वाराणसी: अखिलेश यादव सोमवार को सारनाथ पहुंचे. जहां पर उन्होंने सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवक सौरभ यादव की हत्या के बाद उनके परिजनों से मुलाकात करके परिवार वालों को सांत्वना दी. अखिलेश ने कहा कि चाहे हम इसको सबसे पुरानी नगरी कहें, चाहे हम इसको अपने धर्म की सबसे प्राचीन जगह कहें, इस बनारस में हम आपसे अपील करते हैं कि आने वाले समय में जो लोकतंत्र, संविधान को खतरा है उसको बचाने के लिए समाजवादी आंदोलन की आप लोग मदद करने का काम करना.
वाराणसी में 17 वर्षीय सौरभ यादव की 10 सितंबर 2023 को हत्या कर दी गई थी. फिल्मी स्टाइल में छह लड़के स्कॉर्पियो से आए थे और ओवरटेक करके सौरभ की बाइक रोककर उसको पीटना शुरू कर दिया था. मामला पहले क्रिकेट के विवाद से जुड़ा बताया गया था. इस मामले में पुलिस ने चार नाम जज लोगों पर हत्या के मुकदमा भी दर्ज किया था. जिसमें से कुछ की गिरफ्तारी भी हुई थी.
अखिलेश ने कहा कि आप बीजेपी की सरकार को हटाओ, अग्निवीर की व्यवस्था को भी हटाने का हम लोग काम करेंगे. यह आधी अधूरी नौकरियां जो 4 साल की दी जा रही हैं, इससे हमारे देश की सुरक्षा नहीं हो सकती. सुरक्षा तभी मिलेगी जब अग्निवीर जैसी व्यवस्था खत्म होगी. बीजेपी वालों ने भारत माता की जय बोल-बोल करके अग्निवीर व्यवस्था लागू कर दी.
पूर्व सीएम ने कहा कि मैंने सप्लीमेंट्री बजट पर कहा था कि सरकार को कम से कम 5000 करोड़ का बजट रखना चाहिए, सरकार क्यों पीछे भाग रही है. हमारे 46 में 56 वाले मुख्यमंत्री जी कह रहे थे कि जो गोरखपुर लिंक है वह केवल 3000 करोड़ की बनी है. दिल्ली वाले लोग चुनाव में आने वाले हैं क्या किसान की आय दोगुनी हो गई? नौकरी रोजगार मिल गया? मुझे उम्मीद है देश का नौजवान यह नारा देगा कि घर-घर बेरोजगार, कब मिलेगा रोजगार.
अखिलेश यादव ने कहा कि मैं सौरभ के परिवार के लोगों से मिला हूं. उनके भाई से लेकर उनके पिता और अन्य लोगों से मेरी मुलाकात हुई है. आज के समय में ऐसी घटना हो जहां पुलिस अपराधियों के साथ मिली हो, एक तरफ पुलिस मिलकर साजिश करके अपराधियों के साथ खड़ी हुई है. पुलिस ने जानबूझकर उसके भाई को भी जेल में रखा. जो मुख्यमंत्री जी सदन में और भारतीय जनता पार्टी के लोग कहते हैं जीरो टॉलरेंस इसका मतलब क्या यही है. सौरभ यादव जैसे नौजवान की हत्या हो गई क्या यही जीरो टॉलरेंस है. अगर पुलिस पहुंचती तो उसका भाई बच जाता, लेकिन पुलिस तो अपराधियों से मिली थी.
अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि सबसे दुख की बात यह है अगर मुख्यमंत्री की बिरादरी का कोई होता तो वह सब सीमाएं लांघ जाते. यह कहां का न्याय है. क्या यही जीरो टॉलरेंस है. अपनी बिरादरी के लोग कहीं भी किसी जगह बैठे हो उनका कानून और संविधान की कोई परवाह नहीं है, क्या यही जीरो टॉलरेंस है या पहली घटना नहीं है.
उत्तर प्रदेश में मैं तमाम उदाहरण दे सकता हूं. जहां बीजेपी के लोग शामिल रहे. कानपुर के परिवार से मैं मिला यहां बीजेपी के सभासद पति ने सिर्फ ट्रैफिक जाम में गाड़ी आगे पीछे होने पर इतना मारा कि उसकी आंखें चली गई. इस कानपुर में बीजेपी के एक नेता ने गरीब किसान से पैसा लिया थे. 6 करोड़ रुपए और जमीन लिखवा दी. जब जमीन लिखवाने के बाद उसने चेक देखा जो गड़बड़ था और वह चेक लेकर नेता ने फाड़ दिया.
वह खुलेआम घूम रहा है पुलिस से उसका संपर्क है. उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन इनका बुलडोजर कहां है. यह उन अधिकारियों के घरों पर बुलडोजर चलेगा क्या जो दोषी हैं? आज के समय में ऐसा संभव है क्या इसी तरह का लॉ एंड ऑर्डर है या दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी. परिवार की मदद नहीं होगी.
यह सरकार की जिम्मेदारी है कि अगर किसी गरीब के यहां घटना घटी है तो उसकी मदद हो अभी पिछले दिनों एक घटना घटी थी. जिसमें बुलडोजर से मां बेटी की मौत हुई थी उसमें पूरा प्रशासन शामिल था डिप्टी सीएम ने आश्वासन दिया था, क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई हुई? क्या उनको जेल भेजा गया? या परिवार के लोगों को सरकारी नौकरी मिली?
अखिलेश ने कहा कि मैं आज सौरभ के परिवार के लिए भी मदद मांग रहा हूं. बुलडोजर से जो मां बेटे की जान गई उनके परिवार के लोगों को भी मदद मिलनी चाहिए. कम से कम 50 लाख रुपए की मदद होनी चाहिए. अखिलेश यादव ने कहा कि यह बीजेपी का एजेंडा है. हमें और आपको गुमराह करने के लिए सनातन धर्म को लेकर बेवजह की बात करते हैं. यह सनातन धर्म के लोग खुद नहीं है.
यह लोग खुद नॉनवेज खाते हैं, क्या बीजेपी के लोग सनातन होकर नॉनवेज नहीं खाते. बीजेपी के लोग खुद बताएं कि सनातनी की परिभाषा क्या है? जो नॉनवेज खुद खाते हो नॉनवेज वह बताएं बीजेपी के पीछे कैमरा लगा कर देख लीजिए वह खुद पता चल जाएगा वह वेज खाते हैं कि नॉनवेज. आप बताइए सनातनी वेज खाते हैं या नॉनवेज. असली सनातनी तो दूध भी नहीं पीते हैं, क्योंकि उसमें अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो सच्चे सनातनी है वह तो मुंह ढक कर रखते हैं, ताकि कोई जीवाणु या झटके में भी जीव कोई मुंह में ना चला जाए अनजाने में उसकी हत्या ना हो जाए.
अखिलेश ने कहा आप वरुणा नदी को भी बर्बाद कर रहे हैं. गंगा को बर्बाद कर चुके हैं. यमुना नदी और सहायक नदियां जो भी है गंगा की सब बर्बाद हो चुकी हैं. यह लोग वही हैं जो मां गंगा का पानी लेकर कसम खाते हैं. हमारे यहां यही मान्यता है की मां गंगा सभी के पाप धोती हैं. हमें उम्मीद है 2024के बीजेपी का भी सब धुल जाएगा. हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में कोई अच्छा गठबंधन बनेगा और रास्ता निकलेगा.
समाजवादियों ने हमेशा साथ लिया है और अगर कोई भी गठबंधन समाजवादी पार्टी से करता है. जिसके पास अच्छे प्रत्याशी हैं. वह आए साथ रहे हमारे हम भी उनके साथ देंगे. हमारा साथ देंगे और बीजेपी को हराएंगे. वही ओमप्रकाश राजभर को लेकर अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा कि यह रिक्त स्थान भरो यानी फील इन द ब्लैंक्स टाइप के नेता है. हम लोग बचपन में रिक्त स्थान भरते थे. इसी तरह कुछ लोग राजनीति में हैं जो कभी-कभी टीवी चैनल और अन्य जगहों पर क्या दिखाएं. उसमें रिक्त स्थान भर देते हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि मैं कुछ भी गलत नहीं करता हूं. मेरा कहना है कि मैं ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर कुछ भी गलत नहीं कहा है मुझे अगर पेड़ मिल जाए तो मैं उसको भी प्रणाम करता हूं. मैं उसकी पूजा करूंगा, पत्थर रख हो पेड़ के नीचे तो हम उसकी पूजा करते हैं लाल कपड़ा रख हो उसकी पूजा हम करते हैं लाल कपड़ा, पीपल के पेड़ के नीचे हम उसकी पूजा करने लगते हैं.
यहां से लखनऊ तक चलिए मैं दिखाता हूं. कितनी जगह मिल जाएगी. सनातन धर्म को लेकर भ्रमित मत कीजिए हम पेड़, पानी, पहाड़ सब पूजते हैं. पांच तत्व हैं जिससे हम बने हैं. हम सभी की पूजा करते हैं यही हमारा सनातन धर्म है जो कैसे हुआ है उसमें हमारा वकील जवाब देगा, जो हमने परिभाषा पड़ी है. वही पड़ी है. कितने घोटाले हुए हैं मां गंगा की सफाई के लिए नल की सफाई सीवर की सफाई हर जगह करोड़ों रुपए पर मीटर खर्च किया गया है.
सदन में नहीं सरकार को जवाब देना चाहिए कि अगर इस तरह का घोटाला हो रहा है, तो गरीब को इलाज कैसे मिले और दोषी को सजा नहीं दोगे तो भ्रष्टाचार चलता ही रहेगा. वही अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लोग अपना रूप बदल लेते हैं जैसे सीता को हारने के लिए रावण ने रूप बदला था. वैसे बीजेपी के लोग भी रूप बदलते हैं उनके भ्रम में मत आइएगा.
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