वाराणसी: जिले में शासन की सख्ती का एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसने यह बता दिया है कि आम हो या खास सरकार सब को एक समान समझ रही है. दरअसल, बनारस में डीआरओ के पद पर तैनात रहने वाले अनिल कुमार त्रिपाठी का 6 महीने पहले चंदौली के एसडीएम न्यायिक के पद पर ट्रांसफर हो गया है. ट्रांसफर होने के बाद वह वाराणसी से रिलीज होकर चंदौली में ज्वाइन भी कर चुके हैं, लेकिन उनका बंगला अभी तक नहीं छूटा है.
नोटिस का नहीं दिया जवाब
उनको जो सरकारी बंगला अलॉट किया गया था, उस पर वह अभी भी कब्जा जमाए बैठे हैं. कई नोटिस जारी होने के बाद भी जब उन्होंने जवाब नहीं दिया तो उनके घर के बाहर बकायदा मुनादी कराई गई है. माइक को लाउडस्पीकर के जरिए अनाउंसमेंट कर शनिवार तक का अंतिम समय दिया गया था. उन्हें चेतावनी दी गई कि अगर वह 9 जनवरी को अपना बंगला खाली नहीं करते तो फोर्स के बल पर जबरन बंगला खाली कराया जाएगा.
लाउडस्पीकर पर हुई अनाउंसमेंट
इस बारे में एडीएम सिटी वाराणसी ने बताया कि कई बार नोटिस देने के बाद भी जब अनिल कुमार त्रिपाठी ने बंगला खाली नहीं किया और न ही कोई जवाब दिया तो मुनादी की नौबत आ गई. उन्हें अंतिम वार्निंग दी गई है. यदि बंगला खाली करते हैं तो ठीक है नहीं तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करते हुए बंगला खाली कराई जाएगी.