वाराणसी: देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने और जनता को राहत देने के लिए बैंकों को जीरो परसेंट इंटरेस्ट सिस्टम पर काम करना चाहिए. यह सुझाव प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और अर्थव्यवस्था के जनक कहे जाने वाले अनिल बोकिल ने एक वेबिनार के दौरान दिया. वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकार पदम पति शर्मा के बुलावे पर वेबीनार से जुड़ने के दौरान उन्होंने पेट्रोल की कीमतों को भी कम करने के सुझाव देते हुए राज्य सरकारों को टैक्स कम करने की नसीहत दी.
शामिल हुए कई बड़े नाम
एबी फाउंडेशन के द्वारा इस वेबिनार का आयोजन किया गया. कोविड की दूसरी लहर के उपरांत भारतीय अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार जैसे गंभीर और ज्वलंत विषय पर वेबिनार के माध्यम से चर्चा की गई. देश के उत्कृष्ट आर्थिक मामलों के जानकार चिंतक केएन गोविंदाचार्य, प्रख्यात अर्थशास्त्री अनिल बोकिल और अन्य विशिष्ट वक्ताओं ने नए भारत में कैसी मजबूत अर्थव्यवस्था हो, इस पर अपने विविध सुझाव रखे.
सिर्फ शेयर बाजार ही नहीं अर्थव्यवस्था का सूचक
वेबिनार के विशिष्ट वक्ता चिंतक एवं विचारक राजनीतिक गोविंदाचार्य ने वर्तमान परिस्थितियों में आउट ऑफ बॉक्स सोचने की जरूरत बताते हुए अपने सारगर्भित संबोधन में भारत को भारत की नजर से देखकर अर्थव्यवस्था लागू करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि सरकार को अपने रिजर्व पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि कुछ ही दिनों में अमरीकी रिजर्व पॉलिसी बदलने वाली है. उसका क्या असर होगा भारत पर. ये भी देखना है कि FII (Foreign Institutional Investor) का कितना हिस्सा भारत में है. उन्होंने कहा कि देश में कृषि और कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था की अब तक घोर उपेक्षा की गई है. केवल शेयर बाजार का ऊपर जाना हमारी अर्थव्यवस्था को परिभाषित नहीं करता. कृषि आधारित इंडस्ट्री को महत्वपूर्ण रूप से शक्तिशाली बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि भारत की अधिकांश आबादी मुख्य रूप से इसी पर निर्भर है.
अनिल बोकिल ने दिया यह फार्मूला
वेबिनार में देश के वरिष्ठ अर्थशास्त्री व अर्थक्रांति के जनक अनिल बोकिल ने बतौर प्रथम वक्ता कहा कि वर्तमान स्थिति में एक सीमित समय के लिए बैंकों में 0% इंटरेस्ट लागू करने की जरूरत आज के समय की मांग है. उन्होंने बैंकिंग सिस्टम में क्रेडिट पर बैंकिंग, ट्रांजैक्शन टैक्स लगाने की जरूरत बताते हुए कहा कि पेट्रो उत्पाद के दाम आसमान छू रहे हैं, इससे महंगाई का सूचकांक भी काफी बढ चुका है. इसके तत्काल निराकरण हेतु अर्थक्रान्ति ट्रस्ट ने सरकार को सुझाव दिया है कि यदि पेट्रो प्रोडक्ट पर सेंट्रल टैक्स समाप्त कर इसके स्थान पर कोविड के लिए दशमलव तीन प्रतिशत यानी सौ रुपये पर 30 पैसा बैंक ट्रांजेक्शन चार्ज (बीटीसी) लिया जाए तो इससे एक वित्तीय शीर्ष में छह लाख साठ हजार करोड़ का सरकार को राजस्व प्राप्त होगा. वैसे केन्द्रीकृत टैक्स से कुल ढाई लाख करोड़ ही मिलते हैं. चार लाख करोड़ अतिरिक्त का राजस्व देश में स्वास्थ्य सेवा और कृषि पर खर्च किया जा सकता है. अनिल बोकिल ने कहा कि राज्य सरकारों के टैक्स वसूलने के बाद भी पेट्रोल के दाम 40 रुपये प्रति लीटर हो जाएंगे. इससे देश की इकोनॉमी को कितना बूस्ट मिलेगा, यह बताने की जरूरत नहीं.
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सबने रखी अपनी बात
वेबिनार में देश के जाने माने बैंकर और अफगानिस्तान के गजनफर बैंक के निदेशक सुनील पंत ने आंतरिक संसाधनों का गहन विश्लेषण करने की जरूरत बताया. साथ ही साथ उन्होंने आर्थिक मामलों के लिए भारत की एक आर्थिक नीति बनाने की भी बात की.