वाराणसी: धर्म और आस्था की नगरी बनारस यहां पर आने वाले पर्यटक एक तरफ जहां काशी की धार्मिक और आध्यात्मिक चीजों से रूबरू होते हैं, तो यहां की पुरातन और अति प्राचीन चीजों से जुड़कर भारत को समझने की भी कोशिश करते हैं और बनारस में ऐसे कई स्थान हैं जो भारत के पुरातन समय को बताने की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. ऐसा ही एक स्थान है सारनाथ. यह पवित्र स्थान भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली होने के साथ ही बौद्ध और अशोक काल की तमाम स्मृतियों का जीता जागता उदाहरण है.
यहां पर मौजूद खंडहर परिसर में आज भी अशोक शासनकाल का पूरा शहर स्पष्ट तौर पर नजर आता है. उस वक्त के रहन-सहन के साथ अपनाए गए जीवन जीने के तरीकों के साथ पूजा-पाठ व अन्य चीजों की जानकारियां आज भी यहां पहुंच कर ली जा सकती हैं. इन सब के बीच यहां पर मौजूद भारतीय पुरातत्व संग्रहालय अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यहां पर एक, दो नहीं बल्कि सैकड़ों ऐसी चीजें मौजूद हैं जो भारत के पुरातन समय काल को बताने के लिए काफी हैं, लेकिन अब इस पुरातत्व म्यूजियम में पहुंचकर बिना किसी गाइड की मदद से भी पर्यटक यहां मौजूद चीजों की सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं.
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एक से बढ़कर एक हजारों साल पुरानी मूर्तियां, बर्तन, पुराने समय काल में जीवन जीने के तरीकों के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री, चाहे वह पत्थर का पहिया हो छाता या फिर अन्य कोई भी वस्तु उन समस्त चीजों को आज भी यहां पर सुरक्षित करके रखा गया है. लेकिन इन सारी चीजों की जानकारी पहले पाना मुश्किल था, क्योंकि बिना गाइड के इन सारी चीजों के बारे में पता लगा पाना मुश्किल हुआ करता था. गाइड सही तरीके से एक-एक चीज की जानकारी देने के साथ ही उसके पुरातन होने का साहस भी प्रस्तुत करते थे, लेकिन कई बार लोग बिना गाइड के ही म्यूजियम में पहुंचते थे और बिना जानकारी के ही बाहर भी निकल जाते थे.
हालांकि अब यहां आने वाले पर्यटकों को डिजिटल तरीके से इन सारी चीजों की जानकारी मुहैया कराने का काम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कर रहा है. सारनाथ स्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों की मानें तो वाराणसी के इस पुरातत्व संग्रहालय में एक से बढ़कर एक चीजें मौजूद हैं. इन समस्त चीजों का डिजिटलाइजेशन करने के साथ ही हर मॉन्यूमेंट के आगे एक डिजिटल टचस्क्रीन डिस्पले बोर्ड लगा दिया गया है. जिस डिस्प्ले बोर्ड में संग्रहालय में मौजूद सारी चीजों की जानकारियां एक टच स्क्रीन पर ही मिल जाएगी. कौन सी मूर्ति या कौन सी वस्तु किस ईसवी की है. उस वस्तु को कहां से हासिल किया गया. उसका पुरातन महत्व क्या है और देश या विश्व के लिए यह चीजें कितनी महत्वपूर्ण है. इन सारी जानकारियों के साथ पर्यटक एक टच के साथ ही पुरातत्व संग्रहालय में मौजूद सारी चीजों की जानकारियां हासिल कर सकते हैं.
इतना ही नहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का ऐप भी गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हो गया है और यहां पर लगाए गए डिस्प्ले बोर्ड में क्यूआर कोड भी उपलब्ध है. ऐप के जरिए क्यूआर कोड स्कैन करके भी अपने मोबाइल स्क्रीन पर इन सारी जानकारियों को हासिल किया जा सकता है, जो अपने आप में इतने पुराने चीजों को लेकर किया गया पहला प्रयास है.
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