति जतायी. इस बैठक में बीएचयू भौतिक विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक मौजूद रहे. विशेषज्ञों की आपसी सहमति से ही इस पायलट प्रोजेक्ट के कार्य को प्रगति दी जाएगी. इस मौके पर प्रो. ओएन श्रीवास्तव ने हाइड्रोजन चलित वाहनों जिनमें मोटर साइकिल, ऑटो, कार, गैस चूल्हे और टरबाइन से बिजली उत्पादों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
तैयार होंगे नए डिजाइन
बीएचयू के एक कक्ष में प्रोफेसरों और छात्र-छात्राओं के संयुक्त विचारों से उत्पादों को तैयार किया जायेगा. 24 घंटे संचालित होने वाला ये कक्ष चार चरणों में बंटा हुआ होगा. कक्ष का पहला चरण क्रिएटिव प्लस का होगा, दूसरे चरण में उत्पाद के डिजाइन की कंप्यूटर विधि से मॉड्यूलिंग और सिमुलेशन कर दिया जायेगा. तीसरे चरण टूल रूम के संरक्षित किया गया है, जिसमें थ्री डी प्रिंटिंग के प्रोटोटाइप तैयार किया जायेगा और चौथे चरण में डिजाइन का विकास होगा.
इस संबंध में निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि इससे नए औद्योगिक प्रौद्योगिकी को नया अंजाम दिया जायेगा. उन्होंने बतया कि इस हब में शोध कर नए विचारों से उत्पादों को आखिरी रूप दिया जायेगा. इसको लेकर सहयोग से नए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाये जायेंगे.