वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी के पुलिस हिरासत से लापता होने के मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने वाराणसी पुलिस को चेतावनी दी है. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि वाराणसी पुलिस या तो छात्र को बरामद करे या फिर सीबीआई जांच की तैयारी करे. इस मामले में वाराणसी के एसएसपी अमित पाठक ने अपर शासकीय अधिवक्ता शैयद अली मुर्तजा के मार्फत हाजिर होकर व्यक्तिगत हलफ़नामा दाखिल किया. एसएसपी के व्यक्तिगत हलफनामा को हाईकोर्ट ने संतोषजनक नहीं माना.
क्या है खास:-
- बीएचयू के पुलिस कस्टडी से लापता छात्र के मामले में हाईकोर्ट में 3 सितंबर को दूसरी सुनवाई हुई.
- सुनवाई के दौरान वाराणसी के एसएसपी अमित पाठक ने उपस्थित होकर व्यक्तिगत हलफ़नामा दाखिल किया.
- हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक लापता छात्र की बरामद करने को कहा है.
- इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितम्बर को होगी.
जानें पूरा मामला
सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले बीएससी सेकंड ईयर के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी 13 फरवरी 2020 से लापता हैं. इसे देखते हुए बीएचयू के छात्रों ने सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई थी. उसके बाद बीएचयू के पूर्व छात्र एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने इस पूरे मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उनकी जनहित याचिका पर पहली सुनवाई 25 अगस्त को हुई. दूसरी सुनवाई 3 सितंबर को हुई.
3 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान वाराणसी के एसएसपी अमित पाठक ने हाजिर होकर व्यक्तिगत हलफ़नामा दाखिल किया. इस पर अधिवक्ता याची सौरभ तिवारी ने कोर्ट से एसएसपी के हलफनामे का जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा. उनकी इस मांग को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने एसएसपी के व्यक्तिगत हलफनामे की प्रति भी सौरभ तिवारी को देने का आदेश दिया ताकि वे जवाब दाखिल कर सकें.
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 22 सितम्बर नियत करते हुए एसएसपी वाराणसी को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकान्त गुप्ता तथा न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ ने अधिवक्ता सौरभ तिवारी की जनहित याचिका पर दिया है.
मैं बीएचयू के लापता छात्र के मामले को लेकर आज हाई कोर्ट में प्रस्तुत हुआ, जिसमें वाराणसी के एसएसपी भी आए थे. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता व न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ ने की. एसएसपी द्वारा लाए गए पर्सनल एफिडेविट से हाई कोर्ट संतोष जनक नहीं हुआ. हाई कोर्ट में सुनवाई करते हुए शासकीय अधिवक्ता से कहा कि 22 सितंबर (जो कि सुनवाई कीअगली तारीख है) तक बच्चे को लाइए नहीं तो सीबीआई जांच के लिए तैयार रहें.
- सौरभ त्रिपाठी, अधिवक्ता