वाराणसी: चुनाव में अक्सर नेताओं को मंदिर और मस्जिद याद आते हैं. यहां पहुंचकर हर नेता जीत का आशीर्वाद लेकर सत्ता हासिल करने की चाहत रखता है. ऐसी ही कुछ चाहत लेकर गुरुवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह वाराणसी के गढ़वा घाट स्थित आश्रम में पहुंचे. पूर्वांचल में यादव वोट बैंक के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले इस आश्रम में अमित शाह ने एक घंटे से ज्यादा का वक्त बिताया. वहीं आश्रम के महंत सद्गुरु स्वामी शरणानंद जी महाराज ने बताया कि अमित शाह ने उनसे आशीर्वाद मांगा ही नहीं.
- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गढ़वा घाट स्थित आश्रम पहुंचे.
- यहां उन्होंने हर उस काम को किया जो यहां पहुंचने के बाद हर सनातन धर्मी करता है.
- संत सेवा, गो सेवा कर अमित शाह ने यह संदेश देने की कोशिश की कि बीजेपी अब भी धर्म की राह पर आगे बढ़ रही है.
- होने वाले दो चरण के मतदान बीजेपी की असली चुनावी परीक्षा मानी जा रही है.
- 12 तारीख को पूर्वांचल की सबसे महत्वपूर्ण आजमगढ़ सीट पर चुनाव होना है. क्योंकि एक तरफ जहां मुलायम सिंह ने यह सीट छोड़कर अपने बेटे अखिलेश यादव को दी है, तो वहीं बीजेपी ने भी पूर्वांचल में भोजपुरी फिल्म के बड़े कलाकार दिनेश लाल यादव पर दांव खेला है.
- यूपी के यादव वोट बैंक कि इस आश्रम में अच्छी खासी पैठ है. यहां के महंत चुनावी रण में जिस ओर अपने अनुयायियों को जाने का आदेश देते हैं, अनुयाई उस ओर ही चले जाते हैं.
- वहीं अमित शाह यहां आए तो थे बाबा शरणानंद का आशीर्वाद लेने, लेकिन उन्होंने आशीर्वाद लिया ही नहीं.
- वहीं महंत का कहना है कि उन्होंने यहां आकर गो सेवा की, संत समागम किया, लेकिन मुझसे आशीर्वाद मांगा ही नहीं. उन्होंने यह जरूर कहा कि एक संत के दर पर यदि कोई आता है वह मांगे या न मांगे उसे आशीर्वाद मिल जाता है.