वाराणसी: काशी के शिवाला घाट पर भारत की सबसे लंबी, दुर्गम और अपने आप में पहली बार आयोजित अतुल्य गंगा परिक्रमा है. परिक्रमा के पद यात्रियों का वाराणसी पर्यटन मंत्रालय द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्वागत किया गया. गंगा पदयात्रा भारतीय आर्मी के वेटरेस द्वारा की जा रही है. कार्यक्रम के माध्यम से गंगा सफाई अभियान और अखंड भारत का संदेश दिया गया. कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश चंद श्रीवास्तव मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे.
परिक्रमा में हुआ ये खास कार्य
अतुल्य गंगा परिक्रमा के तहत 40 पद यात्रियों की पूरी टीम का स्वागत किया गया. अतुल्य गंगा परिक्रमा देश की पहली सबसे लंबी और दुर्गम पदयात्रा है, जिसका शुभारंभ 16 दिसंबर को प्रयागराज संगम तट पर हुआ था. पदयात्रा 51 हजार किलोमीटर में पूरी होगी. यह पदयात्रा 220 दिन में 5 हजार से अधिक गांव और 45 से अधिक नगरों को होकर गुजरते हुए वापस संगम प्रयागराज में पूरी होगी. ये एक ऐतिहासिक पदयात्रा है, इसका नेतृत्व रिटायर कर्नल मनोज केशर कर रहे हैं.
पर्यावरण एक बहुत बड़ा मुद्दा है. इसलिए यह बहुत जरूरी है. हमारी नदियां, हमारा पानी, हमारे जंगल यह सब सुरक्षित रहें. इस पदयात्रा की सबसे बड़ी खास बात यह है कि हम गंगा की सफाई के लिए एक पदयात्रा कर रहे हैं, एक तपस्या कर रहे हैं. 51 हजार किलोमीटर की परिक्रमा है. यह एक पौराणिक परिक्रमा है. प्रयागराज से शुरू हुई है, नीचे गंगासागर तक जाएगी. प्रधानमंत्री से अपील करना चाहूंगा कि वह गंगा को रोके ना, गंगा को बहने दें. सरकार पर्यावरण को लेकर गंगा को साफ कर रही है, लेकिन यह अकेले संभव नहीं है. इसके लिए हर व्यक्ति और सामाजिक लोगों को लगना होगा, तभी गंगा साफ होगी.
-कर्नल मनोज केशर (माईक), गंगा यात्री