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भाई-बहन के रिश्तों को मजबूत करेगी गुलाबी मीनाकारी राखी, जानें क्या है खासियत...

यूपी के वाराणसी में इस रक्षाबंधन पर खास राखी बनाई जा रही है, जो आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. कारीगरों ने गुलाबी मीनाकारी से जुड़ी राखी बनाई हैं. आइये जानते हैं इनकी खासियत...

वाराणसी में कारीगर बना रहे गुलबी मीनाकारी राखी.
वाराणसी में कारीगर बना रहे गुलबी मीनाकारी राखी.
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Published : Aug 17, 2021, 6:08 PM IST

वाराणसीः जहां सरकार लोकल टू वोकल, वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट जैसे तमाम योजनाओं के जरिए हैंडीक्राफ्ट और परंपरागत कलाओं को बढ़ावा दे रही है. वहीं दूसरी ओर इन कलाओं से जुड़े कारीगर भी मजबूत पहचान देने के लिए ट्रेंड और त्योहारों से जोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में काशी के प्राचीन और ऐतिहासिक गुलाबी मीनाकारी की कला भी अब त्यौहारों और फैशन ट्रेंड से जुड़ रही है. गुलाबी मीनाकारी से जुड़े कारीगरों ने पहली बार ट्रेड और फैशन के अनुसार अलग तरह की राखी बना रहे हैं, जिसकी इन दिनों बाजारों में डिमांड है. खास बात यह है कि हाथों से बनी यह राखी न सिर्फ गुलाबी मीनाकारी को एक अलग आयाम दे रही है, बल्कि महिला कारीगर भी इससे आत्मनिर्भर बन रही हैं.

वाराणसी में कारीगर बना रहे गुलबी मीनाकारी राखी.
रखियों पर दर्शाए गए हैं चित्र
बता दें कि वाराणसी के गाय घाट मोहल्ले में कुछ ही कारीगर हैं, जो गुलाबी मीनाकारी की कला को जानते हैं. गुलाबी मीनाकारी वह कला होती है जो चांदी और सोने के पत्तल पर खास गुलाबी रंगों द्वारा बनाई जाती हैं. यह पूरी तरीके से हाथों से बनाई जाने वाली कला है. इसमें पहले सिर्फ कुछ गिने-चुने ही सामान बनाए जाते थे, लेकिन ट्रेंड और त्योहारों के साथ इससे जुड़े कारीगर कुछ अलग प्रयास कर रहे हैं. इसी के तहत इसी क्रम में इससे जुड़ी महिला कारीगरों ने रक्षाबंधन के पावन पर्व पर गुलाबी मीनाकारी से जुड़ी राखी बनाई है. इन रखियों पर अलग-अलग तरीके के चित्र दर्शाए गए हैं और इसमें लगे रेशम के धागे में पिरोई हुई मोतिया सहज ही लोगों को आकर्षित कर रही हैं.

चांदी के पत्र पर बनती हैं राखी
गुलाबी मीनाकारी के नेशनल अवॉर्डी कारीगर कुंज बिहारी सिंह बताते हैं कि इस बार हम लोगों ने राखी बनाने की प्रक्रिया शुरू की है. हमने सिर्फ फोटो लोगों को भेजा था, जिसके बाद डिमांड बढ़ रही हैं. हमें अब तक हजार से ज्यादा ऑर्डर मिले हैं और हमारी पूरी कोशिश है कि रक्षाबंधन तक 10,000 मीनाकारी की राखी बना लें. उन्होंने बताया कि ये राखी चांदी के पत्र पर बनाई जाती हैं और इसमें अलग तरीके के पदार्थों का प्रयोग होता है जो काफी महंगे होते हैं. इस लिहाज से इसकी कीमत थोड़ी ज्यादा है लेकिन इसे जिस तरीके से उकेरा जाता है वह बेहद ही खास है. उन्होंने बताया कि ऐसी दूसरी राखी पूरे भारत में कहीं नहीं मिलेगी. उन्होंने बताया कि मीनाकारी वाली की एक राखी कीमत लगभग 15 सौ रुपये है.

इसे भी पढ़ें-जानें कहां बांस से बनी राखियों से सजेंगी भाइयों की कलाई


सालभर बरकरार रहेगी राखी की सुंदरता
राखी बनाने वाली महिला कारीगर काजल बताती हैं कि जब रक्षाबंधन का त्यौहार आता है तो हम बाजारों में जा करके अपने भाइयों के लिए सबसे सुंदर राखी ढूंढते हैं और उसे खरीदकर के ले आते हैं. फिर वह राखी 2 दिन बाद खराब हो जाती है. लेकिन जो राखी हम सभी बना रहे हैं, इसे पूरे साल भी पहनने पर खराब नहीं होगी, बल्कि इसके सुंदरता इसी प्रकार बनी रहेगी. उन्होंने बताया कि इस राखी से भाई-बहन के रिश्ते की डोर मजबूत होगी. इसके साथ ही ये राखियां हम महिला कारीगरों को भी आत्मनिर्भर बन रही हैं. बता दें कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा गुलाबी मीनाकारी को जीआई प्रोडक्ट में शामिल कर दिया गया है, जिसके बाद से इसकी व्यवसाय में बढ़ोतरी हो रही है. इससे जुड़े कारीगर भी अब निराश नहीं है.

वाराणसीः जहां सरकार लोकल टू वोकल, वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट जैसे तमाम योजनाओं के जरिए हैंडीक्राफ्ट और परंपरागत कलाओं को बढ़ावा दे रही है. वहीं दूसरी ओर इन कलाओं से जुड़े कारीगर भी मजबूत पहचान देने के लिए ट्रेंड और त्योहारों से जोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में काशी के प्राचीन और ऐतिहासिक गुलाबी मीनाकारी की कला भी अब त्यौहारों और फैशन ट्रेंड से जुड़ रही है. गुलाबी मीनाकारी से जुड़े कारीगरों ने पहली बार ट्रेड और फैशन के अनुसार अलग तरह की राखी बना रहे हैं, जिसकी इन दिनों बाजारों में डिमांड है. खास बात यह है कि हाथों से बनी यह राखी न सिर्फ गुलाबी मीनाकारी को एक अलग आयाम दे रही है, बल्कि महिला कारीगर भी इससे आत्मनिर्भर बन रही हैं.

वाराणसी में कारीगर बना रहे गुलबी मीनाकारी राखी.
रखियों पर दर्शाए गए हैं चित्र
बता दें कि वाराणसी के गाय घाट मोहल्ले में कुछ ही कारीगर हैं, जो गुलाबी मीनाकारी की कला को जानते हैं. गुलाबी मीनाकारी वह कला होती है जो चांदी और सोने के पत्तल पर खास गुलाबी रंगों द्वारा बनाई जाती हैं. यह पूरी तरीके से हाथों से बनाई जाने वाली कला है. इसमें पहले सिर्फ कुछ गिने-चुने ही सामान बनाए जाते थे, लेकिन ट्रेंड और त्योहारों के साथ इससे जुड़े कारीगर कुछ अलग प्रयास कर रहे हैं. इसी के तहत इसी क्रम में इससे जुड़ी महिला कारीगरों ने रक्षाबंधन के पावन पर्व पर गुलाबी मीनाकारी से जुड़ी राखी बनाई है. इन रखियों पर अलग-अलग तरीके के चित्र दर्शाए गए हैं और इसमें लगे रेशम के धागे में पिरोई हुई मोतिया सहज ही लोगों को आकर्षित कर रही हैं.

चांदी के पत्र पर बनती हैं राखी
गुलाबी मीनाकारी के नेशनल अवॉर्डी कारीगर कुंज बिहारी सिंह बताते हैं कि इस बार हम लोगों ने राखी बनाने की प्रक्रिया शुरू की है. हमने सिर्फ फोटो लोगों को भेजा था, जिसके बाद डिमांड बढ़ रही हैं. हमें अब तक हजार से ज्यादा ऑर्डर मिले हैं और हमारी पूरी कोशिश है कि रक्षाबंधन तक 10,000 मीनाकारी की राखी बना लें. उन्होंने बताया कि ये राखी चांदी के पत्र पर बनाई जाती हैं और इसमें अलग तरीके के पदार्थों का प्रयोग होता है जो काफी महंगे होते हैं. इस लिहाज से इसकी कीमत थोड़ी ज्यादा है लेकिन इसे जिस तरीके से उकेरा जाता है वह बेहद ही खास है. उन्होंने बताया कि ऐसी दूसरी राखी पूरे भारत में कहीं नहीं मिलेगी. उन्होंने बताया कि मीनाकारी वाली की एक राखी कीमत लगभग 15 सौ रुपये है.

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सालभर बरकरार रहेगी राखी की सुंदरता
राखी बनाने वाली महिला कारीगर काजल बताती हैं कि जब रक्षाबंधन का त्यौहार आता है तो हम बाजारों में जा करके अपने भाइयों के लिए सबसे सुंदर राखी ढूंढते हैं और उसे खरीदकर के ले आते हैं. फिर वह राखी 2 दिन बाद खराब हो जाती है. लेकिन जो राखी हम सभी बना रहे हैं, इसे पूरे साल भी पहनने पर खराब नहीं होगी, बल्कि इसके सुंदरता इसी प्रकार बनी रहेगी. उन्होंने बताया कि इस राखी से भाई-बहन के रिश्ते की डोर मजबूत होगी. इसके साथ ही ये राखियां हम महिला कारीगरों को भी आत्मनिर्भर बन रही हैं. बता दें कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा गुलाबी मीनाकारी को जीआई प्रोडक्ट में शामिल कर दिया गया है, जिसके बाद से इसकी व्यवसाय में बढ़ोतरी हो रही है. इससे जुड़े कारीगर भी अब निराश नहीं है.

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