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Varanasi news: अखिलेश और ओवैसी के खिलाफ पुनः निगरानी याचिका दाखिल, 25 मार्च को होगी सुनवाई

अखिलेश और ओवैसी के खिलाफ पुनः निगरानी याचिका दाखिल की गई है. चलिए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में.

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Published : Mar 10, 2023, 3:50 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई समेत लगभग 2000 लोगों के खिलाफ 156 (3) के तहत मुकदमा दर्ज करने की याचिका खारिज किए जाने के बाद शुक्रवार को जिला जज न्यायालय में इसे पुनः निगरानी याचिका के रूप में दायर किया गया. इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका पर 25 मार्च को अगली सुनवाई की तिथि तय की है.

याचिका दायर करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने बताया कि पिछले साल मई 2022 में कोर्ट की तरफ से कमीशन कार्यवाही के आदेश के दौरान यहां एक शिवलिंगनुमा आकृति मिली थी. ज्ञानवापी परिसर में इस आकृति के मिलने के बाद हिंदू सनातनी बेहद खुश थे, लेकिन इसे लेकर अखिलेश सिंह यादव और असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई समेत कई लोगों की ओर से लगातार इसे फव्वारा कहकर जन भावनाएं आहत की गईं थीं.

इस मामले की लगातार सुनवाई हुई. 14 फरवरी को कोर्ट ने इसे राज्य के संज्ञान में मामला बताते हुए खारिज कर दिया. इसके बाद इसे पुनः निगरानी के लिए आज जिला जज न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है. यहां दायर याचिका को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 25 मार्च को अब इस पर अगली सुनवाई की तिथि मुकर्रर की है.

वहीं, हरिशंकर पांडेय का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से लोगों की जन भावनाओं को आहत करने वाला है और इसे लेकर कोर्ट काफी गंभीरता से सुनवाई कर रहा था. हालांकि आखिरी में पता नहीं क्यों कोर्ट की तरफ से इस तरह का आदेश जारी करते हुए इसे खारिज किया गया. यही वजह है कि इसे पुनः निगरानी के लिए कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया गया है ताकि इस मामले में उचित कार्यवाही की जा सके.

ये भी पढ़ेंः Varanasi में सांसद मनोज तिवारी बाेले- केजरीवाल साजिशों के मास्टर, मनीष सिसोदिया की हत्या कराना चाहते हैं

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई समेत लगभग 2000 लोगों के खिलाफ 156 (3) के तहत मुकदमा दर्ज करने की याचिका खारिज किए जाने के बाद शुक्रवार को जिला जज न्यायालय में इसे पुनः निगरानी याचिका के रूप में दायर किया गया. इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका पर 25 मार्च को अगली सुनवाई की तिथि तय की है.

याचिका दायर करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने बताया कि पिछले साल मई 2022 में कोर्ट की तरफ से कमीशन कार्यवाही के आदेश के दौरान यहां एक शिवलिंगनुमा आकृति मिली थी. ज्ञानवापी परिसर में इस आकृति के मिलने के बाद हिंदू सनातनी बेहद खुश थे, लेकिन इसे लेकर अखिलेश सिंह यादव और असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई समेत कई लोगों की ओर से लगातार इसे फव्वारा कहकर जन भावनाएं आहत की गईं थीं.

इस मामले की लगातार सुनवाई हुई. 14 फरवरी को कोर्ट ने इसे राज्य के संज्ञान में मामला बताते हुए खारिज कर दिया. इसके बाद इसे पुनः निगरानी के लिए आज जिला जज न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है. यहां दायर याचिका को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 25 मार्च को अब इस पर अगली सुनवाई की तिथि मुकर्रर की है.

वहीं, हरिशंकर पांडेय का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से लोगों की जन भावनाओं को आहत करने वाला है और इसे लेकर कोर्ट काफी गंभीरता से सुनवाई कर रहा था. हालांकि आखिरी में पता नहीं क्यों कोर्ट की तरफ से इस तरह का आदेश जारी करते हुए इसे खारिज किया गया. यही वजह है कि इसे पुनः निगरानी के लिए कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया गया है ताकि इस मामले में उचित कार्यवाही की जा सके.

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