वाराणसीः अगर आप वाराणसी एयरपोर्ट से सफर करने वाले हैं तो ध्यान दें. सनातन धर्म के केंद्र मानी जाने वाली वाराणसी के एयरपोर्ट पर हिंदी, अंग्रेजी के अलावा संस्कृत में भी अनाउंसमेंट हो रहा है. यह भारत का पहला एयरपोर्ट है, जहां संस्कृत में अनाउंसमेंट की शुरुआत की गई है. यात्रा के दौरान कोविड संबंधी सावधानियों और प्रोटोकॉल की जानकारी हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा संस्कृत में भी दी जा रही है. यह जानकारी वाराणसी एयरपोर्ट अथॉरिटी ने ट्वीट के जरिये दी. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अपने ट्वीट में बताया है कि अब भारतीय विमान प्राधिकरण यानी एयरपोर्ट अथॉरिटी ने वाराणसी विमानतल पर अंग्रेजी और हिंदी के बाद संस्कृत में भी कोविड मानदंडों की घोषणा करने की व्यवस्था की है.
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अब #भाविप्रा वाराणसी विमानतल पर अंग्रेजी और हिंदी के बाद संस्कृत में भी कोविड मानदंडों की घोषणा की जा रही है|
— VARANASI AIRPORT (@AAIVNSAIRPORT) June 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
हमारे सम्मानित यात्रियों को विमानतल पर
आते ही महसूस हो जाएगा कि वे काशी - संस्कृत भाषा के पीठ स्थान में प्रवेश कर चुके हैं|@AAI_Official @aaiRedNR pic.twitter.com/E0RcD3LfSS
">अब #भाविप्रा वाराणसी विमानतल पर अंग्रेजी और हिंदी के बाद संस्कृत में भी कोविड मानदंडों की घोषणा की जा रही है|
— VARANASI AIRPORT (@AAIVNSAIRPORT) June 17, 2022
हमारे सम्मानित यात्रियों को विमानतल पर
आते ही महसूस हो जाएगा कि वे काशी - संस्कृत भाषा के पीठ स्थान में प्रवेश कर चुके हैं|@AAI_Official @aaiRedNR pic.twitter.com/E0RcD3LfSSअब #भाविप्रा वाराणसी विमानतल पर अंग्रेजी और हिंदी के बाद संस्कृत में भी कोविड मानदंडों की घोषणा की जा रही है|
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हमारे सम्मानित यात्रियों को विमानतल पर
आते ही महसूस हो जाएगा कि वे काशी - संस्कृत भाषा के पीठ स्थान में प्रवेश कर चुके हैं|@AAI_Official @aaiRedNR pic.twitter.com/E0RcD3LfSS
बता दें कि काशी पुरातन समय से ही विश्व में संस्कृत नगरी के रूप में भी जानी जाती है. सनातन धर्म का केंद्र मानी जाने वाली काशी युगों-युगों से आध्यात्म और संस्कृत का केंद्र रही है. सनातन धर्म में किसी व्यवस्था पर विवाद होने पर काशी के विद्वत मंडल का निर्णय आखिरी माना जाता रहा है. उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संस्कृत विद्यालय वाराणसी में संचालित हो रहे हैं. जानकारी के मुताबिक वाराणसी में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों की संख्या भी सबसे अधिक है. यहां 110 से अधिक संस्कृत स्कूल संचालित किए जा रहे है. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय एकमात्र ऐसी यूनिवर्सिटी है, जो स्थापना के समय से ही इस भाषा को ज्ञान के माध्यम से समृद्ध कर रहा है. ऐसे में संस्कृत भाषा के माध्यम से एयरपोर्ट पर अनाउंसमेंट की काफी सराहना हो रही है.
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